मातृवंश समूह ऍल०

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उप-सहारा अफ़्रीका की बुशमैन जनजातियों के स्त्री ओर पुरुष अक्सर मातृवंश समूह ऍल० के वंशज होते हैं

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह ऍल० या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप L0 एक अत्यंत प्राचीनतम मातृवंश समूह है। इस मातृवंश समूह के सदस्य व्यक्ति (स्त्री ओर पुरुष दोनों) ज़्यादातर उप-सहारा अफ़्रीका में पाए जाते हैं। इस इलाक़े के खोइसान जनजाति के ७३% लोग, !कुंग जनजाति की नामीबिया वाली शाखा के ७९% लोग ओर !कुंग जनजाति की बोत्सवाना वाली शाखा के १००% लोग इसके वंशज हैं। अनुमान है के जिस नारी से यह मातृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग ११२,२०० से १८८,००० वर्ष पूर्व पूर्वी अफ़्रीका में रहती थी।[१]

अन्य भाषाओँ में

अंग्रेज़ी में "वंश समूह" को "हैपलोग्रुप" (haplogroup), "पितृवंश समूह" को "वाए क्रोमोज़ोम हैपलोग्रुप" (Y-chromosome haplogroup) और "मातृवंश समूह" को "एम॰टी॰डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप" (mtDNA haplogroup) कहते हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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