भारत-ताइवान सम्बन्ध
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Diplomatic Mission | |
भारत-ताइपे संघ | ताइपे आर्थिक एवं सांस्कृतिक केन्द्र, भारत |
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यद्यपि भारत और ताइवान के बीच आधिकारिक रूप से राजनयिक सम्बन्ध नहीं हैं, फिर भी सन १९९० के बाद से दोनों के बीच द्विपक्षीय सम्बन्ध मजबूत हुए हैं। [१][२] इस सम्बन्ध में भारत, मुख्य चीनभूमि (mainland China) पर चीनी जनवादी गणतंत्र के शासन को मान्यता देता है किन्तु चीनी जनवादी गणतंत्र के इस दावे को मान्यता नहीं देता कि वही ताइवान, हांगकांग तथा मकाऊ का वैध सरकार है। ताइवान के साथ भारत के आर्थिक और व्यापारिक सम्बन्ध तथा दोनों देशों के लोगों के बीच सम्पर्क पिछले कुछ वर्षों में बढ़े हैं।[३]
मई 2020 में भारत के दो सांसद ताइवान के राष्ट्रपति के पदग्रहण समारोह में सम्मिलित हुए थे। इसे भारत के अरुणाचल प्रदेश एवं अक्साई चीन पर चीन द्वारा यदा-कदा किए गए दावों के विरुद्ध चीन को दी गयी एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। इसके पूर्व, जून 2014 में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच एक बैठक के दौरान भारत ने चीन से कहा था कि यदि बीजिंग नई दिल्ली से उम्मीद करता है कि वह अपनी 'एक-चीन नीति’ का सम्मान करे तो उसे भी ‘एक-भारत नीति'’ का सम्मान करना चाहिए।
सन्दर्भ
- ↑ India Taiwan Commercial Relationsसाँचा:dead link
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- ↑ India’s changing attitude toward Taiwan साँचा:webarchive Taiwan Today
बाहरी कड़ियाँ
- ताइवान के लिए भारत एशिया का बड़ा और ताकतवर देश है निवेश के लिए सबसे बेहतर स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- अब भारत ने भी चीन की कमजोर नस दबाई