मारुति ८००
मारुति ८०० | |
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अवलोकन | |
निर्माता | मारुति उद्योग |
अन्य नाम |
मेहरान ८०० सुजुकी ऑल्टो |
निर्माण | १९८४ से वर्तमान तक |
बॉडी और चेसिस | |
श्रेणी | सिटी कार |
बॉडी स्टाइल | ५ दरवाजो वाली हैचबैक |
ख़ाका | एफ एफ प्रकार (FF layout) |
सम्बंधित | सुजुकी ऑल्टो |
पावरट्रेन | |
इंजन | ७९६ सीसी ३ सिलेंडर, ४-सट्रोक, वाटर कूल्ड |
ट्रांसमिशन | मैनुयल ४ अथवा ५ गियर |
आयाम | |
व्हीलबेस | २१७५ एम एम |
लंबाई | ३३३५ एम एम |
चौड़ाई | १४४० एम एम |
मारुति ८०० भारत मे निर्मित होने वाली एक छोटी कार है। इस का निर्माण हरियाणा के गुड़गांव स्थित मारुति सुजुकी के सयंत्र मे १९८४ से हो रहा है। इस कार को सुजुकी ऑल्टो नाम से विदेशो मे बेचती आयी है। १९८४ से लगभग २५ लाख मारुति ८०० बिक चुकी है।[१] पाकिस्तान मे यह कार सुजुकी मेहरान के नाम से बेची जाती है।
इतिहास
इस कार को १४ दिसम्बर १९८४ मे भारतीय बाजार मे उतारा गया था। उस समय यह पूर्ण रूप से आयातित पूर्जो से बनायी जाती थी। प्रथम कार दिल्ली के हरपाल सिंह को आवंटित हुई थी जिसका मुल्य ४८,००० रुपये था। तत्कालिन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने प्रथम कार की चॉबियां दिल्ली मे आयोजित एक समारोह मे हरपाल सिंह को सौपी थी। १९८४ मे इस कार की ८५२ प्रतिया बेची गयी जो १९८५-८६ तक बड कर ३१,३१४ हो गयी। १९८६ मे मारुति ८०० का नया मॉडल प्रस्तुत किया गया जिस मे वाताकुलित कैबिन एवं म्युजिक सिस्टम मौजुद था। इस नये अवतरण का मुल्य १५,००० रुपये अधिक था। १९८७ मे मारुति ने इस कार का निर्यात शुरु कर दिया। प्रथम चरण मे ५०० कार हंगरी को निर्यात हुई। बाद मे दक्षिण पूर्व एसिया, बांगलादेश, श्रीलंका एवं दक्षिण अमेरिका के देशो को भी निर्यात की गयी। १९९९ मे मरुति ने इस कार का एक नया अवतरण बाजार मे उतारा जिसमे कार्ब्युरेटर की जगह मल्टी पाईन्ट इंजेक्शन सिस्टम लगा था। इस प्रणाली से कार से निकलने वाले प्रदुषण कणो को कम कर दिया गया था। इस मॉडल को मारुति ८०० ई एक्स (EX) नाम दिया गया। सन २००४ मे आल्टो के आगमन के पूर्व यह भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार बनी रही।[२]
चित्र दीर्घा
सन्दर्भ
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