योग और मोटापा
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योगासन से कम करे शरीर का भार|
मनुष्य को प्रकृति की ओर से संतुलित और सुडौल शरीर मिलता है, पर वह गलत रहन-सहन, बुरी आदत तथा खान-पान में अनियमितता के कारण इस शरीर को बेडौल बना लेता है। वैज्ञानिक रूप से मोटापा हम उसे कहते हैं जिसमें शरीर का वजन ऊँचाई के मान से अधिक होता है। आधुनिक समय में यह एक बीमारी के रूप में तेजी से फैल रहा है।
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हम शारीरिक श्रम उतना नहीं करते, जितना कि हमारे द्वारा खाए गए खाने के बाद किया जाना चाहिए। जो ऊर्जा शरीर में ज्यादा उत्पन्ना होकर अतिरिक्त रह जाती है, वह शरीर के उन्हीं भागों में चर्बी के रूप में एकत्र हो जाती है, जिनका उपयोग हम अधिक नहीं करते हैं।
कूल्हे व पीठ का भाग बढ़ जाता है, पेट के लटकने से मांसपेशियाँ ढीली हो जाती हैं, हाथों व जाँघों का थुलथुला हो जाना- ये सभी लक्षण मोटापे के रूप में दिखते हैं। मोटे व्यक्ति अधिकांशतः कब्ज के कारण पीड़ित रहते हैं और उन्हें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी, जोड़ों का दर्द, गठिया, घुटनों में दर्द की संभावना भी अधिक होती है।
मोटापा दूर करने के उपाय
- सुबह या शाम कम से कम तीन किलोमीटर तेज चलें। इसके अलावा दौड़ लगाना, तैरना, खेलना, साइकिल चलाना भी लाभदायक होता है। योगाभ्यास सर्वोत्तम उपाय इसलिए माना जाता है क्योंकि इससे मन-मस्तिष्क दोनों स्वस्थ रहते हैं। कपालभाति प्रपायाम १५ मिनट करना चाहिये।
- योगासन के साथ-साथ भोजन का ध्यान रखना भीजरूरी है। हरी पत्तेदार सब्जी-भाजी, मौसमी फल तथा फलों के रस का सेवन उपयोगी रहता है। भोजन में सलाद, सूप, छाछ, दही यदि लिया जाए व भोजनोपरांत पपीता, अमरुद और फलों का रस (आम रस नहीं) लिया जाए तो पाचन में सहयोग मिलता है।
- भूख लगने पर ही भोजन करें और भूख से थोड़ा कम खाना खाएँ। पानी अधिक पीएँ। शकर, नमक, मीठा, घी, तेल का उपयोग कम किया जाए तो भी बेहतर होगा। भोजन के बाद वज्रासन में पाँच-दस मिनट बैठने से पाचन क्रिया ठीक होती है।
- योगासन के समय मन व साँस को आसन व क्रियाओं के साथ रखना चाहिए। लंबी, गहरी साँस के साथ प्रत्येक क्रिया करना चाहिए जिससे पृथक-पृथक अंगों का स्ट्रेच और रिलेक्स (सिकुड़न और फैलाव) होगा व सभी अंगों को लाभ मिलेगा।
- आसन करने से पेहले किसि योग शिक्शक से पुरि जानकारि अवश्य ले| घर पर करने से लाभ मिलेगा मगर आपका तरिका सहि होना चाहिये।
मोटापा कम करने के लिए ये योगासन उपयोगी हैं
- त्रिकोणासन
- कोणासन
- पशुविश्रामासन
- उत्तानपादासन
- अर्धहलासन
- पादव्रित्तासन
- पवनमुक्तासन
- द्विचक्रिकासन
- सीधा नौकासन
- उल्टा नौकासन (पेट पे लैट के करनेवाला आसन स्रिया ना करे)
- सूर्य नमस्कार