मलखाचक

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मलखाचक एक ऐतिहासिक स्थल रहा है, ये दिघवारा थाना में आता है जिला सारण. ऐसी मान्यता है की राजस्थान के नौतनगढ़ राजपरिवार से एक राजकुमार मल्खाकुवर ने यहाँ आ कर इस गांव की स्थापना की और उनके ही नाम पर इस गांव का नाम मलखाचक पड़ा. मलखाचक में आजादी की लड़ाई में महात्मा गाँधी जी ने भी आ कर अलख जगाई थी, जिस चबुतेरे पे उन्होंने जनता में आजादी की भावना जगाई और जिस स्थान पर रुके थे वे जगह आज भी उनके नाम पर गाँधी कुटी से प्रसिद्ध है। मलखाचक विद्वानों की जननी स्थर रही है, आजादी के बाद प्रथम बिहार बिधानसभा चुनाव में सोनपुर बिधानसभा क्षेत्र से मलखाचक के ही स्व: रामबिनोद सिंह निर्वाचित हुए थे। मलखाचक के निवासी आर्थिक स्तर पर काफी संपन्न रहे है, यहाँ के पूर्वज सुदूर जिलो जैसे की वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा आदि में काफी परिश्रम से काफी कुछ अर्जित किया। यही नहीं यहाँ के निवासी सुदूर जा कर बस भी गए जैसे की मुजफ्फरपुर का रेवा क्षेत्र, रांची, पटना आदि. यही के स्व: प्रो॰ डॉ॰ पारस नाथ सिंह यदुनन्दन सिंह कॉलेज, दिघवारा के संस्थापक प्रचार्यो में से एक रहे थे। साँचा:asbox