मेरापी पर्वत

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
मेरापी पर्वत
लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found।
मेरापी, जुलाई 2005
उच्चतम बिंदु
शिखरलुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found।
लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found।
ऊँचाईसाँचा:convert[१]
लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found।
उदग्रता1,392 m
एकाकी अवस्थितिलुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found।
to लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found।
सूचीयनरिबु
निर्देशांकसाँचा:if emptyसाँचा:if empty
नामकरण
हिन्दी अनुवादआग का पर्वत
भाषा का नामइंडोनेशियाई
भूगोल
स्थानमध्य जावा / योग्यकार्ता (इंडोनेशिया) की सीमा पर
देशसाँचा:enum
राज्यसाँचा:enum
राज्य/प्रांतसाँचा:enum
जिलासाँचा:enum
बस्तीसाँचा:enum
सीमा निर्माणसाँचा:enum
उपविभागसाँचा:enum
टोपोग्राफिक नक्शासाँचा:if empty
भूविज्ञान
चट्टान पुरातनतासाँचा:if empty
चट्टान प्रकारसाँचा:enum
साँचा:if empty
अंतिम विस्फोट3 नवम्बर 2010[१]

साँचा:template otherसाँचा:main other

मेरापी पर्वत, एक शंक्वाकार ज्वालामुखी है और मध्य जावा और योग्यकार्ता, इंडोनेशिया के बीच की सीमा पर स्थित है। मेरापी पर्वत को इंडोनेशियाई और जावानी भाषा में गुनुंग मेरापी कहते हैं जिसका शाब्दिक अर्थ आग का पर्वत मेरु=पर्वत अपी=आग, है। यह पृथ्वी के सबसे अधिक स्क्रिय ज्वालामुखियों में से एक है और यह इंडोनेशिया का भी सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है। यह 1548 के बाद से नियमित रूप से फूट रहा है। यह योग्यकार्ता शहर के बहुत करीब है और हजारों लोग इस ज्वालामुखी की ढलानों पर रहते हैं। इन ढलानों के कुछ गांव तो समुद्र तल से 1700 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं।

वर्ष में कम से कम 300 दिन, मेरापी पर्वत से धुआं निकलता रहता है और इसमें होने वाले कई विस्फोट लोगों की मौत का कारण बनते हैं। 22 नवम्बर 1994 को हुए एक बड़े विस्फोट से निकली गर्म गैसें 27 लोगों की मृत्यु का कारण बनीं जिनमें से अधिकतर ज्वालामुखी के पश्चिम में स्थित मुंतिलान शहर के वासी थे। एक दूसरा बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट 2006 में, योग्यकार्ता भूकंप से ठीक पहले हुआ था। मेरापी पर्वत का इसके आसपास की आबादी वाले क्षेत्रों के लिए एक बड़ा खतरा होने के कारण इसे दशक का ज्वालामुखी के रूप में नामित किया गया है।

25 अक्टूबर 2010 को इन्डोनेशियाई सरकार ने माउंट मेरापी के लिए अपना उच्चतम स्तर का अलर्ट (सतर्क) जारी किया है और संकटग्रस्त गांवों के नागरिकों को गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। ज्वालामुखी के केन्द्र से 10 किलोमीटर (6 मील) के दायरे में आने वाले गांवों को खाली कराया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार 23-24 अक्टूबर के बीच क्षेत्र में लगभग 500 ज्वालामुखीय भूकंप दर्ज किये गये हैं और इस भूकंपीय गतिविधि के कारण ज्वालामुखी के भीतर मैग्मा सतह से लगभग एक किलोमीटर नीचे तक ऊपर चढ़ आया है।[२] 25 अक्टूबर 2010 की दोपहर को हुए ज्वालामुखीय विस्फोट के कारण मेरापी पर्वत की दक्षिणी और दक्षिण पूर्वी ढलानों ने लावा उगला है।

साँचा:clear

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ