यरकौड
| साँचा:if empty Yercaud ஏற்காடு | |
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यरकौड झील | |
| साँचा:location map | |
| निर्देशांक: साँचा:coord | |
| देश | साँचा:flag/core |
| प्रान्त | तमिल नाडु |
| ज़िला | सेलम ज़िला |
| क्षेत्र | साँचा:infobox settlement/areadisp |
| ऊँचाई | साँचा:infobox settlement/lengthdisp |
| जनसंख्या (2011) | |
| • कुल | ११,५८२ |
| • घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
| भाषा | |
| • प्रचलित | तमिल |
| समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
| वाहन पंजीकरण | TN 30, TN 54 |
यरकौड (Yercaud) भारत के तमिल नाडु राज्य के सेलम ज़िले में स्थित एक नगर है। यह पूर्वी घाट की शेवरोय पहाड़ियों में स्थित एक हिल स्टेशन है और यरकौड तालुका का मुख्यालय भी है।[१][२]
विवरण
अन्य हिल्स स्टेशनों से सस्ता यह स्थान धीरे-धीरे लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। लेकिन यहां उतनी भीड़ नहीं है जितनी ऊटी या कोडाइकनाल में होती है। प्रकृति को करीब से महसूस करने के इच्छुक लोगों के लिए यह एक उपयुक्त जगह है।
मुख्य आकर्षण
यरकौड झील
यरकौड का सबसे बड़ा आकर्षण यहां की झील है। यहां की ठंडी हवा आपको तरोताजा कर देगी। झील के पास ही अन्ना पार्क है जहां तरह-तरह के फूल आपको अपनी ओर आकर्षित करते हैं। मई के महीने में यहां काफी भीड़भाड़ होती है। उस समय यहां ग्रीष्म महोत्सव का आयोजन किया जाता है। झील के बीच में एक द्वीप है जिसे ओवरब्रिज द्वारा मुख्य भूमि से जोड़ा गया है। इस द्वीप पर हिरन और मोर देखे जा सकते हैं। इस झील में बोटिंग का भी प्रबंध है। लेकिन बोटिंग करते समय आपको सावधान रहने की जरुरत है।
शेवाराय मंदिर और भालू की गुफा
सर्वरायन पहाड़ी पर समुद्रतल से 5326 फीट ऊपर शेवाराय मंदिर है। यह स्थान यरकौड का सबसे ऊंची जगह है। यह मंदिर स्थानीय देवता सरवरन और उनकी पत्नी कवरिअम्मा को समर्पित है। यहां रहने वाली जनजाति के लोग प्रतिवर्ष मई में वार्षिकोत्सव मनाते हैं। मंदिर के रास्ते में नोर्टन बंगले के पास भालू की गुफा है। यह माना जाता है कि बहुत समय पहले यह एक राजा की गुप्त सुरंग का प्रवेश द्वार था।
किलियुर जलप्रपात
यह जलप्रपात यरकौड से 3 किलोमीटर दूर है। 300 फीट ऊंचे इस प्रपात तक पहुंचने का रास्ता बहुत रोमांचक है। अधिक उम्र के व्यक्तियों को यहां जाने में कठिनाई हो सकती है।
लेडीज सीट
यहां से घाट रोड का नजारा दिखाई देता है। रात को यहां आना बेहतर रहेगा। उस समय रोशनी में जगमगाता सालेम शहर बहुत ही खूबसूरत नजर आता है। लेडीज सीट पर एक टेलीस्कोप है जिसके जरिए मैदानी इलाके को और नजदीक से देखा जा सकता है। यहां से बाएं जाने पर कावेरी नदी पर बना मेत्तूर बांध दिखाई देगा।
वनस्पति उद्यान
यरकौड के वनस्पति उद्यान में पौधों की अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें पिचर प्लांट जैसी दुर्लभ प्रजातियां भी शामिल है। यहां कुरिंजी फूल (जो बारह साल में एक बार उगता है) का नमूना भी देखा जा सकता है। यहां भारत का तीसरा सबसे बड़ा ऑर्किडेरिअम है। इसमें ऑर्किड की सौ से ज्यादा किस्में रखी गई हैं। इनमें से कुछ तो विश्व में और कहीं नहीं मिलती। वनस्पति विज्ञान में रुचि रखने वाले को यहां अवश्य आना चाहिए।
आसपास दर्शनीय स्थल
सेलम
स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। (30 किलोमीटर) यह इस क्षेत्र का सबसे बड़ा नगर है। यहां कुछ प्राचीन मंदिर हैं। लेकिन इसकी मुख्य पहचान यहां स्थापित उद्योगों से है। इनमें प्रमुख हैं स्टील, साबूदाना और हस्त करघा उद्योग।
नमक्कल
(48 किलोमीटर) यह जगह एक छोटी सी पहाड़ी के नीचे स्थित है। इस पहाड़ी के ऊपर एक किला है। यहां चट्टानों को काटकर बनाए गए दो गुफा मंदिर हैं जिनमें से एक नरसिम्हास्वामी को और दूसरा रंगनाथस्वामी को समर्पित है। इस स्थान पर हनुमान जी की 20 फीट ऊंची प्रतिमा है जो एक ही पत्थर को काटकर बनाई गई है।
अरंगलूर
(74 किलोमीटर) इस गांव पर एकंबरा मुदलियार नामक राजा का शासन था। यहां पर दो प्रमुख मंदिर हैं। इनमें से एक मंदिर श्री कामेश्वर को और दूसरा करिवरडपेरुमल को समर्पित है। अरंमलूर के बाहरी हिस्से में तिसंगनूर गांव में भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा है।
आवागमन
- हवाई मार्ग
नजदीकी हवाई अड्डा तिरुचिरापल्ली है। इसके अलावा कोयंबटूर और बैंगलोर हवाई अड्डों से भी यहां पहुंचा जा सकता है।
- रेल मार्ग
मुख्य जंक्शन सलेम यहां के 31 किलोमीटर दूर है।
- सड़क मार्ग
सलेम से बस और टैक्सी के जरिए यहां पहुंचा जा सकता है। इसके अतिरिक्त चैन्नई, त्रिची, मदुरै, बैंगलोर और कोयंबटूर से भी जुड़ा हुआ है।
चित्रदीर्घा
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
- ↑ "Tamil Nadu, Human Development Report," Tamil Nadu Government, Berghahn Books, 2003, ISBN 9788187358145