यशस्विनी सिंह देसवाल

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यशस्विनी सिंह देसवाल (जन्म: 30 मार्च 1999) एक भारतीय शूटर हैं। उन्होंने रियो डी जेनेरो में आयोजित 2019 आईएसएसएफ विश्व कप में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता और 2021 टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए स्थान हासिल किया।

व्यक्तिगत जीवन और पृष्ठभूमि

यशस्विनी देसवाल का जन्म 30 मार्च 1999 को नई दिल्ली में हुआ था। यशस्विनी ने 15 साल की उम्र में शूटिंग बतौर एक खेल शुरू किया और फिर हर साल राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करती गईं।[१]

देसवाल के पिता एक पुलिस अधिकारी और खेल प्रेमी हैं. चूँकि देसवाल ने 10 मीटर एयर पिस्टल शूटर के रूप में शुरुआत की थी तो उनके माता-पिता ने पंचकुला में अपने घर पर ही उनके अभ्यास के लिए एक शूटिंग रेंज बना दिया था। पुलिस महानिरीक्षक (रिटायर्ड) टी एस ढिल्लन जो कि एक अंतरराष्ट्रीय शूटर हैं, उनके कोच बन गए. इसके बाद यशस्विनी ने दिसंबर 2014 में पुणे में आयोजित 58वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैम्पियनशिप में विभिन्न श्रेणियों में 3 स्वर्ण पदक जीते।[१]

देसवाल ने जून 2017 में जर्मनी के ज़ूल में आयोजित आइएसएसएफ़ (इंटरनेशनल स्पोर्ट शूटिंग फेडरेशन) जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी की।[२]

शुरुआती सालों में देसवाल के माता-पिता भी विदेश में विभिन्न टूर्नामेंट में उनके साथ जाते थे।[१]

उपलब्धियां

देसवाल ने 2012 में निशानेबाजी का अभ्यास शुरू किया। उन्होंने चीन के नानजिंग में आयोजित 2014 समर यूथ ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया, यहाँ वे 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फ़ाइनल में छठे स्थान पर रहीं।

2016 आइएसएसएफ़ जूनियर विश्व कप में, उन्होंने जर्मनी के ज़ूल में रजत पदक जीता। अज़रबैजान के क़ाबला में आयोजित दक्षिण एशियाई खेल 2016 में, उन्होंने टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक और व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक प्राप्त किया।[२]

2017 आइएसएसएफ़ जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में, उन्होंने विश्व जूनियर रिकॉर्ड 235.9 की बराबरी की और स्वर्ण पदक हासिल किया।

देसवाल ने रियो डी जेनेरो में आयोजित 2019 आइएसएसएफ़ विश्व कप में स्वर्ण पदक हासिल कर 2021 टोक्यो ओलंपिक के लिए क़ोटा बुक किया।[१][२]

अक्तूबर 2020 में देसवाल, पाँचवें इंटरनैशनल ऑनलाइन शूटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतीं लेकिन एनआरएआई से अनधिकृत प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उन्हें नैशनल राइफल एसोसिएशन (एनआरएआई) से फटकार मिली। हालाँकि कोच टीएस ढिल्लन ने कहा कि उन्हें कोविड महामारी के दरम्यान कुछ अभ्यास मैचों की ज़रूरत थी शयद इसिलिए उन्होंने इस टूर्नामेंट में भाग लिया और साथ ही उन्हें भविष्य में एनआरएआई के दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी।[३]

संदर्भ

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