महाराजा रामसिंह द्वितीय
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महाराजा रामसिंह द्वितीय जो १८४३ ईस्वी में मात्र १६ वर्ष की उम्र में जयपुर के राजा बने थे। नाबालिग होने के कारण ब्रिटिश सरकार ने इन्हें वयस्क होने तक अपने संरक्षण में [१]ले लिया था। इनके समय में मेजर जॉन लुडलो ने जनवरी १८४३ ईस्वी में जयपुर का प्रशासन सम्भाला था। इसने सती प्रथा ,दास प्रथा ,कन्या वध और दहेज प्रथा आदि पर रोक लगाने के आदेश जारी किये थे। [२] ये जयपुर के शासक जयसिंह तृतीय के पुत्र थे।
१८५७ के स्वतंत्रता आंदोलन में महाराज रामसिंह ने अंग्रेजों की भरपूर सहायता की थी। [३] इस कारण अंग्रेज सरकार ने इन्हें सितार - ए - हिन्द की उपाधि प्रदान की।
इनके समय में सन् १८४५ में जयपुर में महाराजा कॉलेज तथा संस्कृत कॉलेज का निर्माण हुआ था।