योगेश्वर सिंह ‘योगेश’

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योगेश्वर सिंह ‘योगेश’ (23 अक्टूबर 1933-12 अगस्त 2009) नीरपुर गांव, पटना के रहने वाले थे। मगही के महाकवि कहे जाने वाले योगेश के लेखन की शुरुआत हिंदी से हुई थी और 1952 में आचार्य शिवपूजन सहाय की प्रेरणा से उनके रहस्यवादी हिंदी कविताओं का पहला संग्रह ‘विभा’ सामने आई थी। 1954-55 में उनका लगाव मगही से हुआ जो जीवनपर्यंत बना रहा। मगही समाज के लोकप्रिय कवि योगेश हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत के उद्भट विद्वान थे। यही अपने आप में लोक के प्रति उनकी सेवा भावना को दर्शाता है। शिक्षा अधिकारी के पद से सेवा निवृत्त पाने वाले योगेश ने दो दर्जन से अधिक पुस्तकों की रचना और कई पत्रिकाओं का संपादन किया है। मगही में जहां उन्होंने महाकाव्य ‘गौतम’ की रचना की, वहीं ‘मगही रामायण’ और ‘मगही गीता’ भी लिखी है।