मधुमालती (कविता)
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मंझन मधुमालती एक भारतीय सूफी कविता है, जो 1545 में मीर सैय्यद मंझन शत्तारी राजगिरि द्वारा लिखी गई थी।[१] यह 16 वीं शताब्दी की कविता भारत की इस्लामिक परंपरा में सूफी साहित्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
इसमें मनोहर नाम के एक राजकुमार और सुंदर राजकुमारी मधुमालनी का रहस्यमयी प्रेम-प्रसंग है। भाग्य उन्हें अलग करता है, और उन्हें पुनर्मिलन और सुख का अनुभव करने से पहले पीड़ा, रोमांच और परिवर्तन सहना पड़ता है। यह कविता एक अद्भुत प्रेम कहानी और रहस्यमय प्रतीकात्मकता से भरा एक पाठ है, जो दो प्रेमियों की कहानी के माध्यम से आत्मज्ञान की राह पर आध्यात्मिक कदमों के बारे में बताता है। कविता मूल रूप से पश्चिमी हिंदी बोली में लिखी गई थी।
संदर्भ
स्त्रोत
- मधुमालती: एक भारतीय सूफी रोमांस (ऑक्सफोर्ड वर्ल्ड्स क्लासिक्स)। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, यूएसए, 2001। आईएसबीएन 978-0192840370