मुल्तान भारी जल उत्पादन केंद्र

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मुल्तान भारी जल उत्पादन केंद्र एक छोटा भारी जल उत्पादन संयंत्र है, जो मुल्तान, पंजाब, पाकिस्तान में स्थित है। इसकी मूल वार्षिक क्षमता 13 मीट्रिक टन है। संयंत्र के लिए उपकरण आंशिक रूप से 1980 में बेल्जियम से प्राप्त किए गए थे । इसके

के बारे में आधिकारिक जानकारी गोपनीय है तथा आम जनता और मीडिया के लिए उपलब्ध नहीं है। सार्वजनिक रूप से जो ज्ञात है वह विभिन्न खुफिया एजेंसियों द्वारा प्रकाशित खुफिया रिपोर्टों पर आधारित है। पाकिस्तान के कुछ अन्य परमाणु केंद्रों की तरह मुल्तान केंद्र भी अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के निरीक्षण के अधीन नहीं है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

1960 में, पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग (PAEC) के अध्यक्ष डॉ० नजीर अहमद ने 50 की उत्पादन क्षमता के एक भारी जल संयंत्र के निर्माण के लिए पाकिस्तान औद्योगिक विकास निगम (PIDC) के अध्यक्ष के सामने प्रस्ताव रखा। हालांकि, PIDC ने PAEC के प्रस्ताव पर तुरंत कार्रवाई नहीं की।

जब संयंत्र का निर्माण शुरू हुआ तब डॉ ० इशरत हुसैन उस्मानी PAEC के प्रमुख थे। संयंत्र का निर्माण PAEC द्वारा स्वदेशी रूप से किया गया था और पाक अरब उर्वरक (PAF) द्वारा वित्तपोषित किया गया था। संयंत्र का निर्माण 1962 में शुरू हुआ। 1960 के दशक के दौरान PAF द्वारा निवेश वित्त प्रदान किया गया था। संयंत्र का विस्तार 1978 में किया गया था। परियोजना प्रबंधन का नेतृत्व PAEC के अध्यक्ष मुनीर अहमद खान कर रहे थे। मुनीर अहमद खान के मार्गदर्शन में दो और संयंत्रों को अभिकलपित और निर्माणित किया गया।

उर्वरक संयंत्र

केंद्र पर स्थापित सबसे बड़ा संयंत्र एक 140,000 से 117,000 टन अमोनियम नाइट्रेट के वार्षिक उत्पादन क्षमता का उर्वरक कारखाना है। एक छोटा 43,000 टन यूरिया की वार्षिक उत्पादन क्षमता का उर्वरक संयंत्र भी स्थापित है। सन् 1998 में, पाकिस्तान सरकार ने PAF के निजीकरण का निर्णय लिया, जिसे पहले राष्ट्रीय उर्वरक निगम (NFC) द्वारा प्रबंधित किया जाता था।