मध्यकालीन इस्लामी विज्ञान को भारतीय योगदान
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
मध्यकाल में इस्लाम के प्रसार के साथ इस्लामी ज्ञान-विज्ञान के विविध क्षेत्रों का जो प्रसार हुआ उसमें भारत के विद्वानों, गणितज्ञों, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, खगोलविदों, दार्शनिकों का बहुत बड़ा हाथ है। सातवीं से तेरहवीं शती के बीच फारस एवं अरब के मुसलमानों ने भारतीय ज्ञानराशि को तरह-तरह से आत्मसात किया। कुछ भारतीय ग्रंथों के अनुवाद हुए, कुछ भारतीय विद्वान इस्लाम के शिक्षा और ज्ञान के केन्द्रों में बुलाकर नियुक्त किये गये।