मैत्री एक्सप्रेस

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मैत्री एक्सप्रेस भारत और बांग्लादेश के बीच चलने वाली रेलगाडी है। यह 14 अप्रैल, 2008 से आरंभ हुई है। इसकी क्षमता 418 यात्रियों की है और यह सप्ताह मे एक बार चलती है। इसमे छह डिब्बे हैं, जिसमें से एक एसी-फर्स्ट का, एक पैंट्री कार, एक एसी चेयर कार और दो गैर एसी चेयर कार है।

मैत्री एक्सप्रेस या मोइत्री एक्सप्रेस (बंगाली: মৈত্রী এক্সপ্রেস, हिन्दी: मैत्री एक्सप्रेस) एक अंतरराष्ट्रीय यात्री रेलगाड़ी है जो बंगलदेश की राजधानी ढाका- एवं भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से आपस में जोडती है। यह दोनों देशों के शहरों के बीच रेलवे की एकमात्र कड़ी है और 43 साल के लिए बंद रहने के बाद इसको पुन चालू किया गया है। [१] इस ट्रेन का नाम मैत्री एक्सप्रेस हैं जो भारत एवं बांग्लादेश के बीच दोस्ती को दर्शाने के लिया रखा गया हैं। (बंगाली: পয়লা বৈশাখ) इस रेल सेवा का उद्घाटन बंगाली नव वर्ष के अवसर पर आयोजित किया गया था 14 अप्रैल, 2008 [२]

इनॉगरल ऑफ़ मैत्री एक्सप्रेस ट्रैन ऑफ़ थे बांग्लादेश रेलवे (२००८ अप्रैल १४), अत ढक कैंटोनमेंट

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पृष्ठभूमि

१९४७ में भारत के बिभाजन के बाद बंगाल प्रोविंस में रेल यातायात बाधित हो गया था क्योंकि यह प्रोविंस २ भागों में बट गया था पश्चिम बंगाल जो भारत में पड़ता था एवं ईस्ट बंगाल (१९५६ में इसका नाम ईस्ट पाकिस्तान हो गया अ) जो पाकिस्तान के हिस्से में पड़ता था . जब भारत में ब्रिटिश शाशन था तब यह ट्रेन कोलकाता, गोअलंदा, ढाका एवं नारायणगंज को आपस में जोडती थी. बिभाजन से पूर्व यह ट्रेन बंगाल के लोगों की जीवन रेखा थी. यह ट्रेन १९६५ तक चली लेकिन बाद में भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद इससे बंद कर दिया गया . १९७१ की लड़ाई में बंगलादेश आजाद हुआ और ईस्ट पाकिस्तान से यह बांग्लादेश कहलाने लगा

पुनरुद्धार

२००१ में दोनों देशों की सरकारों ने द्विपक्षीय समझौतों के दौरान ट्रेन चलने की योजना पर सहमती दी. २००७ में जब राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी जो उस समय भारत के विदेश मंत्री थे उनकी ढाका यात्रा के दौरान इस योजना को काफी बल मिला. ८जनवरी २००७ इस ट्रेन की पहली टेस्ट रन हुई जो भारतीय अधिकारीयों से भरी हुई जो अपने समक्ष बंगलादेशी अधिकारीयों से मिलने जा रहे थे। भारतीय सुरक्षा की मांग के जवाब में, एक "बॉक्स बाड़ लगाना" प्रणाली दोनों देशों के बीच कोई आदमी की भूमि पर दोनों तरफ खड़ा हो गया था [३]

2008 उद्घाटन

१४ अप्रैल, २००८ को बंगाली नव वर्ष के दिन इस ट्रेन की शुरुआत काफी भव्य तरीके से हुई इस ट्रेन की फ्लैग ऑफ सेरेमनी में कई गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराइ जिनमे प्रमुख थे तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू प्रसाद यादव, सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रियरंजन दास मुंशी, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल गोपाल कृष्णा गाँधी एवं बंगलादेशी हाई कमिश्नर लियाकत अली चौधरी. इस ट्रेन की आधिकारिक शुरुआत तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुख़र्जी ने झंडा दिखाकर कोलकाता में किया. लेकिन ३६० सीटों वाले कलकत्ता-ढाका फ्रेंडशिप एक्सप्रेस में मात्र ६५ यात्री ही थे जिसमे पत्रकार एवं राजनीतिज्ञ भी शामिल थे। भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने ट्रेन में कम भीड़ की वजह ट्रेन सेवा का जल्दीबाजी में शुरू होना बताया एवं कहा जिअसे लोग इस ट्रेन के बारे में जानने लगेंगे ट्रेन में भीड़ बढने लगेगी विरोध प्रदर्शन और बम विस्फोट की साजिश। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से आधिकारिक बयान में कहा, "समझौते के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और यात्री परिवहन का एक वैकल्पिक मोड प्रदान करेगा।" [३]

मार्ग

मैत्री एक्सप्रेस [४], कोलकाता एवं ढाका के बीच चलने वाली एकमात्र ट्रेन हैं. यह दोनों तरफ से हफ्ते में ६ बार चलती हैं इमीग्रेशन जांच के लिए इस ट्रेन के दो स्टॉप हैं जेड़ (भारत में) एवं दोर्शोना (बांग्लादेश में). इस पूरी यात्रा के दौरान १० से ११ घंटे का समय लगता हैं

इस ट्रेन की समय विवरणी निम्न हैं [५]

दिन कहा से कहा तक ट्रेन नंबर रेक
शुक्रवार DHCA KOAA 13107 BR
शनिवार KOAA DHCA 13108 BR
इतवार KOAA DHCA 13109 IR
सोमवार DHCA KOAA 13110 IR
मंगलवार KOAA DHCA 13109 IR
बुधवार DHCA KOAA 13110 IR
गुरुवार - - - -

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite news
  2. साँचा:cite news
  3. साँचा:cite news
  4. साँचा:cite web
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बाहरी कड़ियाँ