मातृवंश समूह ऍल५

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मध्य अफ़्रीका की पिग्मी जनजातियों के कुछ स्त्री ओर पुरुष मातृवंश समूह ऍल५ के वंशज हैं

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह ऍल५ या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप L5 एक मातृवंश समूह है। इस मातृवंश समूह के सदस्य स्त्रियों और पुरुषों की तादाद ज़्यादा नहीं है, लेकिन वे पूर्वी और मध्य अफ़्रीका के कुछ समुदायों में मिलते हैं। पिग्मी जनजाति की अम्बूटी शाखा के १५% लोग इसके वंशज हैं और तंज़ानिया के संदावे समुदाय के में भी कम तादाद में इसके वंशज मिलते हैं।[१] अफ़्रीका से बाहर बहुत कम तादाद में इसके वंशज साउदी अरब में भी पाए गए हैं।[२] वैज्ञानिकों के मुताबिक़ जिस स्त्री से इस मातृवंश की शुरुआत हुई वह पूर्वी अफ़्रीका में आज से लगभग ११४,२०० से १२६,२०० साल पहले रहती थी।[३]

अन्य भाषाओँ में

अंग्रेज़ी में "वंश समूह" को "हैपलोग्रुप" (haplogroup), "पितृवंश समूह" को "वाए क्रोमोज़ोम हैपलोग्रुप" (Y-chromosome haplogroup) और "मातृवंश समूह" को "एम॰टी॰डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप" (mtDNA haplogroup) कहते हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

साँचा:reflist

  1. Sarah A. Tishkoff et al. 2007, History of Click-Speaking Populations of Africa Inferred from mtDNA and Y Chromosome Genetic Variation. स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। Molecular Biology and Evolution 2007 24(10):2180-2195
  2. Abu-Amero et al. 2008 February. "Mitochondrial DNA structure in the Arabian Peninsula" स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, BMC Evolutionary Biology. 8(45): 52.
  3. साँचा:cite journal