भगवान शंकर के नाम
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| small = | smallimage = | smallimageright = | smalltext = | subst = | date = | name = }} भगवान शिव के अन्य नाम हैं -
• . महेश
- . शंकर
- . शम्भु
- . रुद्र
- . महादेव
- . उमापति
- . वामदेव
- . त्रिलोचन
- . त्रपुरान्तक
- . त्रिपुरारि
- . गंगाधर
- . हर
- . स्मरहर
- . ईश
- . पशुपति
- . महेश्वर
- . चन्द्रशेखर
- . गिरीश (गिरिश)
- . मृत्युंजय
- . त्र्यम्बक
- . वृषध्वज
- . व्योमकेश
- . श्रीकण्ठ
- . शितिकण्ठ
- . नीललोहित
- . विरूपाक्ष
- . भूतेश
- . ईश्वर
- . ईशान
- . शर्व (सर्व)
- . शूली
- . पिनाकी
- . कृत्तिवासा
- . खण्डपरशु
- . Aaditya
- . Aashutosh
- . Mahendra
- . Gangadhar
- . Girijapati
- . Ardhnarishwar
- . Sarvgya
- . Bhuvnesh
- . Tribhuvneshwar
- . Shiv
- . Rameshwar
- . Anaadi
- . Aadi
- . Mahaakal
- . Bhole Nath
- ।।शिव अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्।।*
शिवो महेश्वरः शम्भुः पिनाकी शशिशेखरः ।
वामदेवो विरूपाक्षः कपर्दी नीललोहितः ॥१॥
शङ्करः शूलपाणिश्च खट्वाङ्गी विष्णुवल्लभः । शिपिविष्टोऽम्बिकानाथः श्रीकण्ठो भक्तवत्सलः ॥२॥
भवः शर्वस्त्रिलोकेशः शितिकण्टः शिवाप्रियः । उग्रः कपाली कामारिरन्धकासुरसूदनः ॥२॥
गङ्गाधरो ललाटाक्षः कालकालः कृपानिधिः । भीमः परशुहस्तश्च मृगपाणिर्जटाधरः ॥४॥
कैलासवासी कवची कठोरस्त्रिपुरान्तकः । वृषाङ्की वृषभारूढो भस्मोद्धूलितविग्रहः ॥५॥
सामप्रियः स्वरमयस्त्रयीमूर्तिरनीश्वरः । सर्वज्ञः परमात्मा च सोमसूर्याग्निलोचनः ॥६॥
हविर्यज्ञमयः सोमः पञ्चवक्त्रः सदाशिवः । विश्वेश्वरो वीरभद्रो गणनाथः प्रजापतिः ॥७॥
हिरण्यरेता दुर्धर्षो गिरीशो गिरिशोऽनघः । भुजङ्गभूषणो भर्गो गिरिधन्वा गिरिप्रियः ॥८॥
कृत्तिवासाः पुरारातिर्भगवान् प्रमथाधिपः ।
मृत्युञ्जयः सूक्ष्मतनुर्जगद्व्यापी जगद्गुरुः ॥९॥
व्योमकेशो महासेनजनकश्चारुविक्रमः । रुद्रो भूतपतिः स्ताणुरहिर्बुध्न्यो दिगम्बरः ॥१०॥
अष्टमूर्तिरनेकात्मा सात्विकः शुद्धविग्रहः । शाश्वतः खण्डपरशू रजःपाशविमोचनः ॥११॥
मृडः पशुपतिर्देवो महादेवोऽव्ययो हरिः । पूषदन्तभिदव्यग्रो दक्षाध्वरहरो हरः ॥१२॥
भगनेत्रभिदव्यक्तः सहस्राक्षः सहस्रपात् । अपवर्गप्रदोऽनन्तस्तारकः परमेश्वरः ॥१३॥
इति श्रीशिवाष्टोत्तरशतनामावळिस्तोत्रं संपूर्णम् ॥