बोरल संकलन
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (मार्च 2015) साँचा:find sources mainspace |
गणित में बोरल संकलन अथवा बोरेल संकलन एमिल बोरेल (१८९९) द्वारा अपसारी श्रेणियों के लिए दी गयी संकलन विधि है। यह विधि मुख्यतः अपसारी अलक्षणी श्रेणियों का योग प्राप्त करने के लिए उपयोगी है तथा कुछ अर्थों में ऐसी श्रेणियों के लिए सर्वश्रेष्ठ परिणाम देती है। इस विधि में विभिन्न विविधता के पायी जाती है और इन सब विधियों को भी बोरल संकलन कहते हैं तथा इसके सामान्यीकरण को 'मिटेग-लिफलेर संकलन' कहते हैं।
परिभाषा
यहाँ पर कम से कम तीन विधियाँ अल्प परिवर्तन के साथ दी गयी हैं जिन्हें बोरल संकलन कहा जाता है। ये अलग-अलग स्थानों पर लागू हो सकते हैं लेकिन परिणाम संगत होते हैं अर्थात यदि दो अथवा अधिक विधियों से एक ही श्रेणी का योग किया जाता है तो वह समान प्राप्त होता है।
माना A(z) एक घात श्रेणी को निरूपित करता है
- <math>A(z) = \sum_{k = 0}^\infty a_kz^k</math>,
और A के बोरल रूपांतरण समीकरण परिभाषित करें जो इसके तुल्य चरघातांकी श्रेणी है
- <math>\mathcal{B}A(t) \equiv \sum_{k=0}^\infty \frac{a_k}{k!}t^k.</math>
बोरल चरघातांकी संकलन विधि
माना An(z) आंशिक योग को निरूपित करता है
- <math>A_n(z) = \sum_{k=0}^n a_k z^k.</math>
बोरल संकलन की एक दुर्बल विधि A का बोरल योग निम्न प्रकार परिभाषित करती है
- <math> \lim_{t\rightarrow\infty} e^{-t}\sum_{n=0}^\infty \frac{t^n}{n!}A_n(z). </math>
यदि यह कुछ a(z) के लिए z ∈ C पर अपसरित होती है तो A का दुर्बल बोरल योग z पर अभिसरित होती है और इसे <math> {\textstyle \sum} a_kz^k = a(z) \, (\boldsymbol{wB}) </math> लिखते हैं।
बोरल समाकल संकलन विधि
माना किसी फलन के लिए सभी वास्तविक संख्याओं पर बोरल संकलन पर्याप्त रूप से धीरे-धीरे (अर्थात पद क्रम के साथ फलन में परिवर्तन का मान अल्प है) बढ़ता है कि निम्न समाकलन सुपरिभाषित है तब A का बोरल संकलन निम्न सूत्र से दिया जाता है
- <math>\int_0^\infty e^{-t} \mathcal{B}A(tz) \, dt. </math>
यदि समाकलन कुछ a(z) के लिए z ∈ C पर अभिसरित होता है तब A का अभिसरण z पर अभिसरित होता है और इसे <math> {\textstyle \sum} a_kz^k = a(z) \,(\boldsymbol B) </math> लिखा जाता है।
वैश्लेषिक अनुवर्ती के साथ बोरल समाकल संकलन
यह बोरल समाकल संकलन विधि के समान ही है केवल यहाँ बोरल संकलन का सभी t के लिए अभिसरित होना आवश्यक नहीं है बल्कि 0 के निकट t के वैश्लेषिक फलन पर अभिसरित होता है जो धनात्मक वास्तविक अक्ष के अनुदिश वैश्लेषिक अनुवर्ती होता है।