भारत में अवैध आप्रवास
भारत में अवैध आप्रवासी उस विदेशी व्यक्ति को कहते हैं जो या तो बिना समुचित दस्तावेजों के ही भारत में प्रवेश कर गया है या जिसके पास पहले वैध दस्तावेज थे किन्तु वह निर्धारित अवधि से अधिक भारत में रूक गया हो। ऐसे व्यक्तियों को पंजीकरण के द्वारा या प्राकृतिकीकरण के द्वारा भारत का नागरिक बनने की पात्रता नहीं है। उनको २ वर्ष से लेकर ८ वर्ष तक का कारावास और आर्थिक दण्ड भी लगाया जा सकता है।
सन २०१५ में उन लोगों को छूट दी गयी जो बांग्लादेश, पाकिस्तान या [अफगानिस्तान]] में धार्मिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण भारत में शरण पाने के लिए बाध्य हो गए थे।
सन २००१ की भारत की जनगणना में आप्रवासियों के बारे में जानकारी देता है किन्तु केवल 'अवैध आप्रवासियों' के बारे में नहीं। इस जनगणन के अनुसार भारत में सबसे अधिक आप्रवासी बांग्लादेश से आये हैं। पाकिस्तान से आए आप्रवासियों की संख्या दूसरे स्थान पर है।