माया कृष्णा राव

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माया कृष्णा राव
Pressegespräch zum Festival Ramayana in Performance im Rautenstrauch-Joest-Museum-9077.jpg
२०१२ में राव
जन्म १९५३
न्यूयॉर्क नगर, संयुक्त राज्य अमेरिका
राष्ट्रीयता भारतीय
व्यवसाय साँचा:plainlist

माया कृष्णा राव (जन्म: १९५३) एक भारतीय रंगमंच कलाकार, स्टैंड-अप कॉमेडियन, नृत्यांगना सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनके जाने-माने नाटकों में ॐ स्वाहा, दफा नं॰ १८०, रावणम् और हेड्स आर मैंट फॉर वॉकिंग इन्टू इत्यादि प्रमुख हैं। राव को २०१० में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, हालाँकि इसके पांच वर्ष बाद ही उन्होंने भारत में बढ़ती असहिष्णुता का हवाला देते हुए इसे वापस कर दिया।

जीवनी

न्यूयॉर्क नगर में १९५३ में जन्मी राव छोटी उम्र में ही भारत चली आई।[१] वह अपनी माँ, भानुमती राव से काफी प्रेरित हुई, जो १९६० के दशक में मलयालम थियेटर से जुड़ी थी।[२] राव ने दिल्ली के मिरांडा हाउस महाविद्यालय से अपनी स्नातक उपाधि पूरी की और फिर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली से राजनीति विज्ञान में भी डिग्री प्राप्त की।[२] इसके अतिरिक्त उन्होंने लीड्स विश्वविद्यालय से भी थिएटर कला में डिग्री प्राप्त की है। यूनाइटेड किंगडम में निवास के दौरान वह कुछ समय के लिए "लीड्स प्लेहाउस थिएटर-इन-एजुकेशन कंपनी" तथा नॉटिंघम की "पर्स्पेक्टिव थिएटर कंपनी" के साथ भी जुड़ी हुई थी।[३]

अपने कॉलेज के दिनों से ही राव साम्यवाद से गहराई से प्रभावित थी।[४] वह एक थियेटर समूह, "थिएटर यूनियन" की सह-संस्थापक हैं। उन्होंने १९८५ और १९९० के बीच राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली की निदेशक के रूप में भी कार्य किया।[५] उनका २०१२ का नाटक वॉक २०१२ दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले पर आधारित था।[६]

राव के अधिकतर नाटक समाजशास्त्रीय विषयों को प्रदर्शित करते हैं।[१] उनके शुरुआती नाटकों में शामिल ॐ स्वाहा दहेज प्रथा की आलोचना पर, जबकि दफा नं॰ १८० भारतीय बलात्कार कानून से सम्बन्धित है।[१] उनके एकल कलाकार नाटकों में रावणम्, आर यू होम लेडी मैकबेथ?, अ डीप फ्राइड जैम और हेड्स आर मैंट फॉर वॉकिंग इन्टू शामिल हैं। नाइजीरियाई लेखिका, चिमामांडा आदिची की एक छोटी सी कहानी पर आधारित राव के २०१७ के नाटक क्वालिटी स्ट्रीट को भी समीक्षकों से काफी प्रशंसा प्राप्त हुई थी।[७]

भारतीय रंगमंच के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राव को २०१० में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।[६] २०१५ की दादरी मॉब-लिंचिंग घटना के बाद उन्होंने भारत में "असहिष्णुता बढ़ने" का हवाला देते हुए अपना पुरस्कार वापस कर दिया;[७] इस पुरस्कार को वापस करने वाली वह पहली कलाकार थी।[८][९]

राव एक प्रशिक्षित कथकली कलाकार भी हैं; इस विधा में उन्होंने मंपुझा माधव पानकर और सदनम बालकृष्णन से प्रशिक्षण प्राप्त किया है।[५] उन्होंने मीरा नायर की फ़िल्म कामसूत्र: ए टेल ऑफ़ लव (१९९६) में नृत्य संयोजक के रूप में कार्य किया;[१०] इसके अतिरिक्त उन्होंने फिल्म में एक छोटी भूमिका भी निभाई थी। २०१८ तक, वह दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहती है,[९] और शिव नादर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।

नाटक

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  • ॐ स्वाहा
  • दफा नं॰ १८०
  • खोल दो[६]
  • अ डीप फ्राइड जैम[६]
  • हेड्स आर मैंट फॉर वॉकिंग इन्टू[६]
  • क्वालिटी स्ट्रीट[६]
  • द नॉन-स्टॉप फील गुड शो[६]
  • हैंड ओवर फिस्ट – पर्सपेक्टिव्स ऑन मैस्कुलिनिटीज़[६]
  • लेडी मैकबेथ रीविसिटेड[६]
  • रावणम्[६]
  • वॉक[६]
  • नॉट इन माय नेम[४]

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सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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