माइक्रोसैट-आर
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माइक्रोसैट-आर (Microsat-R) रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन[१] द्वारा निर्मित और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा प्रक्षेपित किया गया पृथ्वी अवलोकन उपग्रह था। जिसका उपयोग सैन्य उपयोग के लिए किया गया था।[२]
प्रक्षेपण
माइक्रोसैट-आर 24 जनवरी 2019 को 23:37 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम प्रक्षेपण पैड से प्रक्षेपित किया गया था।[३] प्रक्षेपण ने ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन वाहन की 46 वीं उड़ान को चिह्नित किया।[४] उड़ान के 13 मिनट 26 सेकंड के बाद, माइक्रोसैट-आर को लगभग 277.2 किमी की लक्षित ऊंचाई पर इंजेक्ट किया गया था। इस प्रक्षेपण में पीएसएलवी के एक नए संस्करण की पहली उड़ान हुई थी। जिसे पीएसएलवी-डीएल बोला गया। जिसमें दो स्ट्रैप-ऑन बूस्टर थे। जिनमें से प्रत्येक में ठोस प्रणोदक का 12.2-टन भार था।[५]
उपग्रह विरोधी परीक्षण
माइक्रोसैट-आर ने 27 मार्च, 2019 को भारतीय उपग्रह विरोधी परीक्षण प्रयोग के लिए लक्ष्य के रूप में कार्य किया।[६][७][८] इस उपग्रह विरोधी परीक्षण से मलबे के 250 से अधिक टुकड़े उत्पन्न हुए जिनके 45 दिनों के भीतर पुनः प्रवेश की उम्मीद है।[९]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
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- ↑ साँचा:cite news
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