भगशिश्निका
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भगशिश्निका (Clitoris) | |
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स्त्री के भग की आन्तरिक रचना ; इसमें भगशिश्निका छत्र (clitoral hood) और लघु भगोष्ठ (labia minora) को रेखाओं के रूप में दिखाया गया है। भगशिश्निका का विस्तार उसके दिखने वाले भाग से लेकर जघनास्थि (pubic bone) के नीचे के एक बिन्दु तक होता है। | |
(1) भगशिश्निका छत्र (भगशिश्निका का आच्छादक चर्म) और (2) भगशिश्निका मुण्ड की स्थिति | |
विवरण | |
अग्रगामी | चिबुकांत गुलिका (Genital tubercle) |
Dorsal artery of clitoris, deep artery of clitoris | |
Superficial dorsal veins of clitoris, deep dorsal vein of clitoris | |
Dorsal nerve of clitoris | |
अभिज्ञापक | |
NeuroNames | {{{BrainInfoType}}}-{{{BrainInfoNumber}}} |
टी ए | साँचा:main other |
शरीररचना परिभाषिकी |
भगशिश्निका (clitoris) एक कामेन्द्रिय (सेक्स ऑर्गन) है जो स्त्रियों तथा स्तनधारियों, शुतुर्मुर्ग एवं कुछ अन्य जन्तुओं की मादाओं में पाया जाता है।
भगशिश्निका मुंड
यह कुछ-कुछ पुरुष शिश्न मुंड की तरह ही होता है आकार में तो नहीं लेकिन दिखने,छूने और महसूस करने में।
हल्के गुलाबी रंग का, जिस तरह पुरुष का शिश्न मुंड होता है और उत्तेजित होने पर हल्के गुलाबी रंग का दिखने लगता है इसके ऊपर भी पुरुषों के लिंग की तरह पतली लचीलीदार त्वचा इसको ढ़ांके रखती हैं और उत्तेजित होने पर साफ दिखाई पड़ती है कुछ मामलों में बिना उत्तेजना के भी देखी जा सकती है, इसी में भारी संवेदनशीलता,प्यार भरी गुदगुदी और उत्तेजना समाहित होती है।