मानव जनाधिक्य

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
मानव जनसंख्या वृद्धि का ग्राफीय निरूपण, 10,000 ई॰ पू॰ - 2000 ई॰

मानव जनाधिक्य या मानव जनसंख्या अधिकता (अंग्रेज़ी:Human overpopulation) एक ऐसी स्थिति है जब मानव जनसंख्या किसी क्षेत्र की पारिस्थितिकीय वहन क्षमता (carrying capacity) से अधिक हो जाए।[१] यह शब्दावली पूरी मानव जाति की जनसंख्या और वैश्विक पर्यावरण (जो एक पारितंत्र भी है) की वहन क्षमता के बीच संबंधों को व्यक्त करने के लिये भी इस्तेमाल होती है।[२]

सन्दर्भ

  1. Ehrlich, Paul R. Ehrlich & Anne H. (1990). The population explosion स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. London: Hutchinson. pp. 39–40. ISBN 0091745519. Retrieved 27 जुलाई 2014. "When is an area overpopulated? When its population can't be maintained without rapidly depleting nonrenewable resources [39] (or converting renewable resources into nonrenewable ones) and without degrading the capacity of the environment to support the population. In short, if the long-term carrying capacity of an area is clearly being degraded by its current human occupants, that area is overpopulated."
  2. "Global food crisis looms as climate change and population growth strip fertile land" स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. Guardian.co.uk (2007-08-31).

साँचा:asbox