मंजू बंसल
'मंजू बंसल ' | |
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जन्म |
दिसंबर 1, 1950 दिहरादून |
आवास | भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
संस्थान | जैविक सूचना विज्ञान और अनुप्रयुक्त जैव प्रौद्योगिकी, बैंगलोर; भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर |
शिक्षा | ओस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद |
प्रसिद्धि | आणविक बायोफिज़िक्स, संरचनात्मक और कम्प्यूटेशनल जीवविज्ञान> |
स्क्रिप्ट त्रुटि: "check for unknown parameters" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।मंजू बंसल (जन्म. 1 दिसंबर, 1950) आण्विक बायोफिज़िक्स के क्षेत्र में माहिर हैं और वर्तमान में वह भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलौर के आणविक बायोफिज़िक्स इकाई में सैद्धांतिक बायोफिज़िक्स समूह की प्रोफेसर हैं। वह जैविक सूचना विज्ञान और अनुप्रयुक्त जैव प्रौद्योगिकी, बैंगलोर संस्थान की संस्थापक निर्देशक हैं। [१][२]
शिक्षा
डॉ बंसल ने अपनी प्राथमिक शिक्षा हैदराबाद और देहरादून से की। उनकी रूचि विज्ञान में विकसित हुई और बाद में उन्होंने बीएससी और एमएससी उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से की। 1972 में वह भारतीय विज्ञान संस्थान की आण्विक बायोफिज़िक्स इकाई, बंगलौर में डॉक्टरेट के शोध और डिग्री के लिए शामिल हो गईं। उन्हें रेशेदार प्रोटीन कोलेजनकी सैद्धांतिक मॉडलिंग की ट्रिपल पेचदार संरचना पर जी एन रामचंद्रन के दिशा निर्देशन में काम करने का मौका मिला। उन्हें पीएचडी की डिग्री 1977 में मिली। इसके बाद, उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान में पीएचडी की आगे अनुसंधान जरी रखाऔर डीएनए की अन्य असामान्य संरचनाओं पर 1981 तक काम जरी रखा। फिर वो यूरोपीय आण्विक जीवविज्ञान प्रयोगशाला, हीडलबर्ग में अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट शोधकार के तौर पर एक साल के लिए जर्मनी चली गईं और वहां उन्होंने फिलामैन्ट्स फेगस की संरचना पर काम किया।
छात्रवृतियाँ
डॉ बंसल को ईएमबीएल विजिटिंग फैलोशिप और एवीएच फैलोशिप, जर्मनी और वरिष्ठ फुलब्राइट फैलोशिप, संयुक्त राज्य अमेरिका मिलीं। वह रूजरज़ विश्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरिका, में अतिथि प्राध्यापक रह चुकी हैं और एनआईएच, बेथेस्डा, संयुक्त राज्य अमेरिका में अतिथि सलाहकार हैं। [३]
पुरस्कार एवं सम्मान
डॉ बंसल को 1979 में युवा वैज्ञानिकों के पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था। वह भारतीय विज्ञान अकादमी, बंगलोर और राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (भारत), इलाहाबाद, में 1998 के बाद से खोजकार हैं।