माथेरान
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माथेरान को जाने वाले एक 'हेयर-पिन' मार्ग का दृष्य | |
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निर्देशांक: साँचा:coord | |
देश | साँचा:flag/core |
प्रान्त | महाराष्ट्र |
ज़िला | रायगढ़ ज़िला |
तालुका | कर्जत |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | ४,३९३ |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
भाषा | |
• प्रचलित | मराठी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 410102 |
दूरभाष कोड | 02148 |
वाहन पंजीकरण | MH-46 |
निकटतम नगर | कर्जत |
माथेरान (Matheran) भारत के महाराष्ट्र राज्य के रायगढ़ ज़िले की कर्जत तालुका में स्थित एक नगर और हिल स्टेशन है।[१][२]
परिचय
माथेरान मुंबई से मात्र ११० किलोमीटर दूर प्राकृतिक खूबसूरती से भरा छोटा-सा हिल स्टेशन है। यह पश्चिमी घाट पर्वत शृंखला में समुद्र तल से ८०० मीटर (२६२५ फीट) की उँचाई पर बसा है। मुंबई और पुणे से इसकी दूरी क्रमशः ९० और १२० किलो मीटर है। बड़े शहरोंसे इसकी निकटता के कारण माथेरान शहरी नागरिकों के लिए एक सप्ताहांत बिताने के लिए लोकप्रिय स्थल है। यहाँ की खासियत है कि यहां किसी भी प्रकार के वाहन का प्रवेश वर्जित है।[३] मुंबई, पुणे, नाशिक और सूरत के लोगों की तो यह पसंदीदा जगह है ही लेकिन अब उत्तर और दक्षिण भारत के लोगों को भी यह स्थान अपनी ओर आकर्षित करने लगा है।
समुद्र तल से ८०० मीटर की ऊँचाई पर स्थित देश के इस सबसे छोटे हिल स्टेशन की खोज मई १८५० में ठाणे जिले के कलेक्टर ह्यूज पोयन्ट्स मलेट ने की थी। मुंबई के तत्कालीन गवर्नर लॉर्ड एल्फिंस्टोन ने यहां भविष्य के हिल स्टेशन की नींव रखी और गर्मी के दिनों में वक्त गुजारने की दृष्टि से इसे विकसित किया गया। माथेरान का शाब्दिक अर्थ होता है माथे (पर्वत के) पर स्थित अरन्य।
माथेरान का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन नेरल स्टेशन है, जो यहां से ९ किलोमीटर दूर है। इसके आगे वाहनों का प्रवेश वर्जित है। आगे जाने के लिए या तो पैदल जाना होगा, या बग्गी, रिक्शे या घोड़ों का प्रयोग करना होगा। लेकिन यहां पहुंचने का सबसे अच्छा साधन है यहां की टॉय ट्रेन जिसके हाल ही में १०० साल पूरे हुए हैं। पहाड़ों पर चढ़ती उतरती इस ट्रेन में बैठकर ढाई घंटे की यात्रा में खूबसूरत प्राकृतिक नजारों का आनंद उठाया जा सकता है। इसके अलावा ट्रॉली से भी यहां तक पहुंचा जा सकता है।
यहाँ साल भर पर्यटकों का तांता लगा रहता है और मॉनसून यहाँ आने का सबसे अच्छा मौसम है। उस समय घाटियों में फैला कोहरा, हवा में तैरते बादल और भीगा-भीगा मौसम होते हैं। माथेरान में प्राकृतिक नजारों का आनंद लेने के लिए ३८ दृश्य बिंदु (व्यू पॉइंट्स) हैं। इसके अलावा माउंट बेरी और शारलॉट लेक भी यहां के मुख्य आकर्षण हैं। माउंट बेरी से नेरल से आती हुई ट्रेन का दृश्य देखा जा सकता है। शारलॉट लेक के दायीं ओर पीसरनाथ का प्राचीन मंदिर है। वहीं बायीं और दो पिकनिक स्पॉट लुईस पॉइंट और इको पॉइंट हैं। हनीमून पॉइंट पर रस्सी के द्वारा घाटी को पार करने का साहसिक और रोमांचक कार्य का भी अनुभव यहां किया जा सकता है। इसके अलावा एलेक्जेंडर पॉइंट, रामबाग पॉइंट, लिटिल चौक पॉइंट, चौक पॉइंट, वन ट्री हिल पॉइंट, ओलंपिया रेसकोर्स, लॉर्डस पॉइंट, सेसिल पॉइंट, पनोरमा पॉइंट इत्यादि अनेक स्थानों पर पर्यटक आते हैं।
माथेरान में पनोरमा पॉइंट सहित लगभग ३६ पूर्व निस्चित लुक-आउट पायंट्स हैं जहाँ से सारे क्षेत्र के अलावा नेरल शाहर का भी विहंगम दृश्य प्राप्त कर सकते है। पनोरमा पॉइंट से सूर्योदय और सूर्यास्त देखा जा सकता है। लूयीसा पॉइंट के प्रबल फ़ोर्ट का सुस्पष्ट दर्शन होता है। वन ट्री हिल पॉइंट, हार्ट पॉइंट, मंकी पॉइंट, पोर्क्युपाइन पॉइंट, रामबाघ पॉइंट इत्यादि यहाँ के अन्य मुख्य पॉइंट हैं।
इतिहास
माथेरान की खोज १८५० में थाने जिले के तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ह्यू पायंट्ज़ मेल्ट द्वारा की गयी थी।[४] उस समय के बंबई के गवर्नर लॉर्ड एलफिन्सटोन ने इस भावी हिल स्टेशन की आधारशिला रखी। अँग्रेज़ सरकार ने इस इलाक़े में पड़ने वाली गर्मी से बचाव के लिए माथेरान का विकास किया। माथेरान हिल रेलवे का निर्माण १९०७ में सर आदंजी पीर्भोय द्वारा किया गया था। घने जंगलो के विशाल इलाक़े में फैला यह रेलवे २० किलो मीटर (१२ मिल) की दूरी तय करता है। माथेरान लाइट रेलवे के नाम से भी मशहूर इस स्थान का युनेसको वर्ल्ड हेरिटेज साइट के अधिकारियों द्वारा भी निरीक्षण किया गया था पर यह वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में स्थान पाने में असफल रहा।[५]
वन और वन्य जीवन
माथेरान को केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है और यह अपने आप में एक स्वास्थ्य आरोग्यआश्रम कहा जा सकता है। इस इलाक़े के अनेको सूखे पेड़ो का संग्रह ब्लात्तेर हर्बेरियम, स्ट्रीट। आइयेवियर'स कॉलेज, बॉमबे, मुंबई में देखा जा सकता है। माथेरान में उपस्थित एक मात्र स्वचालित वाहन इसकी नगरपालिका द्वारा संचालित एम्बुलेंस ही है। किसी भी निजी स्वचालित वाहन को अनुमति नहीं दी जाती। माथेरान के भीतर यातयात के साधानो के रूप में घोड़े और हाथ से खींचे जाने वाला रिक्सा ही उपलब्ध होता है। माथेरान में बड़ी संख्या में औषधीय पौधे और जड़ी-बूटियाँ पाई जाती हैं. इस शहर में बॉनेट मकाक्स, हनुमान लंगूरस समेत बहुत सारे बंदर भी पाए जाते हैं। निकट में ही अवस्थित लेक शार्लट माथेरान का पीने के पानी का प्रमुख स्रोत है। जंगल के अंदर कई तरह के जानवर जैसे कि तेंदुए, हिरण, मलाबार जाइयंट गिलहरी, लोमड़ी, जंगली सुअर, नेवले आदि पाए जाते हैं।
यातायात-साधन
माथेरान मुंबई और पुणे से रेल और सड़क द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसका निकटतम रेलवे स्टेशन नेरल है। निकटतम हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजी इंटरनॅशनल एरपोर्ट, मुंबई है। माथेरान शहर के केंद्र में एक नॅरो गेज रेलवे स्टेशन है। माथेरान हिल रेलवे से नेरल के लिए प्रतिदिन सेवा उपलब्ध है।[६] इस पर चलने वाली खिलोना गाड़ी मुख्य लाइन से नेरल जक्सन में जुड़ती है जो की सी.एस.टी - कर्जत मार्ग के द्वारा सी.एस.टी से अच्छी तरह जुड़ा है।
चित्रदीर्घा
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
सन्दर्भ
- ↑ "RBS Visitors Guide India: Maharashtra Travel Guide स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," Ashutosh Goyal, Data and Expo India Pvt. Ltd., 2015, ISBN 9789380844831
- ↑ "Mystical, Magical Maharashtra स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," Milind Gunaji, Popular Prakashan, 2010, ISBN 9788179914458
- ↑ साँचा:cite web
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