बैजनाथ मंदिर
बैजनाथ मंदिर | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | साँचा:br separated entries |
देवता | वैद्यनाथ के रूप में भगवान शिव |
त्यौहार | महाशिवरात्रि, मकर संक्रान्ति, बैसाख |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | साँचा:if empty |
ज़िला | काँगड़ा जिला |
राज्य | हिमाचल प्रदेश |
देश | भारत |
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भौगोलिक निर्देशांक | साँचा:coord |
वास्तु विवरण | |
निर्माता | साँचा:if empty |
ध्वंस | साँचा:ifempty |
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साँचा:template otherस्क्रिप्ट त्रुटि: "check for unknown parameters" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।साँचा:main otherबैजनाथ मंदिर बैजनाथ में स्थित नागर शैली में बना हिंदू मंदिर है। इसे 1204 ईस्वी में अहुका और मन्युका नामक दो स्थानीय व्यापारियों ने बनवाया था। यह वैद्यनाथ (चिकित्सकों के प्रभु) के रूप में भगवान शिव को समर्पित है।[१] शिलालेखों के अनुसार वर्तमान बैजनाथ मंदिर के निर्माण से पूर्व इसी स्थान पर भगवान शिव के पुराने मंदिर का अस्तित्व था। मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग है। बाहरी दीवारों पर अनेकों चित्रों की नक्काशी हुई है। [२]
पुरातत्व
मंदिर के मुख्य कक्ष में शिला-फलक चट्टान पर नक्काशित दो लंबे शिलालेख हैं। ये शिलालेख शारदा लिपि में संस्कृत और ताकरी लिपि में स्थानीय बोली पहाड़ी का उपयोग करके लिखे गए हैं। ये शिलालेख भारतीय राष्ट्रीय पंचांग (शक संवत) वर्ष 1126 (यानी 1204 ईस्वी) में अहुका और मन्युका नामक दो मंदिर निर्माता व्यापारियों का विवरण देते हैं, इसके अलावा इसमें भगवान शिव की प्रशंसा, मंदिर निर्माण के समय के शासक राजा जय चन्द्र का नाम, वास्तुकारों के नामों की सूची और दाता व्यापारियों के नाम भी शामिल हैं। अन्य शिलालेख में कांगड़ा जिले के पुराना नाम - नगरकोट का उल्लेख है।[३]
प्रतिमाएँ
मंदिर की दीवारों पर कई प्रतिमाएँ बनाई गई हैं। इनमें से कुछ मुर्तियाँ एवं प्रतिमाएं वर्तमान मंदिर से पहले बनी हुई हैं। मंदिर में यह मुर्तियाँ एवं प्रतिमाएँ हैं: भगवान गणेश, भगवान हरिहर (आधा भगवान विष्णु और आधा भगवान शिव), कल्याणसुन्दर (भगवान शिव और देवी पार्वती की शादी) और भगवान शिव द्वारा असुर अन्धक की हार।[४]