भारतीय महिला हॉकी टीम

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12 वें दक्षिण एशियाई खेल -2016 में टीम इंडिया ने महिला हॉकी में स्वर्ण पदक जीता

भारतीय महिला राष्ट्रीय हॉकी टीम महिला हॉकी के खेल में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाला दल है।

एशियाई हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी, नवम्बर 2013

भारत की महिला हॉकी टीम ने जापान के काकामिगाहारा में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीता। फाइनल में भारतीय टीम जापान से 0-1 से हार गई।[१] भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने से ऊंची वरीयता प्राप्त चीन को 4-2 और मलेशिया को 5-1 से हराया था। जापान के खिलाफ उसे लीग मैच में भी 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था। भारत की गोलकीपर रजनी इतिमारपू को टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का पुरस्कार मिला। भारत को इसके अलावा फेयर प्ले ट्रॉफी भी मिली। चार टीमों की इस प्रतियोगिता में जापान को स्वर्ण पदक, जबकि मलेशिया को कांस्य पदक मिला।[२]

एशिया कप सितम्बर 2013

  • आठवें एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट टूर्नामेंट के लिए चुनी गई भारतीय टीम इस प्रकार है :
गोलकीपर : रजनी एतिमारपू, सविता
रक्षापंक्ति : दीप ग्रेस एक्का, जॉयदीप कौर, किरनदीप कौर, सुनीता लाकड़ा, दीपिका, नमिता टोप्पो, पी. सुशीला चानू, एम.एन. पोनम्मा
मध्यपंक्ति : ऋतु रानी (कप्तान), चंचन देवी थोकचोम (उप कप्तान), सौंदर्य येंदाला, लिली चानू
अग्रिमपंक्ति : पूनम रानी, रानी रामपाल, वंदना कटारिया, अनुराधा देवी थोकचोम
अतिरिक्त खिलाड़ी : सनारिका चानू, असुंता लाकड़ा, मोनिका मलिक, नवजोत कौर, लीलिमा मिंज, अनूपा बारला[३]
  • भारत की महिला हॉकी टीम ने के पहले दिन पूल-ए के अपने पहले मैच में हांगकांग चाइना को 13-0 से हराया। फारवर्ड खिलाड़ी रानी ने सबसे अधिक सात गोल किए।[४]
  • अपने दूसरे मैच में गत चैम्पियन चीन के हाथों भारत को 1-0 से शिकस्त का सामना करना पड़ा।
  • अपने तीसरे मैच में भारत ने मलेशिया को 2-0 से हराकर सेमीफाइनल के लिए क्वॉलिफाई किया। इस मैच में पूनम रानी (39वें मिनट) और लिली चानू (46वें मिनट) ने दूसरे हाफ में एक-एक गोल किया।[५]
  • सेमी फाइनल में कोरिया ने भारत को 2-1 से हराया।[६]
  • भारत ने चीन को पेनल्टी शूट-आउट में 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीता। नियमित समय में 2-2 से बराबरी रहने पर पेनल्टी शूटआउट से फैसला हुआ जिसमें भारतीय टीम ने चीन को 3-2 से हराया। 2014 में हॉलैंड के हेग में होने वाले विश्व कप में जगह बनाने के लिये भारत को यह टूर्नामेंट जीतना जरूरी था लेकिन उसे आखिर में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।[७]

सन्दर्भ

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