मदनलाल लक्ष्मणदास टहलियानी
न्यायमूर्ति एम॰ एल॰ टहलियानी | |
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जन्म |
साँचा:birth date and age सरदार शहर, राजस्थान |
राष्ट्रीयता | साँचा:flag/core |
व्यवसाय | महाराष्ट्र के लोकायुक्त |
प्रसिद्धि कारण | मुंबई आतंकी हमले में जिंदा पकड़े गए एकमात्र आतंकी मुहम्मद अजमल कसाब के मुकदमे की सुनवाई हेतु। |
पूर्वाधिकारी | पी.बी. गायकवाड़ |
धार्मिक मान्यता | हिन्दू |
न्यायमूर्ति मदनलाल लक्ष्मणदास टहलियानी (जन्म: 23 दिसंबर 1953), महाराष्ट्र के लोकायुक्त हैं। इससे पूर्व वे मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं। वर्तमान पद के लिए उन्होने सेवानिवृत्त न्यायाधीश पी.बी. गायकवाड़ का स्थान ग्रहण किया है, जिनका इस पद पर कार्यकाल एक जुलाई 2014 को समाप्त हो गया था। सेशन जज के रूप में उन्हें मुंबई आतंकी हमले में जिंदा पकड़े गए एकमात्र आतंकी मुहम्मद अजमल कसाब के मुकदमे की सुनवाई हेतु जाना जाता है, जिन्होने कसाब को फांसी की सजा सुनाई थी।[१]
प्रारंभिक जीवन और करियर
न्यायमूर्ति टाहिलियानी का जन्म राजस्थान राज्य के सरदार शहर में 23 दिसंबर 1953 को हुआ था। कानून की डिग्री (एलएलबी) प्राप्त करने के बाद, वे मई 1977 में गोंदिया और चंद्रपुर में अभ्यास शुरू कर दिया। 14 दिसंबर, 1979 को गढ़चिरौली में सहायक लोक अभियोजक के रूप में वे नियुक्त किए गए। गढ़चिरौली के बाद वे सिरोचना, डसईगंज और वरोरा में भी दायित्व निभाया। उन्होंने 1987 में मुंबई, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के रूप में भी कार्य किया। उसके बाद 1994 में वे मुंबई के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त हुये और 1997 में मुंबई के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के रूप में पदोन्नत। उन्हें 1997 में बंबई शहर के सिविल न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। तत्पश्चात वे 2008 में बंबई के रजिस्ट्रार (निरीक्षण) उच्च न्यायालय बनें। वे 2009 में द्वितीय अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, सिटी सिविल कोर्ट, मुंबई बनाए गए। वे 2009 में प्रथम अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश और 2010 में प्रधान न्यायाधीश बंबई शहर सिविल कोर्ट बनाए गए। उन्हें 18 मार्च 2011 को बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति मिली।[२]
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- न्यायमूर्ति टहलियानी का साक्षात्कार (अँग्रेजी में)