मृदा उर्वरता
मृदा उर्वरता कृषि पौधे के विकास को बनाए रखने के लिए मिट्टी की क्षमता को संदर्भित करती है, अर्थात् पौधे को आवास प्रदान करने के लिए और जिसके परिणामस्वरूप उच्च गुणवत्ता की निरंतर और लगातार पैदावार होती है।[१]
इन्हें भी देखें
"पौधों की वृद्धि तथा विकास के लिए मृदा को भौतिक, रसायनिक तथा जैविक शक्ति के योग को मृदा उर्वरता कहते हैं।" पौधों की वृद्धि एवं विकास के लिए भौतिक रसायनिक तथा जैविक शक्ति तीनों का अपना-अपना महत्व है यदि एक भी शक्ति कम है,तो मृदा की उर्वरता यह स्वास्थ्य कम होगा। जैसे-मृदा में पौधों की वृद्धि के लिए पर्याप्त पोषक तत्व है, किंतु यदि जल निकास ठीक से नहीं है, तो जल निकास ना होने के कारण मृदा वायु में कमी होगी जिससे मृदा जीव की वृद्धि प्रभावित होगी उनके लिए प्रतिकूल स्थिति निर्मित होने से मृदा की उर्वरता या स्वास्थ्य कम होगा। सभी उत्पादक भूमि की उर्वरता या स्वास्थ्य अच्छी हो सकती है, किंतु सभी उर्वर भूमि की उत्पादकता अच्छी नहीं हो सकती। ऐसा भूमि में जल निकास ना होने से, जलवायु की विपरीत परिस्थितियों होने के कारण हो सकता है।
सन्दर्भ
- ↑ Bodenfruchtbarkeit, Retrieved on 2015-11-09.
सूक्ष्म जीवों के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों होने पर मृदा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है|