बॉम्बे (फ़िल्म)
बॉम्बे | |
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चित्र:बॉम्बे.jpg बॉम्बे का पोस्टर | |
निर्देशक | मणिरत्नम् |
निर्माता |
एस. श्रीराम मणिरत्नम् झामू सुगंध |
लेखक | उमेश शर्मा (संवाद) |
पटकथा | मणिरत्नम् |
कहानी | मणिरत्नम् |
अभिनेता |
अरविन्द स्वामी मनीषा कोइराला |
संगीतकार | ए॰ आर॰ रहमान |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | 10 मार्च 1995 |
समय सीमा | 130 मिनटसाँचा:sfn |
देश | भारत |
भाषा | तमिल |
बॉम्बे 1995 की तमिल रूमानी नाट्य फ़िल्म है। इसका निर्देशन मणिरत्नम् ने किया है और मुख्य किरदार अरविन्द स्वामी और मनीषा कोइराला ने निभाए है। संगीत दिया है ए॰ आर॰ रहमान ने और हिन्दी गीत महबूब द्वारा लिखे गए हैं। यह फिल्म भारत के दिसंबर 1992 से जनवरी 1993 की अवधि के दौरान हुई घटनाओं पर केंद्रित है। विशेष रूप से अयोध्या के बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद, फिर उसका तोड़ना, मुम्बई (जब बॉम्बे) में सांप्रदायिक तनाव होना और अंतत बंबई के दंगे होना।
संक्षेप
शेखर मिश्रा नारायण और शैला बानो प्यार में हैं और शादी करना चाहते हैं। एकमात्र समस्या यह है कि शेखर हिंदू है और शैला मुस्लिम है। यह विवाह उनके संबंधित परिवारों के लिए एक समस्या है। नतीजतन, युवा जोड़ा बॉम्बे शहर को साथ भाग जाता है। फिर 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया गया - जिसके परिणामस्वरूप हर जगह धार्मिक दंगे होने लगे - जिसमें बॉम्बे भी शामिल था। शेखर और शैला अब जुड़वां, कमल बशीर और कबीर नारायण के माता-पिता हैं। दंगों के दौरान, शेखर के पिता और शैला के माता-पिता घृणा को दफनाने का फैसला करते हैं और अपने बच्चों से मिलने आते हैं। जब वे अपने व्यक्तिगत मतभेदों को सुलझाने की प्रक्रिया में थे तभी आग लगती है और परिवार को अलग कर देती है। शैला के माता-पिता और शेखर के पिता तत्काल मारे जाते हैं और कबीर और कमल का कोई अता-पता नहीं होता।
मुख्य कलाकार
- अरविन्द स्वामी - शेखर नारायणन पिल्लई
- मनीषा कोइराला - शैला बानो
- प्रकाश राज - कुमार
- नास्सर - नारायण पिल्लई
- टिन्नू आनन्द - शक्ति समाज का मुखिया
- आकाश खुराना - मुसलमान नेता
- किट्टी - बशीर
- मास्टर हर्ष (सुमित) - कबीर नारायण
- मास्टर ह्रदय - कमल बशीर
- सोनाली बेंद्रे - "हम्मा हम्मा" गीत में
संगीत
हिन्दी गानों की सूची:
परिणाम
यह फिल्म मणिरत्नम् की रोज़ा और दिल से के साथ एक श्रृंखला के रूप में ली जाती है।[१][२]
फ़िल्म दोनों आलोचनात्मक और आर्थिक तौर पर सफल रही। इसी नाम से फ़िल्म को हिन्दी और तेलुगू भाषा में डब किया गया। ए॰ आर॰ रहमान द्वारा दिया गया संगीत बहुत ही सराहा गया और कई पुरस्कार उन्होंने प्राप्त किये। मणिरत्नम् के निर्देशन की भी सराहना हुई।