राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जाफरपुर
चौधरी ब्रह्म प्रकाश राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय | |
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आदर्श वाक्य: | बुर्द्धि ज्ञानेन शुद्धतिः |
स्थापित | २००७ |
प्रकार: | सार्वजनिक |
मान्यता/सम्बन्धता: | गुरु गोबिंद सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय |
विद्यार्थी संख्या: | ५७० |
अवस्थिति: | दिल्ली, भारत |
परिसर: | देहाती |
प्रधानाचार्य: | प्रो॰ विजय कुमार मिनोचा |
चौधरी ब्रह्म प्रकाश राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जाफरपुर या GEC का निर्माण दिल्ली सरकार के ट्रेनिंग एंड टेक्नीकल विभाग द्वारा सन २००७ में किया गया था। महाविद्यालय का नाम, दिल्ली के प्रथम मुख्य मंत्री, चौधरी ब्रह्म प्रकाश के नाम के ऊपर समर्पित किया गया है। यह महाविद्यालय देश का पहला ऐसा अभियांत्रिकी महाविद्यालय है जो सिविल इंजीनियरिंग को समर्पित है। यह महाविद्यालय गुरु गोबिन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है।
प्रतिष्ठान
राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय जाफरपुर का उद्घाटन दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित द्वारा सन २००७ में किया गया था। श्रीमती दीक्षित का कहना था की "महाविद्यालय का निर्माण उनकी सरकार का गाओं के उन्नति के प्रति एक और बड़ा कदम था।"
दिल्ली में स्नातक स्तर के विषयों में छात्रों के अंतर्ग्रहण की तुलना जब अन्य बड़े शहरो जैसे की बंगलोर, मुंबई, कोलकाता इत्त्यादि से की गयी तो दिल्ली का अंतर्ग्रहण सबसे कम पाया गया। उसी कमी को पूरा करने के लिए दिल्ली में और अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी स्तर के शैक्षिक संस्थानों के निर्माण की ज़रूरत पड़ी और उसी कार्य के लिए राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय का निर्माण एक ऐसा कदम था।
परिसर
महाविद्यालय का परिसर जाफरपुर कलां गाँव (दक्षिण पश्चिम दिल्ली) में १५ एकड़ के विशाल भूमि पर फैला हुआ है। महाविद्यालय राव तुलाराम स्मारक अस्पताल से सटा हुआ है। महविद्यालय के पश्चिमी दिशा में जवाहर नवोदय विद्यालय है तो पूर्वी दिशा में महाविद्यालय के परिसर में औद्योगिक प्रसिक्षण केंद्र है, जो की महाविद्यालय के परिसर में कार्यशील है।
महाविद्यालय भविष्य में अभियांत्रिकी में स्नातक, अधिस्नातक, तथा डाक्टोरल स्तर के अध्ययन शुरू करने की योजना कर रहा है। भविष्य में महाविद्यालय में २००० छात्र होंगे तथा आने वाले समय में सिविल इंजीनियरिंग और अन्य संबध क्षेत्रों में उत्कृष्टता का केंद्र बनाया जायेगा.
महाविद्यालय की सर्वाधिक सुविधाए अभी विस्तार पर है। विद्यार्थियों के लिए छात्रालय सुविधा अम्बेडकर विश्वविद्यालय द्वारका परिसर में उपलब्ध है। महाविद्यालय में एडूसैट सुविधा भी उपलब्ध है, जिसके उपयोग से छात्र और शिक्षक दूर बैठे पढ़ और पढ़ा सकते है। खेल कूद की सुविधाओ मे फुटबोल, क्रिकेट, वोल्लीबोल, टेबल टेन्निस इत्त्यादि छत्त्रो को उप्लब्ध है। .
अकादमिक
महाविद्यालय में संघ लोक सेवा आयोग नियुक्त तथा संविदात्मक, निहायत अनुभवी और योग्यता प्राप्त शिक्षक नियुक्त हैं। इसके अलावा अन्य अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संस्थानों जैसे दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज और नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संस्थान से भी शिक्षक राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय के छात्रों को पढाते है। राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय पूर्वस्नातक स्तर की "बैचेलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी" की उपाधियाँ प्रदान करता है। महाविद्यालय अभी निम्नलिखित पूर्वस्नातक पाठ्यक्रम में उपाधियाँ देता है:
- बैचेलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी सूचना प्रौद्योगिकी
- बैचेलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी सिविल इंजीनियरिंग
- बैचेलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी पर्यावरिक इंजीनियरिंग
महाविद्यालय में अगले शैक्षिक वर्ष से स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में भी पढाई शुरू होने की संभावना है।
प्रवेश
महाविद्यालय और अन्य संबध महाविद्यालयों में प्रवेश, गुरु गोबिंद सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय स्तर के सार्व प्रवेश परीक्षा में रैंक के आधार पर होता है। प्रवेश के लिए देश भर से लाखों छात्र परीक्षा में बैठते है। परन्तु इन सब छात्रों में से दिल्ली प्रान्त के छत्रों के लिए ८५ प्रतिशत सीटें आरक्षित होती है। और अन्य छात्रों के लिए १५ प्रतिशत सीटें आरक्षित होती है। छात्र जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में स्थित विद्यालयों/महविद्यालयों से परीक्षा उत्तीर्ण करते है, वे दिल्ली प्रान्त के छात्रों में आते है।
परिसर के विज्ञानवेत्ता यन्त्र
भूकम्प्मान
मैदान गमन के २४ घंटे माप के लिए परिसर में एक भूकंपमान लगाया गया है। दिल्ली स्ट्रांग मोशन उपकरण नेटवर्क के तहत यह यन्त्र, भूकंप अभियांत्रिकी विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संसथान रूरकी द्वारा वर्ष २००७ में लगाया गया था। इस यन्त्र से, मैदान गमन के माप रिक्टर पैमाने पर किये जाते है
वायुमंडलीय यन्त्र
भारत मौसम विज्ञानं विभाग, पुणे द्वारा वायुमंडलीय आंकड़े इकट्ठा करने के लिए एक वायुमंडलीय यन्त्र केंद्र, महाविद्यालय में वर्ष २००९ में लगाया गया था। यह यन्त्र जाफ्फरपुर कलां और आस पास के क्षेत्रो के तापमान, वर्ष गाढ़ता, वायु रफ़्तार, वायुमंडलीय दाब, नमी, विकिरण (वैश्विक विकिरण सेंसर) मापता है।
प्रदूषण उपदेशक
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वर्ष २००७ में तीन महीनो के लिए प्रदूषण निगरानी इकाई, महाविद्यालय के परिसर में लगाया. उस यन्त्र से निलंबित बात कण तथा श्वास निलंबित बात कण के माप लिए गए तथा यह अवलोकन किया गया की जाफ्फरपुर में दिल्ली के सबसे शुद्ध हवा है।
उत्सव तथा अन्य क्रियाएं
प्रारंभ महाविद्यालय के वार्षिक सांस्कृतिक फेस्टिवल का पहला प्रारूप था और एक्स्युबरेंस उसका दूसरा प्रारूप था। इसके अलावा महविद्यालय एक तिमाही पत्रिका इक्सपीडीशन (हिंदी अर्थ अभियान) भी प्रकाशित करता है। यह पत्रिका छात्र, कर्मचारी, शिक्षक समुदाय को एक आम मंच प्रदान करता है जिसके ज़रिये वे, अकादमिक घटना, सांस्कृतिक क्रिया, खेलकूद से जुड़े अपने तजुर्बे, खयाल, सूचना बांटते है।