भारतमाता
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[[चित्र:Bharat Mata bronze.jpg|thumb|right|200px|[[साँचा:file title]]]] भारत को मातृदेवी के रूप में चित्रित करके भारत माता या 'भारतम्बा' कहा जाता है। भारतमाता को प्राय: केसरिया या नारंगी रंग की साड़ी पहने, हाथ में तिरंगा ध्वज लिये हुए चित्रित किया जाता है तथा साथ में सिंह होता है। जो हमेशा गुस्से में होता है ।
भारत में भारतमाता के बहुत से मन्दिर हैं। काशी का भारतमाता मन्दिर अत्यन्त प्रसिद्ध है जिसका उद्घाटन सन् १९३६ में स्वयं महात्मा गांधी ने किया था। हरिद्वार का भारतमाता मन्दिर भी बहुत प्रसिद्ध है
इतिहास
- वेदों का उद्घोष - 'माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः' (भूमि माता है, मैं पृथ्वी का पुत्र हूँ।)
- वाल्मीकि रामायण में - 'जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी' (जननी और जन्मभूमि का स्थान स्वर्ग से भी ऊपर है।)
- किरन चन्द्र बन्दोपाध्याय का नाटक 'भारत माता' सन् १८७३ में सबसे पहले खेला गया था।
- बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास आनन्दमठ में सन् १८८२ में वन्दे मातरम् गीत सम्मिलित था जो शीघ्र ही स्वतंतरता आन्दोलन का मुख्य गीत बन गया।
- भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम दिनों में भारतमाता की छबि बनी।
- अवनीन्द्र नाथ ठाकुर ने भारतमाता को चारभुजाधारी देवी के रूप में चित्रित किया जो केसरिया वस्त्र धारण किये हैं; हाथ में पुस्तक, माला, श्वेत वस्त्र तथा धान की बाली लिये हैं।
- सन् १९३६ में बनारस में शिव प्रसाद गुप्त ने भारतमाता का मन्दिर निर्मित कराया। इसका उद्घाटन गांधीजी ने किया।
- हरिद्वार में सन् १९८३ में विश्व हिन्दू परिषद ने भारतमाता का एक मन्दिर बनवाया।
- उज्जैन में जनवरी २०१८ में भारतमाता का मंदिर उद्घाटित हुआ। यह मंदिर, प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के पास ही स्थित है।
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- भारतमाता की आरती
- Patriotic fervour The Hindu, August 17, 2003.
- The life and times of Bharat Mata Sadan Jha, Manushi, Issue 142.
- Bharat Mata Images Prof. Pritchett, Columbia University