राजीव गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा

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राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईएटीए: HYDआईसीएओ: VOHS) एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो भारतीय राज्य तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थित है। यह हैदराबाद के दक्षिण में लगभग स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। पर शमशाबाद में स्थित है। इसे 23 मार्च 2008 को बेगमपेट हवाई अड्डे को बदलने के लिए खोला गया था। इसका नाम भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया है। इसे एयरहेल्प की दुनिया के शीर्ष 10 हवाई अड्डों की सूची में भी स्थान दिया गया है।[१] वित्तवर्ष 2021 में, पहली बार, राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा चेन्नई को पछाड़कर यात्री संख्या की श्रेणी में भारत का चौथा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा बन गया। इसने अप्रैल 2020 और मार्च 2021 के अंतराल में 8 लाख ४० हज़ार यात्रियों को सेवाएँ दीं।

हवाई अड्डे के पास एक यात्री टर्मिनल, एक कार्गो टर्मिनल और दो रनवे हैं। विमानन प्रशिक्षण सुविधाएं, एक ईंधन फार्म, एक सौर ऊर्जा संयंत्र और दो एमआरओ सुविधाएं भी हैं। हवाई अड्डा एलायंस एयर (इंडिया), ब्लू डार्ट एविएशन, स्पाइसजेट, लुफ्थांसा कार्गो, क्विकजेट कार्गो, ट्रूजेट और इंडिगो के लिए एक हब के रूप में कार्य करता है। यह एयर इंडिया का फोकस शहर है।

इतिहास

राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की 10वीं वर्षगांठ को समर्पित 2018 की स्टैंप शीट

योजना (1997-2004)

तत्कालीन वाणिज्यिक हवाई अड्डा, बेगमपेट हवाई अड्डा, बढ़ते यात्री यातायात को संभालने में असमर्थ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने शुरू में हकीमपेट वायु सेना स्टेशन को नागरिक उपयोग में बदलने पर विचार किया जिसे वायु सेना ने इनकार कर दिया।[२] जब राज्य ने वायु सेना के लिए एक नए हवाई अड्डे के निर्माण का प्रस्ताव रखा, तो रक्षा मंत्रालय ने सुझाव दिया कि राज्य बेगमपेट हवाई अड्डे के दक्षिण में स्थित स्थलों पर विचार करें।[३] अक्टूबर 1998 तक, राज्य ने नए हवाई अड्डे के लिए तीन संभावित स्थानों पर विचार शुरु कर दिया था: बोंग्लूर, नादरगुल और शमशाबाद[४] दो राजमार्गों ( एनएच 44 और एनएच 765 ) और एक रेलवे लाइन के पास इसके सुविधाजनक स्थान के कारण,[३] शमशाबाद को दिसंबर 1998 में चुना गया था।[५]

नवंबर 2000 में, एन. चंद्रबाबू नायडू सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (भाविप्रा) के तहत ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा परियोजना पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, इसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी के रूप में शुरु किया गया था।[६] राज्य और भाविप्रा मिलकर परियोजना में 26% हिस्सेदारी रखते, जबकि शेष 74% निजी कंपनियों को आवंटित किए जाने वाले थे। एक बोली प्रक्रिया के माध्यम से शमशाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ पहले से ही स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। की भूमि जिसका अधिग्रहण सरकारी कब्जे में था का मालिकान हक एन० चंद्रबाबू नायडू ने ग्रैंडी मल्लिकार्जुन राव (जीएमआर ग्रुप) और मलेशिया एयरपोर्ट होल्डिंग्स बरहाद के मिलकर बनाए गए कंसोर्टियम को 74% हिस्सेदारी के साथ सौंपा थी।[३][७] दिसंबर 2002 में, हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एचआईएएल), जिसे बाद में जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (जीएचआईएएल) नाम दिया गया, को एक विशेष प्रयोजन इकाई के रूप में बनाया गया, जिसमें राज्य, भाविप्रा और जीएमआर-एमएएचबी ने अपना हिस्सा लगाया।[३][८]

सितंबर 2003 में, जीएचआईएएल के सदस्यों ने एक शेयरधारकों के समझौते पर हस्ताक्षर किए, साथ ही 4 अरब (US$५२.४९ मिलियन) से अधिक की राज्य द्वारा मिलने वाली सब्सिडी के लिए एक समझौता किया।[३][९] दिसंबर 2004 में जीएचआईएएल और केंद्र सरकार के बीच एक रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें यह निर्धारित किया गया था कि निर्माणाधीन हवाई अड्डे के स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। की त्रिज्या के भीतर कोई हवाई अड्डा संचालित नहीं किया जाएगा।[१०] इस प्रकार, बेगमपेट हवाई अड्डे को बंद करना आवश्यक हो गया।[११]

निर्माण और उद्घाटन (2005-2008)

टर्मिनल का चेक-इन क्षेत्र
प्रस्थान क्षेत्र

वाईएस राजशेखर रेड्डी के सत्ता हासिल करने के बाद परियोजना को आगे बढ़ाया गया और 16 मार्च 2005 को जीएमआर द्वारा निर्माण शुरू किया गया जब सोनिया गांधी ने इसकी आधारशिला रखी।[१२] दो दिन पहले, केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के नाम पर हवाई अड्डे का नाम रखा था,[१३] जिन्होंने हैदराबाद में पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त किया था।[१४] नामकरण के परिणामस्वरूप तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने विरोध किया। बेगमपेट हवाई अड्डे पर, अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल का नाम राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था, जबकि घरेलू टर्मिनल का नाम टीडीपी के संस्थापक एनटी रामा राव के नाम पर रखा गया था; टीडीपी इस नामकरण परंपरा को नए हवाई अड्डे पर जारी रखना चाहती थी। हालांकि, नए हवाईअड्डे पर केवल एक टर्मिनल है।[१५]

शिलान्यास समारोह के लगभग तीन साल बाद, विरोध के बीच 14 मार्च 2008 को हवाई अड्डे का उद्घाटन किया गया। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने घरेलू टर्मिनल के नामकरण की अपनी मांग दोहराई।[१४] इसके अलावा, 12 और 13 मार्च को, 20,000 भाविप्रा कर्मचारियों ने बेगमपेट हवाई अड्डे के साथ-साथ बैंगलोर में एचएएल हवाई अड्डे को बंद करने के खिलाफ हड़ताल की थी। उन्हें इस बात का डर था कि वे इस कारण से अपनी नौकरी खो देंगे।[१६][१७]

आरजीआईए मूल रूप से 16 मार्च 2008 को वाणिज्यिक संचालन के लिए खुलने वाला था; हालांकि, हवाईअड्डे पर ग्राउंड हैंडलिंग की ज्यादा दरों पर कुछ एयरलाइनों के विरोध के कारण तारीख में देरी हुई थी। दरों में कमी के बाद, शुरुवात की तारीख 23 मार्च 2008 निर्धारित की गई थी।[१८] हालांकि फ्रैंकफर्ट से लुफ्थांसा फ्लाइट 752 आरजीआईए में उतरने वाली पहली उड़ान थी, लेकिन स्पाइसजेट की दो उड़ानें पहले उतरीं।[१९] हालाँकि, लुफ्थांसा की उड़ान का इसके बावजूद उसके 12:25 बजे के आगमन पर नियोजित औपचारिक स्वागत किया गया।[१९][२०]

बाद के घटनाक्रम (2009-वर्तमान)

सितंबर 2011 में, स्पाइसजेट ने अपने नए बॉम्बार्डियर क़्यु400 विमान का उपयोग करते हुए, आरजीआईए में अपना क्षेत्रीय केंद्र शुरु किया। यह विमानन कंपनी, जिसने देश में भौगोलिक रूप से केंद्र में होने के कारण हैदराबाद को चुना, हवाई अड्डे से कई टियर- II और टियर- III शहरों के लिए उड़ान भरती है।[२१] जुलाई 2015 में परिचालन शुरू करने पर क्षेत्रीय एयरलाइन ट्रूजेट ने भी आरजीआईए में एक हब खोला।[२२]

नवंबर 2014 में, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने संकल्प लिया कि आरजीआईए के घरेलू टर्मिनल का नाम एनटी रामा राव के नाम पर रखा जाएगा, जिसका राज्यसभा के कुछ सदस्यों ने विरोध किया।[२३][२४] हवाईअड्डे के अधिकारी इस बात को लेकर अनिश्चित रहे कि नामकरण कैसे होगा।[२५]

स्वामित्व

आरजीआईए का स्वामित्व और संचालन जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (जीएचआईएएल) द्वारा किया जाता है, जो एक सार्वजनिक-निजी उद्यम है। यह सार्वजनिक संस्थाओं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (13%), तेलंगाना सरकार (13%), साथ ही जीएमआर समूह (63%) और मलेशिया एयरपोर्ट होल्डिंग्स बरहाद (11%) के बीच एक निजी संघ से बना है।[२६] जीएचआईएएल और केंद्र सरकार के बीच रियायत समझौते के अनुसार, जीएचआईएएल को 30 वर्षों के लिए हवाई अड्डे को संचालित करने का अधिकार है। उसके पास इसके बाद भी और 30 वर्षों तक इसे जारी रखने का विकल्प भी उपलब्ध है।[२७]

सुविधाएं

संरचना

हवाई अड्डा स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। में फैला हुआ है। जिसमें से स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। को हवाई अड्डे की जरूरतों के लिए विकसित किया गया है, जिसमें मुख्य रूप से स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। भूमि विमान क्षेत्र है और स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। भूमि भू-भाग की सुविधा है। शेष स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। हवाई अड्डे का विस्तार है। आगे जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। हवाई अड्डे की पूरी योजना स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। के भीतर सीमित है।[२८]

रनवे

हवाई अड्डे के दो रनवे हैं:[२९]

  • रनवे 09L/27R: स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  • रनवे 09R/27L: स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, आईएलएस सुसज्जित।

रनवे 09R/27L, मूल और प्राथमिक रनवे, एयरबस A380 को उतराने में सक्षम होने के लिहाज से काफी लंबा है जो दुनिया का सबसे बड़ा यात्री विमान है।[३०] मूल रूप से एक टैक्सीवे, रनवे 09L/27R का उद्घाटन फरवरी 2012 में किया गया था। इसकी लंबाई मुख्य रनवे से कम है और यह एयरबस ए340 और बोइंग 747 जैसे विमानों को संभालने में सक्षम है। यह मुख्य रूप से तब उपयोग किया जाता है जब रनवे 09R/27L पर रखरखाव हो रहा हो। जैसे-जैसे हवाई अड्डे पर हवाई यातायात और बढ़ता जाएगा, इसका अधिक बार उपयोग किया जाएगा।[३१] इन रनवे के उत्तर में तीन पार्किंग एप्रन हैं: माल ढुलाई, यात्री टर्मिनल और एमआरओ एप्रन। यात्री टर्मिनल के एप्रन में टर्मिनल के उत्तर और दक्षिण दोनों ओर पार्किंग स्थल हैं।

टर्मिनल

आरजीआईए का एक एकीकृत यात्री टर्मिनल है, जो स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। क्षेत्रफल में फैला हुआ है और प्रति वर्ष 12 मिलियन यात्रियों को संभालता है।[३२] टर्मिनल का पश्चिमी भाग अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को संभालता है जबकि पूर्वी भाग घरेलू संचालन के लिए है।[३३] स्व:टिकट जांच (सेल्फ चेक-इन) के लिए 19 स्वचालित मशीनों के साथ 46 प्रवासी काउंटर और 96 चेक-इन डेस्क हैं। [३४] यहाँ कुल नौ द्वार हैं, जिनमें से सात टर्मिनल के दक्षिण की ओर और अन्य दो उत्तर की ओर स्थित हैं। चौडे शरीर वाले विमानों के संचालन में तेजी लाने के लिए तीन द्वार जेटवे से सुसज्जित हैं, जिनमें प्रत्येक के पास दो जेटवे है। प्लाजा प्रीमियम लाउंज द्वारा सार्वजनिक लाउंज सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जो टर्मिनल में तीन लाउंज संचालित करती है; अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए तीन अलग लाउंज भी हैं।[३५] सुरक्षा जाँच से पहले स्थित एयरपोर्ट विलेज "हवाई अड्डा गांव" यात्रियों के बाहरी लोगों से मिलने के लिए एक स्थान है।[३३]

हवाई अड्डे पर 57 पार्किंग स्थल, 47 दूरस्थ पार्किंग स्थल और 10 विमान पुल हैं। जनवरी 2019 में जीएचएआईएल ने 26 और पार्किंग स्थल जोड़े, जिससे अब यहां पर कुल 83 पार्किंग स्थल हो गए हैं।[३६]

आंकड़े

देखें स्त्रोत विकीडाटा क़्वेरी.


जीएमआर एयरोस्पेस पार्क

जीएमआर एयरोस्पेस पार्क में मुख्य रूप से विमानन क्षेत्र से संबंधित कई सुविधाएं हैं।[३७] इसमें स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। विशेष आर्थिक क्षेत्र है, जिसमें स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। मुक्त व्यापार और वेयरहाउसिंग क्षेत्र, साथ ही एक घरेलू टैरिफ क्षेत्र भी शामिल है।[३८]

विमानन प्रशिक्षण

जीएमआर एविएशन अकादमी पार्क में स्थित है। इसकी स्थापना 2009 में इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए), इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (आईसीएओ), एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के सहयोग से की गई थी। अकादमी हवाई अड्डे के संचालन से संबंधित कार्यक्रम प्रदान करती है, जो सूचीबद्ध संगठनों द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।[३९][४०] पार्क में एशिया प्रशांत उड़ान प्रशिक्षण (एपीएफटी) अकादमी भी है जो कि जीएमआर समूह और एशिया प्रशांत उड़ान प्रशिक्षण की एक पहल है। 2013 में शुरू किया गया, यह पायलट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करता है।[४१][४२]

जीएमआर एयरो टेक्निक लिमिटेड एमआरओ

जीएमआर एयरो टेक्निक लिमिटेड द्वारा संचालित एमआरओ हवाई अड्डे पर दो एमआरओ में से एक है। 3.5 अरब (US$४५.९३ मिलियन) की लागत से निर्मित और मार्च 2012 में शुरु हुई[४३] यह सुविधा एक साथ पांच विमानों को संभाल सकती है।[४४] प्रारंभ में, एमआरओ जीएमआर समूह और मलेशियाई एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (एमएई), मलेशिया एयरलाइंस की सहायक कंपनी के बीच एक संयुक्त उद्यम था। हालांकि, मलेशिया एयरलाइंस फ्लाइट 370 की घटना के बाद अपने मूल कंपनी की खराब वित्तीय स्थिति के दौरान, एमएई एमआरओ को और पूंजी देने में असमर्थ हो गया था क्योंकि वह पहले ही घाटे में चल रहा था।[४५] जीएमआर ने दिसंबर 2014 में एमएई की हिस्सेदारी खरीद ली थी।

जीएमआर एयरो टेक्निक लिमिटेड भारत में निजी क्षेत्र में एकमात्र एमआरओ है जिसमें एयरबस ए320 परिवार के विमान, बोइंग 737, एटीआर 72/42 और बॉम्बार्डियर डीएचसी क्यू 400 विमानों के रख रखाव की व्यापक क्षमता है। जीएमआर एयरो टेक्निक ईएएसए और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (भारत) और विभिन्न नागरिक उड्डयन प्राधिकरणों द्वारा अनुमोदित एक विश्व स्तरीय विमान रखरखाव संगठन है और दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में एएस9110 मानकों के लिए प्रमाणित कुछ एमआरओ में से एक है।

अन्य सुविधाएं

एयर इंडिया एमआरओ

एक अन्य एमआरओ एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल) द्वारा संचालित है, जो एयर इंडिया की सहायक कंपनी है। स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। में फैली इस सुविधा की निर्माण लागत ७९० मिलियन (US$१०.३७ मिलियन) है। इसे मई 2015 में खोला गया था।[४६][४७]

कार्गो टर्मिनल

कार्गो टर्मिनल पर, लुफ्थांसा कार्गो बोइंग 777एफ के साथ सामान उतारते हुए।

कार्गो टर्मिनल यात्री टर्मिनल के पश्चिम में स्थित है। इसका क्षेत्रफल स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। हैं और यह स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। माल को संभाल सकता है।[४८] टर्मिनल का संचालन हैदराबाद मेन्ज़ीज़ एयर कार्गो प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाता है, जो जीएचआईएएल (51%) और मेन्ज़ीज़ एविएशन (49%) के बीच एक संयुक्त उद्यम है।[४९] टर्मिनल के भीतर एक औषधि (फार्मा) क्षेत्र है, जो एक तापमान नियंत्रित सुविधा है जिसे फार्मास्यूटिकल्स के भंडारण के लिए डिज़ाइन किया गया है। भारतीय हवाईअड्डे पर खोली जाने वाली इस तरह की पहली सुविधा, आरजीआईए के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हवाई अड्डे से निर्यात का 70% हिस्सा फार्मास्यूटिकल्स का है।[४९][५०] मई 2011 में, लुफ्थांसा कार्गो ने हवाई अड्डे पर अपना पहला फार्मा हब शुरु किया था।[५१]

ईंधन क्षेत्र

हवाई अड्डे के पास तीन भंडारण टैंकों से युक्त एक ईंधन क्षेत्र है, जिसकी कुल क्षमता जेट ईंधन का स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। है। टैंक भूमिगत पाइपलाइनों के माध्यम से एप्रन से जुड़े हुए हैं।[३०] रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फार्म का निर्माण और संचालन किया, जिसका उपयोग किसी भी तेल कंपनी द्वारा खुली पहुंच रूपरेखा (ओपन-एक्सेस मॉडल) के तहत किया जा सकता है।[५२]

सौर ऊर्जा संयंत्र

जनवरी 2016 में, जीएचआईएएल ने आरजीआइए के पास एक 5 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र चालू किया, जिसका उपयोग हवाई अड्डे की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा। इसे ३०० मिलियन (US$३.९४ मिलियन) की लागत से स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। में बनाया गया था।[५३] अगले दो से तीन वर्षों में, संयंत्र की क्षमता को बढ़ाकर 30 मेगावाट कर देने की योजना थी, जिससे आरजीआईए पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित हो सके।[५४]

हवाई अड्डा होटल

हैदराबाद हवाई अड्डे पर नोवोटेल होटल

नोवोटेल हैदराबाद हवाई अड्डा, आरजीआईए से स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। की दूरी पर स्थित है। इसे अक्टूबर 2008 में खोला गया था। होटल में 305 कमरे, दो रेस्तरां और एयर क्रू के लिए एक लाउंज शामिल है।[५५] सहायक जीएमआर होटल्स एंड रिसॉर्ट्स लिमिटेड में स्थानांतरित होने से पहले इसका स्वामित्व जीएचआईएएल के पास था। कम उपयोग से हो रहे अधिक नुकसान के कारण,[५६] जीएमआर ने अगस्त 2015 में होटल के खरीदारों की तलाश शुरू की।[५७]

संपर्क और पहुंच

टर्मिनल के बाहर टैक्सी स्टैंड

सड़क

आरजीआईए हैदराबाद शहर से रारा 44, रारा 765 और बाहरी गोलमार्ग से जुड़ा हुआ है। अक्टूबर 2009 में, पीवी नरसिम्हा राव एक्सप्रेसवे मेहदीपट्टनम और आरामघर के बीच बन कर तैयार हुआ, जहां यह रारा44 से जुड़ता है। 13 किमी के इस लंबे फ्लाईओवर ने हवाई अड्डे और शहर के बीच यात्रा के समय को 30-40 मिनट तक कम कर दिया है। इस फ्लाई ओवर पर तीन प्रवेश और निकास बिंदु भी हैं।[५८]

तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम की "पुष्पक - एयरपोर्ट लाइनर" सेवा शहर के विभिन्न हिस्सों से यहाँ के लिए बस परिवहन प्रदान करती है।[५९] इसे जीएमआर की एयरो एक्सप्रेस सेवा से बदल कर दिसंबर 2012 में शुरु किया गया था।[६०]

रेल

हैदराबाद मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण के तहत, एक स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। रायदुर्ग/ गच्चीबौली और आरजीआईए के बीच रेल संपर्क का निर्माण किया जाएगा।[६१] 2015 के अंत तक, चरण पर व्यवहार्यता अध्ययन चल रहे हैं।[६२][६३] अगस्त 2019 में, केटी रामा राव ने कहा कि राज्य कैबिनेट ने रायदुर्ग से हवाई अड्डे तक हैदराबाद मेट्रो एयरपोर्ट एक्सप्रेस लिंक को मंजूरी दे दी है।[६४]

यहाँ से सबसे समीप का रेलवे स्टेशन उम्दा नगर है।[६५]

संदर्भ

बाहरी संबंध

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  29. (15 May 2014) Aeronautical Charts Rajiv Gandhi International Airport Shamshabad (Hyd). (Report).
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