मुग़ल वास्तुकला

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भारत में इस्लाम

Taj Mahal in March 2004.jpg

इतिहास

वास्तुकला

मुगल  · भारतीय इस्लामी

प्रधान आंकडे़

मोइनुद्दीन चिश्ती · अकबर
अहमद रजा खान · मौलाना आजा़द
सर सैयद अहमद खाँ · बहादुर यार जंग

सम्प्रदाय

उत्तरीय · मप्पिलाज़ · तमिल
कोंकणी  · मराठी · वोरा पटेल
मेमन · पूर्वोत्तर  · कश्मीरी
हैदराबादी · दाउदी बोहरा · खोजा  · सल़्फी
उडि़या  · नवायत · बीयरी · मेओ · सुन्नी बोहरा
कायमखानी  · बंगाली  · आन्ध्रा मुस्लिम

इस्लामी समुदाय

बरेलवी · देओबंदी · अहले-हदिस · इस्माईली · शिया  · शिया बोहरा · सल़्फी सुन्नी ·

संस्कृति

हैदराबाद की मुस्लिम संस्कृति

अन्य विषय

दक्षिण एशिया में सल़्फी आंदोलन
भारतीय मुस्लिम राष्ट्रवाद
मिशन ए हुसैन बिजनौर (उत्तर प्रदेश)
जमियत ए अहले-हदिस हिन्द
भारतीय इतिहास के मुस्लिम वृत्तांत

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मुगल वास्तुकला, जो कि भारतीय, इस्लामी एवं फारसी वास्तुकला का मिश्रण है, एक विशेष शैली, जो कि मुगल भारत में 16वीं 17वीं एवं 18वीं सदी में लाए|मुगल वास्तुकला का चरम ताजमहल है। मुगल वास्तुकला का विकास एक कर्मिक विकास है। शाहजहां के काल को मुगल वास्तुकला का स्वर्णकाल कहा जाता है।

आरंभिक मुगल वास्तुकला

मुगल वंश आरंभ हुआ बादशाह बाबर से 1526 में। बाबर ने पानीपत में एक मस्जिद बनवाई, इब्राहिम लोदी पर अपनी विजय के स्मारक रूप में। एक दूसरी मस्जिद, जिसे बाबरी मस्जिद कहते हैं<

कुछ प्राथमिक एवं अति विशिष्ट लक्षणिक उदाहरण, जो कि आरम्भिक मुगल वास्तु कला के शेष हैं, (1540–1545) के सम्राट शेरशाह सूरी के छोटे शासन काल के हैं; जो कि मुगल नहीं था। इनमें एक मस्जिद, किला ए कुन्हा (1541) दिल्ली के पास, लाल किला का सामरिक वास्तु दिल्ली में, एवं रोहतास किला, झेलम के किनारे, आज के पाकिस्तान में। उसका मकबरा, जो कि अष्टकोणीय है, एक सरोवर के बीच आधार पर बना है, सासाराम में है, जिसे उसके पुत्र एवं उत्तराधिकारी इस्लाम शाह सूरी (1545-1553). द्वारा बनवाया गया।

अकबर

बुलंद दरवाजा, फतेहपुर सीकरी, आगरा

बादशाह अकबर (1556-1605) ने बहुत निर्माण करवाया, एवं उसके काल में इस शैली ने खूब विकास किया। गुजरात एवं अन्य शैलियों में, मिस्लिम एवं हिंदु लक्षण, उसके निर्माण में दिखाई देते हैं। अकबर ने फतेहपुर सीकरी का शाही नगर 1569 में बसाया, जो कि आगरा से 26 मील (42 कि मी) पश्चिम में है। फतेहपुर सीकरी का अत्यधिक निर्माण, उसकी कार्य शैली को सर्वाधिक दर्शाता है। वहाँ की वृहत मस्जिद, उसकी कार्य शैली को सर्वोत्तम दर्शाती है, जिसका कि कोई दूसरा जोड़ मिलना मुश्किल है। यहाँ का दक्षिण द्वार, अति प्रसिद्ध है, एवं इसका कोई जोड़ पूरे भारत में नहीं है। यह विश्व का सर्वाधिक ऊँचा द्वार है, जिसे बुलंद दरवाजा कहते हैं। मुगलों ने प्रभाचशाली मकबरे बनवाए, जिनमें अकबर के पिता हुमायूँ का मकबरा, दिल्ली में, एवं अकबर का मकबरा, सिकंदरा, आगरा के पास स्थित है। यह दोनों ही अपने आप में बेजोड़ हैं।

जहाँगीर

एतमाद्-उद्-दौला का मकबरा, आगरा

Under Jahangir (1605–1627) the Hindu features vanished from the style; his great mosque at Lahore is in the Persian style, covered with enamelled tiles. At Agra, the tomb of Itmad-ud-Daula completed in 1628, built entirely of white marble and covered wholly by pietra dura mosaic, is one of the most splendid examples of that class of ornamentation anywhere to be found. Jahangir also built the Shalimar Gardens and its accompanying pavilions on the shore of Dal Lake in Kashmir. He also built a monument to his pet antelope, Hiran Minar in Sheikhupura, Pakistan and due to his great love for

शाहजहाँ

the agrawal is the best in bharatpur it is made in tajmahal and originality of the style gave way under Shah Jahan (1627-1658) to a delicate elegance and refinement of detail, illustrated in the magnificent palaces erected in his reign at Agra and Delhi, the latter one the most exquisitely beautiful in India. The most splendid of the Mogul tombs, and the most renowned building in India, is the Taj Mahal at Agra, the tomb of Mumtaz Mahal, the wife of Shah Jahan.The Moti Masjid (Pearl Mosque) in the Agra Fortand The Jama Masjid at Delhi are an imposing building, and their position and architecture have been carefully considered so as to produce a pleasing effect and feeling of spacious elegance and well-balanced proportion of parts. In his works Shah Jahan presents himself as the most magnificent builder of Indian sovereigns. He also built the mausoleum and sections of the huge Lahore Fort that include the impressive Moti Masjid, Sheesh Mahal, and Naulakha pavilion which are all enclosed in the fort. He also built a mosque after himself in Thatta called Shahjahan Mosque. Another mosque was built during his tenture in Lahore called Wazir Khan Mosque, by Shaikh Ilm-ud-din Ansari who was the court physician to the emperor.

ताजमहल

साँचा:main The Taj Mahal, the "teardrop on eternity", was completed in 1648 by the emperor Shah Jahan in memory of his wife Mumtaz Mahal who died while giving birth to their 14th child. The extensive use of precious and semiprecious stones as inlay and the vast quantity of white marble required nearly bankrupted the empire. The Taj Mahal is completely symmetric other than the sarcophagus of Shah Jahan, which is placed off center in the crypt room below the main floor. This symmetry extended to the building of an entire mirror mosque in red sandstone, to complement the Mecca-facing mosque place to the west of the main structure.hi

The Taj Mahal (1630-1653) in Agra, India and the Shalimar Garden (1641-1642) in Lahore, Pakistan, are two sites which are on the world heritage list of UNESCO. One can see the architectural similarities and the love for water that the Mughals expressed in many of their buildings.

The Taj is considered to be one of the most beautiful monuments of love and is one of the Seven Wonders of the World, when it comes to tourism.

औरंगजे़ब तथा अंतिम मुगल वास्तुकला

In Aurangzeb's reign (1658–1707) squared stone and marble gave way to brick or rubble with stucco ornament. Srirangapatna and Lucknow have examples of later Indo-Muslim architecture. He also added his mark to the Lahore Fort and built one the largest mosques in the city, called Badshahi Mosque. He also built one of the thirteen gates, and it was later named after him, Alamgir.

A view of a pavilion in Shalimar Garden, Lahore, Pakistan

मुगल वास्तुकला के अभिलक्षणिक अवयव

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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