माथवरसिंह थापा
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श्री प्रधानमन्त्री कमाण्डर-इन-चिफ माथवरसिँह थापा | |
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पूर्वा धिकारी | फत्तेजंग शाह |
उत्तरा धिकारी | फत्तेजंग शाह |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
बच्चे | रणोज्जवल सिंह थापा[१] कर्णेल विक्रम सिंह थापा, क. अमर सिंह थापा[२] |
निवास | थापाथली दरबार, बाग दरबार |
धर्म | हिन्दु, क्षेत्री |
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माथवरसिंह थापा साँचा:audio नेपालके प्रधानमन्त्री एवम् नेपाली सेना के कमाण्डर-इन-चिफ थे। उनका कार्यकाल सन् १८४३ से १८४५ तक रहा जब उनके भान्जा जंगबहादुर राणा द्वारा हत्या हुई। प्रधानमन्त्री भीमसेन थापाको सजाय मिल्नेके बाद, उनके भतिजा होनेके कारण वो शिमला, भारत में शरण लिए। [३] विक्रम सम्वत १९०० में थापा वंशके ज्येष्ठ पुरुष होने के कारण उन्हें महारानी राज्यलक्ष्मी से वापसी का पत्र मिला और वो पंजाब से नेपाल पहुंचे। उन्हें प्रधानमन्त्री पद एवम् मुकुट से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने चाचा के मुद्दे को अनुसन्धान करते हुए पाँडे वंशके रणजंग पाँडे को छोडकर सबही ज्येष्ठ सदस्य को प्राणदण्ड दिया। उनका हत्या अपने भान्जे जंगबहादुर राणा ने किया।
स्रोत
- ↑ "Jung Bahadur" by Shree Krishna Shrestha
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite book