यक्ष (कला उत्सव)

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यक्ष एक वार्षिक कला उत्सव है जिसे, ईशा फाउंडेशन, ईशा योग केंद्र, कोयंबतूर में आयोजित करता है। जनवरी २०१० में शुरू किया गया यक्ष, भारत के विख्यात कलाकारों द्वारा संगीत और नृत्य का प्रदर्शन करता है। यक्ष, भारत के पारंपरिक संगीत और नृत्य को प्रचलित करने के उद्देश्य से आरम्भ किया गया था। इस उत्सव का नाम की प्रेरणा भारत के पौराणिक कथाएं में यक्ष नाम के परालौकिक प्राणियों से ली गयी है।

२०१० के प्रदर्शन

२०१० में यक्ष ३० जनवरी से ११ फ़रवरी तक चालू रहा, "संगीत और नृत्य का एक स्वर्गीय पर्व" विषय के साथ। २०१० में दिये गये प्रदर्शन हैं, विश्व मोहन भट्ट जिन्होंने सितार, सरोद और वीणा की तकनीकों को उपयोग करके एक हवैइअन गिटार पर मोहन वीणा प्रस्तुति दिये। ६ फ़रवरी को, वायरल बुखार होने के बावजूद, सुधा रगुनाथन ने एक कर्नाटक संगीत का गायन दी।[१] ८ फ़रवरी को एक ही परिवार के तीन पुश्त - श्रीमती एन. राजम, उनकी बेटी संगीता शंकर और पोतियों रागिनी और नंदिनी शंकर, ने वायलिन की एक प्रस्तुति दिये।[२] दुसरे कलाकारों ने भी प्रस्तुति दिया जैसे शुभा मुद्गल, अदिति मंगलदास और दृष्टिकोण नृत्य फाउंडेशन मंडली की कथक नृत्य गायन, अहमद खान का शहनाई प्रदर्शन,[३] बांसुरी पर हरिप्रसाद चौरसिया, पद्म तलवलकर और राजशेखर मंसूर ही शास्त्रीय संगीत और चरिष्णु का कथकली, ओडिसी और मणिपुरी नृत्य प्रदर्शन।[४]

महाशिवरात्रि

यक्ष का चौदहवें दिन को महाशिवरात्रि महोत्सव मानाया जाता है। समारोह रात भर चलते हैं और विभिन्न कलाकारों की प्रस्तुति होती है। २०१० में प्रदर्शन की गये कलाकारों, डोल्लु कुनिथा - कर्नाटक की लोक ड्रम, सिवामानी के ड्रम, असीमा से देव और ताओ और मिदिवल पुन्दित्ज़ द्वारा एक गायन।

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सन्दर्भ

बाहरी