मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान
मोहम्मद बिन ज़ायेद बिन सुल्तान अल-नाह्यान (Mohamed bin Zayed bin Sultan Al-Nahyan) (अरबी: محمد بن زايد بن شيطان آل نهيان; जन्म 11 मार्च, 1961), अबू धाबी (Abu Dhabi) के युवराज हैं तथा यूएई (UAE) के सैन्य बलों के डेप्युटी सुप्रीम कमांडर (Deputy Supreme Commander) हैं।
प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा
मोहम्मद बिन ज़ायेद, जिनका पूरा नाम मोहम्मद बिन ज़ायेद बिन सुल्तान बिन ज़ायेद बिन खलीफ़ा बिन शाखबूत बिन थेयाब बिन इस्सा बिन नाह्यान बिन फ़लाह बिन यास है, का जन्म दिनांक 11 मार्च, 1961 को उस समय के ट्रूशिअल स्टेट्स (Trucial States) में हुआ।[१][२]
वे संयुक्त अरब अमीरात के पहले राष्ट्रपति तथा अबू धाबी के शासक ज़ायेद बिन सुल्तान अल नाह्यान एवं उनकी तीसरी पत्नी फ़ातिमा बिन्त मुबारक अल केत्बी के तीसरे पुत्र हैं।[7][8] मोहम्मद के भाइयों के नाम निम्नलिखित हैं: खलीफ़ा (वर्तमान यूएई राष्ट्रपति), सुल्तान, हमदान, हज़्ज़ा, सईद, ईसा, नाह्यान, सैफ़, तहनून, मन्सूर, फ़लाह, दिआब, ओमर तथा ख़ालिद (एवं दो मृत भाई, यानी नासेर व अहमद)। इनके अतिरिक्त, उनकी कुछ बहनें हैं।[३]
उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अपने मूल शहर अल ऐन (Al Ain) तथा अबू धाबी में प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने रॉयल मिलिट्री अकैडमी सैंडहर्स्ट (Royal Military Academy Sandhurst) में प्रवेश लिया और 1979 में स्नातक हुए। [४]
सैंडहर्स्ट में रहते समय उन्होंने एक मूलभूत आर्मर कोर्स, एक मूलभूत फ्लाइंग कोर्स तथा एक पैराशूटिस्ट कोर्स किया एवं गज़ेल स्क्वाड्रन (Gazelle squadron) सहित सामरिक हवाई जहाज़ों व हेलिकॉप्टरों पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। [५]
राजनीतिक भूमिका
नवम्बर 2003 में उनके पिता ज़ायेद बिन सुल्तान (Sheikh Zayed bin Sultan) ने उन्हें अबू धाबी का उप युवराज नियुक्त किया। मोहम्मद बिन ज़ायेद अपने पिता की मृत्यु के बाद नवम्बर 2004 में अबू धाबी के युवराज बन गए। वे दिसंबर 2004 से अबू धाबी एक्सीक्यूटिव काउंसिल (Abu Dhabi Executive Council) के सभापति भी हैं, जो अबू धाबी के अमीरात के विकास एवं नियोजन के लिए उत्तरदायी है।
नवम्बर 2010 में मोहम्मद बिन ज़ायेद और यूएई के विदेश मंत्री अब्दुल्लाह बिन ज़ायेद अल नाह्यान (Abdullah bin Zayed Al Nahyan) ने यूनाइटेड किंगडम की महारानी एलिज़ाबेथ II (Queen Elizabeth II) और एडिनबर्घ के ड्यूक, राजकुमार फ़िलिप (Prince Philip) का यूएई में उनके दूसरे दौरे पर स्वागत किया। वे महारानी और ड्यूक के दौरे की शुरुआत पर उनके साथ शेख़ ज़ायेद ग्रैंड मस्जिद (Sheikh Zayed Grand Mosque( भी गए।[६]
उन्होंने एमईएनए (MENA) क्षेत्र के बाहर अवस्थित राष्ट्रों के साथ अधिक सहभागिता के माध्यम से यूएई की विदेशी नीति में एक मुख्य भूमिका निभाई है। फ्रेंच राष्ट्रपति एमानुएल मैकरोन (Emmanuel Macron) ने मोहम्मद बिन ज़ायेद को 2018 में पेरिस में आमंत्रित किया ताकि उग्रवाद का विरोध करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा कर सकें और भावी साझेदारी के लिए एक द्विपक्षीय सुविस्तृत योजना का निर्माण कर सकें। इस संयुक्त कथन में शिक्षा, संस्कृति, धरोहर, अर्थव्यवस्था, निवेश, ऊर्जा, अन्तरिक्ष, क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा, प्रतिरक्षा सहयोग, उग्रवाद का विरोध, तथा अन्य विषयों के अतिरिक्त जलवायु परिवर्तन से संबद्ध मामलों में अधिक सहयोग एवं विनिमय के लिए प्रावधान शामिल थे।
2019 में अबू धाबी के युवराज सिंगापुर-यूएई व्यापक साझेदारी (Singapore-UAE Comprehensive Partnership) के हस्ताक्षर समारोह में शामिल हुए, जिसमें दोनों देशों ने व्यवसाय, वित्त, निवेश, प्रतिरक्षा, विकास और शिक्षा में सहकारिता मज़बूत करने के लिए अपनी सहमति प्रदान की। उन्होंने तीन समझौते ज्ञापनों (Memorandum of Understanding) पर भी हस्ताक्षर किए, जिसमें उन्होंने पर्यावरणीय सुरक्षा और संवहनीय सेवन प्रयासों पर मिलकर काम करने के लिए सहमति प्रदान की। उसी वर्ष उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान की यात्रा की तथा कई ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करके संस्कृति, शिक्षा, खेलकूद, खनन, ऊर्जा और कृषि में सहकारिता के लिए वचनबद्ध हुए।
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर यूएई की स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए यूएई की ओर से ठोस वित्तीय सहायता भी प्रदान की। 2018 में उन्होंने इथियोपिया की विदेश मुद्रा के अभाव पर काबू पाने के अभिप्राय से यूएई की ओर से इथियोपिया को $3 बिलियन के अनुदान की पहली किश्त से पहले प्रधान मंत्री अबीय अहमद (Prime Minister Abiy Ahmed) से भेंट करने के लिए इथियोपिया की यात्रा की। इसके अतिरिक्त, यूएई ने सोमालिया को अकाल की परिस्थितियों में सहायता प्रदान की।[७][८][९][१०][११][१२][१३][१४]
उन्होंने 2012[१५] और 2014 के न्यूक्लियर सिक्योरिटी समिट (Nuclear Security Summits) में यूएई का प्रतिनिधित्व किया, जिन्हें क्रमशः दक्षिण कोरिया एवं द नेदरलैंड्स की ओर से आयोजित किया गया था।[१६] भारत सरकार ने 26 जनवरी, 2017 को अपने 68वें गणतंत्र दिवस समारोह के लिए उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था।
सहनशीलता का प्रचार एवं उग्रवाद से संघर्ष
2016 में अबू धाबी के युवराज पोप फ्रांसिस से मिलने गए और फरवरी 2019 में उन्होंने यूएई में पोप का स्वागत किया, जो अरब उपद्वीप में प्रथम कैथलिक दौरे का प्रतीक है। पोप फ्रांसिस का आगमन और मोहम्मद बिन ज़ायेद के संरक्षण में "ग्लोबल कॉन्फ़रेन्स ऑफ़ ह्यूमन फ्रैटरनिटी (Global Conference of Human Fraternity)" शीर्षक के एक सम्मलेन का आयोजन एक ही समय पर हुआ। सम्मलेन में इस विषय पर वार्ता और वर्कशॉप संचालित किए गए कि सहनशीलता एवं आपसी समझ को प्रोत्साहित करने से मतभेद एवं उग्रवाद को रोकने में सहायता मिल सकती है। पोप फ्रांसिस ने इस दौरे के एक भाग के रूप में ज़ायेद स्पोर्ट्स सिटी (Zayed Sports City) में अरब उपद्वीप में पहली बार मनाए जाने वाले पेपल मास (papal mass) का आयोजन किया, जिसमें 100 देशों से 4,000 मुसलमानों सहित कुल 180,000 श्रद्धालू उपस्थित थे।[१७][१८][१९][२०][२१][२२][२३]
उन्होंने 2019 के लिए यूएई की थीम: सहनशीलता वर्ष (Year of Tolerance) का प्रचार करते हुए सम्पूर्ण विश्व की यात्रा की है। वे हिंसक उग्रवाद का विरोध करने के लिए क्षेत्रीय एवं वैश्विक प्रयासों में सम्मिलित रहे हैं और उन्होंने इस उद्देश्य से इन प्रयासों में साझेदारी के लिए भारत में अधिकारियों, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फ़ताह एल-सीसी (Abdel Fattah el-Sisi) एवं अन्य नेताओं से वार्ता की है।[२४][२५]
2019 में ज़ायेद ग्लोबल फंड फॉर कोएक्सिस्टेंस (Zayed Global Fund for Coexistence) की शुरुआत की गई, जो पोप फ्रांसिस तथा अल अज़हर के ग्रैंड इमाम डॉक्टर अहमद अल तायेब (Dr Ahmad Al Tayeb, Grand Imam of Al Azhar) द्वारा हस्ताक्षरित एक पहल है, जो ह्यूमन फ्रैटरनिटी डॉक्यूमेंट (Human Fraternity Document) में उल्लेखित सिद्धांतों एवं लक्ष्यों की व्याख्या करती है। [२६][२७]
सुप्रीम पेट्रोलियम काउंसिल (Supreme Petroleum Council) भूमिका
मोहम्मद बिन ज़ायेद अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (National Oil Company) के सुप्रीम पेट्रोलियम काउंसिल के उपाध्यक्ष हैं, जो अबू धाबी के हाइड्रोकार्बन संसाधनों के लिए उत्तरदायी प्राथमिक शासी निकाय है। उन्होंने विभिन्न विकास एवं विविधीकरण कार्यनीतियों के कार्यान्वयन का निरीक्षण किया है, विशेष रूप से जो कच्चे तेल, गैसोलीन, और सुगंधदायक वस्तुओं; गैस के मूल्य निर्णयन तथा पॉलिओलेफ़िन क्षमता से संबद्ध है।[२८][२९][३०]
आर्थिक विकास में भूमिका
मोहम्मद बिन ज़ायेद 1992 में स्थापित, पहले यूएई ऑफसेट प्रोग्राम (UAE Offset Program) के रूप में विदित, तवाज़ुन इकॉनोमिक काउंसिल (Tawazun Economic Council) के प्रमुख हैं। उन्होंने अबू धाबी के अमीरात में आर्थिक विविधीकरण बढ़ाने पर काम किया। अबू धाबी के युवराज तवाज़ुन इकॉनोमिक काउंसिल प्रमुख के रूप में प्रतिरक्षा से संबद्ध निवेशों को विभिन्न खंडों में लाभदायक परियोजनाओं में संचालित करने में सम्मिलित हैं, ताकि यूएई की अर्थव्यवस्था को विविधीकरण में सहायता कर सकें।
वे मुबादला डेवलपमेंट कंपनी (Mubadala Development Company) के सभापति हैं, जो 2002 में अपनी स्थापना से अबू धाबी की सरकार के लिए मुख्य निवेश साधन का प्रतिनिधित्व कर रहा है। मुबादला अमीरात के लिए आर्थिक विविधीकरण तथा वैश्विक निवेश के माध्यम से दीर्घकालीन सामाजिक एवं आर्थिक लाभ विकसित करने का लक्ष्य रखता है।[३१][३२][३३]
इसके अतिरिक्त वे अबू धाबी काउंसिल के लिए इकॉनोमिक डेवलपमेंट (एडीसीईडी/ADCED) के प्रमुख के रूप में भी कार्य करते हैं। इस पद पर रहते हुए उन्होंने शराका इनिशिएटिव (Sharaka initiative) की शुरुआत की, जो यूएई के निजी खंड को सँभालता है तथा अबू धाबी में व्यवसाय और निवेश के संचालन को सुगम बनाता है। उनके नेतृत्व में एडीसीईडी (ADCED) ने यूएई में उद्यम बढ़ाने के लिए कई पहलों का संचालन किया है।[३४][३५]
जून 2018 में उन्होंने 50 बिलियन एईडी (AED) के एक 3-वर्षीय प्रोत्साहन पैकेज का अनुमोदन किया, जिसका उद्देश्य अमीरात एवं निवेशकों दोनों के लिए दीर्घकालीन आर्थिक लाभों को सुगम करना था। उन्होंने शहरी विकास को प्रेरित करने के एक प्रयास के रूप में नियमनों के निर्माण की एक व्यापक समीक्षा का आदेश भी दिया।[३६]
वे अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (Abu Dhabi Investment Authority) (एडीआईए/ADIA) के उप सभापति हैं, जो अर्थव्यवस्था के विविधीकरण एवं वैश्वीकरण के लक्ष्य सहित अबू धाबी के लोगों की ओर से निधि का निवेश करता है। एडीआईए के पोर्टफ़ोलियो में दो दर्ज़न से अधिक संपत्ति श्रेणियाँ एवं उप-श्रेणियाँ शामिल हैं।[३७]
उन्होंने कृषि प्रौद्योगिकी के लिए एक बिलियन एईडी मूल्य के प्रोत्साहन पैकेज को स्वीकृति दी जिसने यथार्थता कृषि, जैविक ऊर्जा एवं आंतरिक कृषि से संबद्ध परियोजनाओं के निधीयन में सहायता की है।[३८]
शिक्षा एवं नवपरिवर्तन हेतु पहलें
मोहम्मद बिन ज़ायेद ने 2005 में निजी एवं सार्वजानिक पी-12 तथा उच्चतर शिक्षा दोनों में सुधार लाने हेतु कार्यनीतियाँ विकसित व लागू करने के उद्देश्य से स्थापित अबू धाबी एजुकेशन काउंसिल (Education Council) के सभापति की हैसियत से यूएई में शिक्षा के स्तर को उच्चतम अंतर्राष्ट्रीय मानकों की समान ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए काम किया है।
इसके अतिरिक्त वे अमीरात सेंटर फ़ॉर स्ट्रैटजिक स्टडीज़ एंड रिसर्च (Emirates Center for Strategic Studies and Research) (ईसीएसएसआर/ECSSR) के सभापति हैं। ईसीएसएसआर (ECSSR) उन आर्थिक, सामाजिक-राजनीतिक एवं सुरक्षा मुद्दों के साथ शैक्षिक सहभागिता को आगे बढ़ाता है, जो क्षेत्र के लिए प्रासंगिक हैं।
उन्होंने यूएई की प्रौद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित करने में सहायता की है, तथा नैशनल साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फ़ेस्टिवल (National Science, Technology and Innovation Festival) जैसे कार्यक्रमों को प्रवर्तित करके नवपरिवर्तन की संस्कृति को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने मोहम्मद बिन ज़ायेद इंटरनेशनल रोबोटिक्स चैलेंज (Mohamed bin Zayed International Robotics Challenge) की भी स्थापना की है, ताकि यूएई को रोबोटिक्स व स्वायत्त प्रणालियों के लिए एक क्षेत्रीय केंद्र में परिवर्तित किया जा सके।[३९][४०][४१][४२]
2008 में न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी अबू धाबी (New York University Abu Dhabi) के साथ एक पहल के रूप में शेख़ मोहम्मद बिन ज़ायेद स्कॉलर्स प्रोग्राम (Sheikh Mohamed bin Zayed Scholars Program) में विद्यार्थियों के प्रथम समूह का चयन किया गया, जिसके अंतर्गत संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) में उत्कृष्ट विद्यार्थियों को मान्यता दी जाती है तथा उन्हें विशेष शैक्षिक व नेतृत्व अवसर प्रदान किए जाते हैं।[४३]
संरक्षण कार्य
अबू धाबी के युवराज ने जंगली बाज़ों, बस्टर्ड (bustards) और अरबी हिरणों (Arabian Oryx) की रक्षा करने के लिए यूएई में प्रयासों का नेतृत्व करके प्रकृति के संरक्षण पर ध्यान केन्द्रित किया है तथा पॉवर लाइन के कारण जंगली पक्षियों की मृत्यु को रोकने के लिए लक्षित एक पहल को $1 मिलियन का अनुदान दिया है। यह परवर्ती प्रयास $20 मिलियन डॉलर के शेख़ मोहम्मद बिन ज़ायेद रैप्टर कॉन्सर्वेशन फ़ाउंडेशन (Sheikh Mohamed Bin Zayed Raptor Conservation Foundation) की शुरुआत का एक भाग है।[४४]
इसके अतिरिक्त वे मोहम्मद बिन ज़ायेद स्पीसीस कॉन्सरवेशन फंड (Mohamed bin Zayed Species Conservation Fund) का नेतृत्व करते हैं, जो एक 25 मिलियन यूरो मूल्य की परोपकारी वृत्ति है और यह अलग-अलग प्रजाति संरक्षण पहलों को लक्षित अनुदान प्रदान करती है, प्रजाति संरक्षण के क्षेत्र में नेताओं को मान्यता देती है, तथा जन संवादों में प्रजातियों के महत्व को ऊँचा करती है। यह फंड विश्व भर में प्रजाति संरक्षण प्रयासों के लिए अतिरिक्त योगदान को भी प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखता है।[४५][४६][४७]
वुड लिज़र्ड (wood lizard) की एक प्रजाति - एन्यालिओइड्स बिन्ज़ायेडी (Enyalioides binzayedi) - का नाम मोहम्मद बिन ज़ायेद के नाम पर रखा गया, जिसका उद्देश्य इस फंड के निर्माता के रूप में उनकी भूमिका को श्रद्धांजली देना था, जिसने उन अभियानों को वित्तीय सहायता प्रदान की थी जिनके कारण पेरू में कोरडीलेरा अज़ुल नैशनल पार्क (Cordillera Azul National Park) में इस प्रजाति की खोज हुई।[४८]
उन्होंने अपने देश में सौर, वायु एवं हाइड्रोजन ऊर्जा तकनीकों के विकास हेतु $15 बिलियन का वचन दिया है। मुबादला के स्वामित्व में ग्लोबलफाउंड्रीज़ (Global Foundries) नामक सुविधा केंद्र के माध्यम से मोहम्मद बिन ज़ायेद ने यूएई के अर्ध चालक विनिर्माण कार्यक्रम के विकास में सहायता की है और ऊर्जा खंड सहित अन्य खंडों में उन्नत तकनीकों के लिए मार्ग प्रशस्त किया है।[४९][५०]
अन्य परोपकार कार्य
2011 में मोहम्मद बिन ज़ायेद तथा गेट्स फाउंडेशन (Gates Foundation) ने अफ़ग़ानिस्तान व पाकिस्तान के बच्चों के लिए टीकों की खरीदारी तथा प्रतिपादन के निधीयन हेतु $50-50 मिलियन देने का वचन दिया।[32] पेंटावैलेन्ट टीके एवं न्युमोकोकल टीके को खरीदने व लगाने के लिए कुल $100 मिलियन में से दो-तिहाई भाग जीएवीआई अलायन्स (GAVI Alliance) को दिया गया जिससे लगभग 5 मिलियन अफ़ग़ानी बच्चे को छः बीमारियों से प्रतिरक्षित हुए। शेष अनुदान को विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) को आवंटित किया गया, जिसने इसका उपयोग ओरल पोलियो टीका खरीदने व अफ़ग़ानिस्तान एवं पाकिस्तान में लगभग 35 मिलियन बच्चों को लगाने के लिए किया। जीपीईआई (GPEI) ने अप्रैल 2018 में घोषणा की कि यूएई ने अबू धाबी में 2013 ग्लोबल वैक्सीन समिट (2013 Global Vaccine Summit) में दिए वचन के अंतिम 12 मिलियन यूंएस डॉलर का भुगतान करके मोहम्मद बिन ज़ायेद द्वारा लिए गए संकल्प को पूरा कर दिया है।[५१][५२][५३]
उनकी ओर से वैश्विक स्वास्थ्य पहलों में मलेरिया से लड़ने के लिए रोल बैक मलेरिया पार्टनरशिप (Roll Back Malaria Partnership) के लिए $30 मिलियन अनुदान भी शामिल है। अनुदान की घोषणा के एक महीने बाद, अबू धाबी ने एक वैश्विक स्वास्थ्य फ़ोरम का आयोजन किया, जो मलेरिया, पोलियो एवं रिवर ब्लाइंडनेस (river blindness) जैसी बीमारियों को पूरे विश्व से निर्मूल करने के प्रयासों पर केन्द्रित था।[५४][५५][५६]
उन्होंने यूएन ग्लोबल इनिशिएटिव टू फाइट ह्युमन ट्रैफ़िकिंग (UN Global Initiative to Fight Human Trafficking) को 55 मिलियन एईडी (AED) का उपहार भी दिया है।[५७]
ज़ायेद चैरिटी मैरथन (The Zayed Charity Marathon), जिसका आयोजन न्यू यॉर्क सिटी में किया जाता है, ने 2005 में अपने उद्घाटन से कई मिलियन डॉलर संग्रहित किए हैं। यह दौड़ गुर्दे की बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाता है, और इसकी प्राप्तियाँ यूएस के नेशनल किडनी फाउंडेशन (National Kidney Foundation) को भेजी जाती हैं। मोहम्मद बिन ज़ायेद ने अपने पिता के सम्मान में इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिनका वर्ष 2000 में क्लीवलैंड क्लिनिक में गुर्दा प्रतिरोपण (kidney transplant) किया गया था।[५८][५९]
उन्होंने रीचिंग लास्ट माइल फंड (Reaching Last Mile Fund) की शुरुआत करके विश्व स्वास्थ्य में सुधार लाने की दिशा में अपना सहयोग दिया है। 2017 में उन्होंने इस फंड की शुरुआत 100 मिलियन डॉलर संग्रहित करने के लिए इस लक्ष्य के साथ की कि उन निरोध्य बीमारियों का उन्मूलन, निरसन तथा नियंत्रण हो सके, जो विश्व के सबसे गरीब लोगों की स्वास्थ्य एवं आर्थिक संभावनाओं को प्रभावित करते हैं।
मोहम्मद बिन ज़ायेद ने इस फंड के लिए 20 मिलियन डॉलर का वायदा किया। अन्य अंशदाताओं में बिल एवं मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (Bill & Melinda Gates Foundation) तथा ब्रिटिश सरकार शामिल है। इन दानों को ईएनडी (END) फंड द्वारा प्रबंधित किया जाएगा, जो एक परोपकारी मंच है और पांच सबसे आम उपेक्षित उष्णदेशीय बीमारियों से निपटने पर केन्द्रित है: रिवर ब्लाइंडनेस, लिम्फैटिक फाइलेरियासिस (Lymphatic filariasis), पोलियो, मलेरिया और गिनी वॉर्म बीमारी। इसके अतिरिक्त, मोहम्मद बिन ज़ायेद ने संक्रामक बीमारियों से लड़ने हेतु नीतियों के विकास के लिए अबू धाबी में एक शोध संस्थान की स्थापना करने के अपने अभिप्राय की घोषणा की है।[६०][६१][६२][६३][६४][६५][६६][६७][६८]
कला हेतु समर्थन
पर्यटन का प्रचार करने तथा स्थानीय कला परिदृश्य में विविधता उत्पन्न करने का प्रयास करते हुए मोहम्मद बिन ज़ायेद ने कला संग्रहालयों - जिसमें लूव्र अबू धाबी (Louvre Abu Dhabi) एवं नया गुगेनहाइम अबू धाबी (Guggenheim Abu Dhabi) शामिल है - के साथ-साथ क़स्र अल होस्न (Qasr Al Hosn) जैसे सांस्कृतिक धरोहर स्थलों के निर्माण को समर्थन दिया है।[६९][७०][७१][७२]
2009 में, अबू धाबी के युवराज तथा फ्रांस के तत्काल राष्ट्रपति निकोला सार्कोज़ी (Nicolas Sarkozy) ने अमीरात पैलेस होटल (Emirates Palace Hotel) में एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जिसमें लूव्र अबू धाबी (Louvre Abu Dhabi) के लिए खरीदी गईं कलाकृतियों के साथ-साथ फ्रेंच राष्ट्रीय संग्रहालयों से उधार ली गईं कलाकृतियाँ भी शामिल थीं। इस घटना ने सादियात द्वीप (Saadiyat Island) पर सांस्कृतिक ज़िले में अवस्थित लूव्र सीमा चौकी पर निर्माण कार्य की शुरुआत को चिह्नित किया। संग्रहालय का उद्घाटन नवम्बर 2017 में किया गया।[७३]
उनके सहयोग की पहुँच दृश्य कलाओं से आगे मौखिक कलाओं तक व्याप्त है। नबाती काव्य (Nabati poetry) प्रेमी होने के कारण वे अक्सर स्थानीय काव्य प्रतियोगिताएं के लिए अपना समर्थन देते हैं और अपने संरक्षण में इनमें से कुछ का आयोजन करते हैं।[७४]
सेना
मोहम्मद बिन ज़ायेद अमीरी गार्ड (Amiri Guard) में एक अधिकारी के रूप में, यूएई के एयर फ़ोर्स में पायलट के रूप में, यूएई एयर फ़ोर्स एवं एयर डिफ़ेन्स में कमांडर के रूप में, तथा डेप्युटी आर्म्ड फ़ोर्सेस डेप्युटी चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ (Deputy Armed Forces Deputy Chief of Staff) के रूप में कार्यरत थे।
2005 में उनकी यूएई सैन्य बल का डेप्युटी सुप्रीम कमांडर (Deputy Supreme Commander) के रूप में नियुक्ति हुई और फिर विधिवत् उनकी पदोन्नति लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर कर दी गई ।[७५][७६]
नारी सशक्तिकरण
नारी सशक्तिकरण के हिमायती मोहम्मद बिन ज़ायेद ने कई पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में महिलाओं की वर्धित उपस्थिति का समर्थन किया है। अप्रैल 2019 में उन्होंने मिलिट्री एंड पीसकीपिंग प्रोग्राम फॉर अरब वीमेन (Military and Peacekeeping Programme for Arab Women) से महिला अधिकारियों के एक प्रतिनिधि-मंडल का स्वागत किया, जो संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक शांति परिचालनों के लिए अबू धाबी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा था। उन्होंने शांति एवं सुरक्षा परिचालनों में महिला अधिकारियों की भूमिका के महत्व पर बल दिया।[७७]
उन्होंने जन सेवा खंड में भी महिलाओं की उपस्थिति को प्रोत्साहन दिया। 2019 में उन्होंने "राष्ट्रीय विकास में सच्चे साझेदार एवं सहयोगी" के रूप में महिलाओं की भूमिका पर बल देते हुए प्रथम प्रमाणित अमीराती महिला अग्निशामकों का आयोजन किया और कहा कि वे "राष्ट्र के वर्तमान एवं भविष्य के लिए कार्यनीतिक योजनाओं का संचालन करती हैं।"[७८]
इसके अतिरिक्त, उन्होंने कई यूएई संस्थाओं के महिला प्रतिनिधियों के साथ नियमित रूप से अवश्य मिलते हैं और राष्ट्र को उसकी महत्वाकांक्षाएँ पूरी करने में सहायता करने हेतु उनकी क्षमता में अपना विश्वास व्यक्त करते हैं।[७९][८०]
अक्टूबर 2012 में जब मलाला यूसफ़ज़ाई (Malala Yousafzai) को तालिबान ने सिर और गर्दन पर गोली मारी थी, तब उन्होंने उसके लिए विशेषीकृत चिकित्सीय देखभाल तथा एक यूएई हवाई एम्बुलेंस के माध्यम से यूके स्थानांतरित करने का बंदोबस्त किया था। उसे यूके के बर्मिंघम शहर में क्वीन एलिज़ाबेथ अस्पताल (Queen Elizabeth Hospital) में एक लंबे समय के लिए देखभाल प्रदान की गई।
मोहम्मद बिण ज़ायेद के मार्गदर्शन में यूएई अधिकारियों ने मलाला के विशेषीकृत देखभाल और स्थानांतरण के लिए पाकिस्तानी प्राधिकरण के साथ घनिष्ठ रूप से काम किया। मई 2013 में अपने उमराह अनुष्ठानों के लिए यात्रा करते समय मलाला यूएई और मोहम्मद बिन ज़ायेद को उनकी सहायता एवं समर्थन के लिए आभार व्यक्त करने के उद्देश्य से अबू धाबी में रुकी और यह ध्यान में लिया कि अबू धाबी के युवराज की भूमिका इस्लामिक शिक्षाओं के मानवीय पहलुओं को चिह्नांकित करती है।[८१][८२][८३][८४][८५][८६][८७][८८]
खेलकूद में रुचियाँ
आजीवन बाज़ पालन के प्रशंसक, अबू धाबी के युवराज ने अमीरात की नई पीढ़ी को बाज़ पालन की शिक्षा देकर इस प्राचीन परम्परा का प्रचार करने एवं इसे बनाए रखने के उद्देश्य से मोहम्मद बिन ज़ायेद फ़ैल्कनरी तथा डेज़र्ट फ़िज़ियोनोमी स्कूल (Mohamed bin Zayed Falconry and Desert Physiognomy School) की स्थापना की। उन्होंने स्वयं इस अभ्यास की शिक्षा अपने स्वर्गीय पिता से प्राप्त की थी।[८९][९०][९१]
मार्च 2019 में अबू धाबी में स्पेशल ओलिंपिक्स वर्ल्ड गेम्स (Special Olympics World Games) का आयोजन किया गया। खेलों के दौरान मोहम्मद बिन ज़ायेद ने कार्यक्रम के दौरान एवं प्रतिभागियों के अपने-अपने देशों में उनके बीच एकता एवं उनके सशक्तिकरण के महत्व की पुष्टि की।[९२]
विवाह एवं परिवार
मोहम्मद बिन ज़ायेद का विवाह सलमा बिन्त हमदान बिन मोहम्मद अल नाह्यान (Sheikha Salama bint Hamdan bin Mohammed Al Nahyan) से हुआ है।[९३] उनका विवाह 1981 में संपन्न हुआ।[९४]
उनके चार पुत्र एवं पाँच पुत्रियाँ हैं। जन्म के क्रमानुसार उनके नाम निम्नलिखित हैं:[९५]
- मरियम बिन्त मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाह्यान
- खालेद बिन मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाह्यान
- शम्सा बिन्त मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाह्यान
- थेयब बिन मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाह्यान
- हमदान बिन मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाह्यान
- फ़ातिमा बिन्त मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाह्यान
- शम्मा बिन्त मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाह्यान
- ज़ायेद बिन मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाह्यान
- हस्सा बिन्त मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाह्यान[९६]
पुरस्कार एवं सम्मान
मोहम्मद बिन ज़ायेद को कई सैन्य, मानवीय, पर्यावरणीय एवं राजनयिक पुरस्कारों से सुसज्जित किया गया है।
- द ऑर्डर ऑफ़ द थ्रोन, अधिकारी श्रेणी, जून 1986 में मोरक्को के किंग हसन II द्वारा पुरस्कृत किए गए।
- ऑर्डर ऑफ़ मेरिट, जेनरल नार्मन श्वार्ज़कोप्फ़, यूएस ट्रूप्स एंड कोएलिशन फ़ोर्सेस के कमांडर द्वारा पुरस्कृत, अप्रैल 1991 में कुवैत लिबरेशन वॉर में उनकी भूमिका की सराहना के रूप में प्रदान किया गया।
- मेडल ऑफ़ आउटस्टैंडिंग सर्विस, मई 1992 में यूएई सैन्य बलों के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ द्वारा पुरस्कृत किए गए।
- मिलिट्री ऑर्डर ऑफ़ मेरिट ऑफ़ आउटस्टैंडिंग क्लास, अप्रैल 1994 में मोरक्को के स्वर्गीय किंग हसन II द्वारा पुरस्कृत किए गए।
- कुवैत लिबरेशन मेडल ऑफ़ एक्सीलेंट क्लास, सितम्बर 1994 में कुवैत लिबरेशन वॉर में उनकी भूमिका तथा प्रयासों की सराहना के रूप में प्रदान किया गया।
- मेडल ऑफ़ ग्रैंड येलो स्पार्कलिंग फ़्लैग, सितम्बर 1994 में लियांग चेंग, पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना द्वारा पुरस्कृत किए गए।
- कुवैत मेडल ऑफ़ एक्सीलेंट क्लास, जून 1995 में कुवैत के अमीर, जबेर अल अहमद अल सबह द्वारा पुरस्कृत किए गए।
- रेनेसॉन्स बैज ऑफ़ ऑनर ऑफ़ एक्सीलेंट क्लास, दिसंबर 1996 में जॉर्डन के हुसैन बिन तलाल द्वारा पुरस्कृत किए गए।
- रेनेसॉन्स बैज ऑफ़ ऑनर ऑफ़ एक्सीलेंट क्लास, जून 1999 में जॉर्डन के अब्दुल्लाह II बिन हुसैन द्वारा पुरस्कृत किए गए।
- ओमान आर्डर ऑफ़ मिलिट्री मेरिट ऑफ़ सेकंड क्लास, फरवरी 2000 में क़ाबूस बिन सईद द्वारा पुरस्कृत किए गए।
- लीजन ऑफ़ मेरिट ऑफ़ ग्रेट ऑफिसर, जून 2002 में ज्याक शिराक, फ्रेंच राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किए गए।
- यूनाइटेड नेशन्स फ़ूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाईज़ेशन (एफएओ/FAO) गोल्डन बैज ऑफ़ ऑनर, अप्रैल 2007 में डॉक्टर जैक डीऊफ़, एफएओ (FAO) के महानिदेशक द्वारा प्रदान किया गया।
- यूनाइटेड नेशन्स फ़ूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाईज़ेशन (एफएओ/FAO) बैज ऑफ़ ऑनर फ़ॉर फ़ूड सिक्योरिटी तथा एनवायरनमेंटल प्रैक्टिसेस सर्टिफिकेशन इंस्टिट्यूट से एक अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्रमाणपत्र, सितम्बर 2008 में डॉक्टर जैक दीऊफ़, एफएओ (FAO) के महानिदेशक द्वारा प्रदान किया गया।
- लीजन ऑफ़ मेरिट ऑफ़ जेरुसलेम, अक्टूबर 2008 में पैलेस्टाइन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास द्वारा पुरस्कृत किए गए।
- फ़ेडरल ऑर्डर ऑफ़ मेरिट, अक्टूबर 2008 में डॉक्टर फ्रैंक वाल्टर स्टीनमेइअर, जर्मन विदेश मंत्री द्वारा पुरस्कृत किए गए।
- लीजन ऑफ़ मेरिट ऑफ़ एक्सीलेंट क्लास, मई 2008 में स्पेन के युआन कार्लोस द्वारा पुरस्कृत किए गए।
- ग्लोबल विलेजेस ऑफ़ चिल्ड्रेन फाउंडर्स गोल्डन मेडल, मार्च 2009।
- तुन (Tun) उपाधि सहित ऑर्डर ऑफ़ द डिफेंडर ऑफ़ द रेल्म के ग्रैंड कमांडर, मलेशिया –यूएई मित्रता एवं सहयोग को नूतन ऊँचाइयों तक ले जाने हेतु मोहम्मद बिन ज़ायेद के प्रयासों को मान्यता देते हुए दिनांक 17 जून, 2011 को मलेशिया के अल वाथिकू बिल्लाह तुआन्कू मिज़ान ज़ैनल अबिदीन द्वारा प्रदान किया गया,
- गंग़वा ऑर्डर, युवराजों एवं सरकार प्रमुखों को दिया जाता है, 21 नवम्बर, 2012 को दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली म्युंग-बाक द्वारा प्रदान किया गया।
- फ्रांस का नेशनल ऑर्डर ऑफ़ मेरिट, 15 जनवरी, 2013 द्वारा फ्रेंच राष्ट्रपति फ्रोंसोआ होलोंद द्वारा यूएई एवं फ्रांस के बीच बढ़ती सहकारिता को मान्यता के रूप में प्रदान किया गया।
- ऑर्डर ऑफ द मोंटेनेगरिन ग्रेट स्टार, 12 दिसम्बर, 2013 को मोंटेनेगरो के राष्ट्रपति फ़िलिप व्युजानोविक द्वारा प्रदान किया गया।
- ऑर्डर ऑफ़ इंडिपेंडेंस, अंतर्राष्ट्रीय शख्सियतों को दिया जाने वाला कोसोवो का सर्वोच्च सम्मान उन्हें 21 अप्रैल, 2014 को प्रदान किया गया।
- ऑर्डर ऑफ़ द मोहम्मदी ऑफ़ फर्स्ट क्लास, 17 मार्च, 2015 को मोरक्को के मोहम्मद VI द्वारा प्रदान किया गया।
- ऑर्डर ऑफ़ हुसैन इब्न अली, जॉर्डन में राजाओं एवं देशों के प्रमुखों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान, नवम्बर 2018 में जॉर्डन के अब्दुल्लाह II बिन अल हुसैन द्वारा पुरस्कृत, मोहम्मद बिन ज़ायेद ने विभिन्न खण्डों में दोनों देशों के बीच स्नेहमय संबंधों एवं सहयोग को बनाए रखने में जो भूमिका निभाई है, उसकी सराहना के रूप में प्रदान किया गया।
सन्दर्भ
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