माइकल फरेरा

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माइकल फरेरा भारत के बिलियर्ड खिलाड़ी हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा सन १९८४ में खेल के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होने अपना जीवन न केवल खेल और कॉरपोरेट दुनिया में बल्कि सामाजिक और आर्थिक कल्याण की राष्ट्रीय समिति के सदस्य के रूप में भी जी है। वे चार बार विश्व बिलियर्ड्स चैंपियनशिप जीतने के लिए प्रसिद्ध हैं।

परिचय

एक महान खिलाड़ी होने के अलावा, माइकल एक सच्चे विद्रोही चरित्र के लिए जाने जाते हैं जिन्होंने हमेशा क्रिकेट के खेल के अलावा अन्य खेलों के लिए समान सुविधाएं और प्रोत्साहन की मांग की है। माइकल फेरेरा का जन्म १ अक्टूबर १९३८ को बाॅम्बे [अब मुंबई] में हुआ था, जिसे 'बाॅम्बे टाइगर' भी कहा जाता है, वे भारत के अंग्रेजी बिलियर्ड्स के उल्लेखनीय शौकिया खिलाड़ी और तीन बार एमेच्योर वोर्ल्ड चैंपियन रह चुके है। फेरेरा ने सेंट जोसेफ स्कूल, दार्जिलिंग में अध्य्य्न किया जहां उन्हें बिलियर्ड्स खेलने में दिलचस्पी आई। वे सेंट जेवियर्स काॅलेज और मुंबई में सरकारी लाॅ काॅलेज में अपनी खेल में रुचि बनाए रखने में सक्षम थे।

उपलब्धियां

उन्होनें १९६० में पहली बार भारतीय राष्ट्रय बिलियर्ड्स चैंपियनशिप में भाग लिया, और १९६४ में न्यूजीलैंड में आयोजित विश्व एमेच्योर बिलियर्ड्स चैंपियनशिप (डब्लूएबीसी) में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जहां वह सेमीफाइनल में आगे बढ़े। फेरेरा 6 अंक के अंतर से टूर्नामेंट में तीसरे स्थान पर रहे। यह टूर्नामेंट विल्सन जोन्स, एक और भारतीय बिलियर्ड्स प्लेयर द्वारा जीता गया था, जबकि इस घटना में जेक कर्णहेम दूसरे स्थान पर थे। उन्होंने लंदन में आयोजित विश्व बिलियर्ड्स चैंपियनशिप सन् १९६९, बॉम्बे में आयोजित सन् १९७३ और ऑकलैंड में आयोजित सन् १९७५ के मैच में दूसरा स्थान हासिल कर हार गए। १९७७ में उन्होनें अपना पहला विश्व एमेच्योर बिलियर्ड्स चैंपियन खिताब जीता और उसी वर्ष विश्व ओपन बिलियर्ड्स चैंपियनशिप खिताब भी जीता। उनके पास दो अन्य डब्ल्यूएबीसी खिताब भी हैं। १९७८ में वह बिलियर्ड्स राष्ट्रीय चैंपियनशिप में १००० अंक के बाधा को तोड़ने वाले पहले शौकिया बन गए और ११४९ अंक बनाके एक नया शौकिया विश्व रिकार्ड बनाया।

वर्तमान जीवन

वर्तमान में फेरेरा एक नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी 'क्यूनेट' से जुड़े हुए है। उनके पास 'विहान डायरेक्ट सेलिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' मेँ ८० प्रतिशत शेयरहोल्डिंग है, जो कि भारत में क्यूनेट ब्रांड के लिए फ्रेंचाइजी है। फेरेरा को क्यूनेट में पने निवेश के संबंध में दुर्व्यवहार के आरोपों का सामना करना पड़ा, और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया था। फेरेरा ने आरोपों से इंकार कर दिया और, उन्हें "अपमानजनक, दुर्भावनापूर्ण और असत्य" कहा। ३० सितंबर २०१६ को, फेरेरा, विहान के तीन अन्य निर्देशकों के साथ, क्यूनेट घोटाले के संबंध में मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध विंग (ईओओ) ने गिरफ्तार कर लिया था। बाद में उन्हें भारत के सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी।

पुरस्कार

१९८१ में फेरेरा को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जब उन्होंने अपना दूसरा विश्व शौकिया खिताब जीता था। लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया और तर्क दिया कि क्रिकेटर सुनील गावस्कर को प्रतिष्ठित पद्म भूषण पुरस्कार दिया गया था और उन्हें भी वही सम्मानित किया जाना चाहिए था। वह पहले बिलियर्ड्स खिलाड़ी हैं जिन्हें पद्म भूषण से सम्मनित किया गया, जिसे भारत में तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार माना जाता हे, उन्हें यह पुरस्कार अपना तीसरा विश्व शौकिया बिलियर्ड्स खिताब जीतने के बाद मिला था। वह महाराष्ट्र राज्य सरकार के शिव छ्त्रपति पुरस्कार (१९७१), अर्जुना पुरस्कार (१९७३) और अंतर्राष्ट्रीय मेला फेर प्ले कमेटी के पत्र के प्राप्तकर्ता भी हैं। २००१ में बिलियर्ड्स और स्नूकर में उनकी कोचिंग उपलब्धियों के लिए द्रोणचार्य पुरस्कार मिला।

कारावास

अपने जीवन को अपने देश का प्रतिनिधित्व कर हर हिस्से में गर्व के साथ समर्पित करते हुए लाखों भारतीयों के इस राष्ट्रीय नायक को ७८ साल की उम्र में मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। एक व्यक्ति जिसने ईमानदारी और गरिमा का जीवन जीया है उसकी प्रसिद्धि और सार्वजनिक व्यक्तित्व के कारण गलत तरीके से फायदा उठाया जा रहा था। पूर्व बिलियर्ड्स चैंपियन माइकल फेरेरा को कथित क्यूनेट घोटाले में गिरफ्तार होने के छह महीने बाद 8 अप्रैल को नवी मुंबई में तालोजा सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया था।

आत्म छवि

हालांकि फेरेरा 2013 से विवादों के अधीन है, फिर भी उनके नाम का मुंबई के बांद्रा जिमखाना में सम्मान का स्थान है - बिलियर्ड्स रूम का नाम इस खिलाड़ी के नाम पर रखा गया है। जब पूछा गया कि कमरे का नाम बदलने की कोई योजना है, तो जिमखाना के अध्यक्ष डेरिल डी मोंटे ने कहा, "माइकल फेरेरा की उपलब्धियों को इनकार नहीं किया जा सकता है। हमने बिलियर्ड्स रूम का नाम बदलने का कभी सोचा नहीं है। इसका नाम बिलियर्ड्स के मशहूर खिलाडी पर रखा गया था। किसी भी घोटाले में उनकी भागीदारी से उनकी स्थिति प्रभावित नहीं होती है क्योंकि वे एक प्रसिद्ध शख़्सियत है।"

सन्दर्भ

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