ममता प्रभु

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ममता प्रभु (जन्म: 1 मार्च 1983) महाराष्ट्र, भारत से टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं। वह भारतीय महिला टेबल टेनिस टीम का अभिन्न हिस्सा हैं। जुलाई 2011 तक, वह अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ (ITTF) महिला रैंकिंग में 356वें स्थान पर हैं। वह भारतीय दल में 4वें स्थान पर हैं।

प्रारंभिक जीवन

ममता प्रभु ने 1991 में 8 साल की छोटी उम्र में टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था। उनके माता-पिता उसके भाई और ममता को उनके घर के पास टेबल टेनिस क्लब में दाखिला लेने के लिए ले गए थे। वह अपने स्कूल के जीवन के दौरान विभिन्न स्थानीय क्लबों के माध्यम से खेली हैं। 12 साल की उम्र में उन्हें राजस्थान के अजमेर में चीनी कोच के प्रशिक्षण के लिए पेट्रोलियम टेबले टेनिस अकादमी के लिए चुना गया था। वह दिसंबर 2006 में पेशेवर रूप से खेलने लगी। वह पहले सेंट्रल रेलवे के लिए खेलती थी, बाद में देना बैंक की तरफ से खेलने लगी।

करियर

ममता प्रभु ने 2010 में भारत में आयोजित दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स और बाद में भारतीय महिला टेबल टेनिस टीम के सदस्य के रूप में चीन में आयोजित ग्वांगझोउ एशियन गेम्स 2010 में भाग लिया। राष्ट्रमंडल खेलों में ममता उस टीम का हिस्सा थीं जिसने भारत के लिए रजत पदक जीता था।[१]

एशियाई खेलों में, ममता ने मालदीव की मोहम्मद मुएना को ग्रुप के पहले मैच में तीनों सेटों में 11-6, 11–6, 11–7 के स्कोर के साथ 12 मिनट में हरा दिया। इससे भारत मालदीव से 3-0 जीत पाया। हालांकि भारत क्वार्टर फाइनल में पहुँचने के बाद चीन से 0-3 से हार गया था।[२]

मौमा दास के साथ खेलते हुए युगल स्पर्धा में, वह ली जियावेई और सन बेइबेई की सिंगापुरी जोड़ी से 5-11, 5-11, 2-11 से हार गईं।

उन्होंने शंघाई, चीन में 48वें विश्व टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें चिली ओपन, 2006 में अमेरिकी ओपन और वियतनाम में आयोजित गोल्डन रैकेट टूर्नामेंट में भी चुना गया था। अन्य में 2009 में उत्तर कोरिया में अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस टूर्नामेंट शामिल था। उसी वर्ष, उन्होंने इंदौर, भारत में आयोजित इंडियन ओपन आईटीटीएफ प्रोटोर में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। उन्होंने लखनऊ, भारत में आयोजित 19वें एशियाई टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में फिर से भारत का प्रतिनिधित्व किया।[३]

सन्दर्भ