महाराष्ट्र राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी

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महाराष्ट्र में 100 करोड़ की आबादी और 3.08 स्क्वर किलोमीटर क्षेत्र के साथ भारत का दूसरा सबसे बडा राज्य है। राज्य में पहली बार एड्स का मामला मुंबई से 1986 में सूचित हुआ था। इसी के सन्दर्भ में महाराष्ट्र राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी का गठन हुआ था।[१]

उद्देश्य

महाराष्ट्र राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के उद्देश्य इस तरह हैं:

(क) एचआइवी और एड्स की रोकथाम,

(ख) एड्स से संक्रमित और प्रभावित लोगों की देखभाल और सहायता और

(ग) असली या अनुमानित एचआइवी स्थिति के आधार पर कार्यस्थल में भेदभाव, कलंक और रोजगार-समन्धित समस्याओं की रोकथाम।[१]

महाराष्ट्र राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के कार्यक्रम

एड्स प्रसार को रोकने के लिए महाराष्ट्र राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी समय-समय पर जन-जागृति सभाएं करती आई है। ऐसा ही प्रयास दिसंबर 2010 में सोसाइटी की ओर किया गया जब राज्य में जनजागृती सप्ताहास प्रारंभ हुआ। इसके अंतर्गत विविध कार्यक्रम आयोजित किये गए। 'कृतिशीलता-जनजागृती', 'जनजागृतीसाठी काम करू या' जैसे नारों से भरे कार्यक्रम आयोजित हुए। इसमें महाविद्यालयों के प्रबोधन और विविध उद्योगिक कर्मचारी यूनियनों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। विभिन्न नगर पालिकाओं और स्वास्थ्य संस्थाओं का भी इस कार्यक्रम में सकारात्मक सहयोग प्राप्त था।[२]

सन्दर्भ

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