भट्ट बहियाँ
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शास्त्र एवं शस्त्र के धनी राव समाज द्वारा अपने समकालीन शासकों की वंशावली एवं उनके द्वारा किये गये कार्य तथा विभिन्न युध्दो घटनाओं का अपनी पोथी बहियों मे लेखन कर उसे सहज कर रखते, जिसे रावजी की पोथी (साधारण भाषा में भट बहियां) कहा जाता है। सिख इतिहास में इनका विशेष महत्व है क्योंकि इन बहियों से गुरु गोविन्द सिंह द्वारा लड़े गए युद्धों की तिथि निश्चित करने में सहायता मिलती है, और उनके जीवन के बारे में बहुत सी जानकारी मिलती है। तथा प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत की तत्कालीन सामाजिक आर्थिक धार्मिक स्थिति एवं परंपराओं,और विविध लोक संस्कृति एवं रीति-रिवाजों विभिन्न युध्दो एवं घटनाओं की जानकारी प्राप्त करने तथा इतिहास लेेेखन कार्य रावो की पोथी-बहियों महत्वपूर्ण सहयोगी सिद्ध होती है।