मूरिश दीवार
लुआ त्रुटि: callParserFunction: function "#coordinates" was not found। साँचा:infobox मूरिश दीवार (साँचा:lang-en), जिसे फिलिप द्वितीय दीवार (साँचा:lang-en) के नाम से भी जाना जाता है तथा भूतकाल में म्यूरॅला डे सान रेमोनडो (हिन्दी: सेंट रेमंड की दीवार) के नाम से संदर्भित किया जाता था, ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित एक रक्षात्मक पर्दा दीवार है। इस दीवार का निर्माण 16वी शताब्दी में हुआ था तथा यह जिब्राल्टर की दक्षिणी किलेबंदी का हिस्सा है। इसका निर्माण कार्य वर्ष 1575 में पूर्ण हुआ था। दीवार खड़ी चट्टान के ऊपर से चार्ल्स पंचम दीवार के निचले अनुभाग के ऊपर से होती हुई जिब्राल्टर की चट्टान की ढलान पर आगे बढ़ती हुई उसके शिखर तक जाती है। यह चार्ल्स पंचम दीवार के उपरी अनुभाग के पूर्व में है तथा अब अपर रॉक नेचर रिजर्व का हिस्सा है।साँचा:sfn
चार्ल्स पंचम दीवार
सितम्बर 1540 में उस्मानी साम्राज्य की सेना ने हेरादीन बार्बारोसा के नेतृत्व में जिब्राल्टर पर आक्रमण कर दिया था। इस हमले में बार्बारोसा ने सत्तर प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या को सम्राज्य का गुलाम बना लिया था।साँचा:sfn चार्ल्स पंचम दीवार, जिसका मूल नाम म्यूरॅला डे सान बेनिटो (हिन्दी: सेंट बेनेडिक्ट की दीवार) था, को 1540 में दक्षिण की तरफ़ से होने वाले भविष्य के हमलो से जिब्राल्टर की चट्टान को बचाने के लिए बनाया गया था।साँचा:sfn 1552 में इसका निर्माण कार्य आरंभ हुआ। इतालवी सैन्य अभियंता जियोवानी बतिस्ता कालवी ने दीवार में सुधार किए।साँचा:sfn कालवी ने लगभग साँचा:convert की लम्बाई वाली दीवार को इस तरह डिजाइन किया कि यह पूर्व-पश्चिम से सीधी रेखा में समुंद्री तट के पास से गुजरती हुई खड़ी चट्टान तक जाती है। एक धऋ दीवार चट्टान के शिखर से शुरू होती हुई उत्तर-दक्षिण दिशा की तरफ़ जाती है तथा वक्र रूप लेती हुई द रॉक की चोटी पर खत्म होती है।साँचा:sfn
मूरिश दीवार का निर्माण
फ़िलिप द्वितीय के पास 1558 में चार्ल्स पंचम के पश्चात स्पेन का सम्राज्य आया। महाराजा फ़िलिप ने जेनोआ के अभियंता जियोवान जियाकोमो पेलेरी फ्रेटिनो को जिब्राल्टर की किलेबंदी के सुधार का काम ज़ारी रखने के लिए नियुक्त किया। अल फ्रेटिनो ने निर्णय लिया कि धऋ दीवार को परित्यक्त कर दिया जाए और कालवी की वक्र रूप वाली दीवार जिसका काम पूरा हो चुका था उसे ध्वस्त कर देना चाहिए। इसके बजाए उन्होंने सोचा कि उपरी दीवार को बना कर निचली दीवार में मिला कर चट्टान के ऊपर से द रॉक के शिखर तक ले जाना चाहिए। अल फ्रेटिनो की उपरी दीवार का काम 1575 में पूरा हो गया जो कालवी की वक्र दीवार के उत्तर में थी।साँचा:sfn यह जिब्राल्टर की चट्टान की ढलान पर होती हुई सिग्नल स्टेशन तक जाती है।साँचा:sfn