बेबी रानी मौर्य
बेबी रानी मौर्य | |
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पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 26 अगस्त 2018 | |
पूर्वा धिकारी | कृष्ण कांत पॉल |
सदस्य, राष्ट्रीय महिला आयोग
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पद बहाल 20 फरवरी 2002 – 19 फरवरी 2005 | |
महापौर, आगरा
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कार्यकाल 1995 - 2000 | |
जन्म | साँचा:br separated entries |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
जीवन संगी | प्रदीप कुमार मौर्य |
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बेबी रानी मौर्य (जन्म: 15 अगस्त 1956) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो 26 अगस्त 2018 से उत्तराखण्ड की सातवीं राज्यपाल के तौर पर कार्यरत थी।[१] 1990 के दशक की शुरुआत में भारतीय जनता पार्टी की सदस्य के तौर पर सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने वाली मौर्य 1995 से 2000 तक आगरा की महापौर, तथा फिर 2002 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं। 2022 उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
प्रारम्भिक जीवन
मौर्य का जन्म 15 अगस्त 1956 को हुआ था।[२] गैर राजनीतिक परिवार से आने वाली बेबी रानी मौर्य के ससुर एक आईपीएस अधिकारी थे, जबकि पति पंजाब नैशनल बैंक में उच्च पद पर रह चुके हैं।[३] उन्होंने बीएड और फिर कला में परास्नातक किया है।[२]
करियर
1990 के दशक की शुरुआत में मौर्य राजनीति में सक्रिय हो गयी; एक बैंक अधिकारी, प्रदीप कुमार मौर्य से विवाह के बाद, जो पंजाब नेशनल बैंक के निदेशक के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद अब बैंक के सलाहकार बोर्ड के सदस्य हैं।[४][५] उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। 1995 में उन्होंने भाजपा के ही टिकट पर आगरा नगर निगम का चुनाव लड़ा, और एक बड़े जनादेश के साथ विजय प्राप्त की, जिसके बाद उन्हें नगर की महापौर के रूप में चुना गया। वह आगरा की महापौर बनने वाली पहली महिला थीं, और 2000 तक इस पद पर काबिज़ रही थीं।[४][६]
1997 में, मौर्य को भाजपा की अनुसूचित जाति (एससी) शाखा की पदाधिकारी नियुक्त किया गया था। राम नाथ कोविंद, जो अब भारत के राष्ट्रपति हैं, तब इस एससी विंग के अध्यक्ष थे।[४][२] इस विंग की पदाधिकारी के रूप में उन्होंने समूचे उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के सदस्यों के बीच भाजपा की पहुंच को मजबूत करने की ज़िम्मेदारी संभाली।[४] 2001 में, उन्हें उत्तर प्रदेश सामाजिक कल्याण बोर्ड का सदस्य बनाया गया था। दलित महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में उनके प्रयासों की मान्यता में, 2002 में उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाया गया था।[२][४][७] उन्होंने 2005 तक आयोग की सदस्य के रूप में कार्य किया।[७]
बीजेपी ने 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एत्मादपुर सीट से चुनाव लड़ने के लिए मौर्य को नामित किया; हालांकि, इस चुनाव में वह अपने बहुजन समाज पार्टी के प्रतिद्वंद्वी नारायण सिंह सुमन से पराजित हो गईं।[४][८] 2013 से 2015 तक, वह भाजपा द्वारा सौंपी गयी राज्य स्तर की कई जिम्मेदारियों में शामिल थी।[४] जुलाई 2018 में, उन्हें बाल अधिकार संरक्षण के राज्य आयोग का सदस्य बनाया गया था।[४]
21 अगस्त 2018 को, मौर्य को भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड की राज्यपाल नियुक्त किया गया।[४][९] नैनीताल में स्थित राजभवन में आयोजित एक समारोह में उन्होंने 26 अगस्त को उत्तराखण्ड की सातवीं राज्यपाल के रूप में शपथ ली,[१०] जिससे वह 2009 में नियुक्त मार्गरेट अल्वा के बाद इस पद को सुशोभित करने वाली दूसरी महिला बन गयी।[४][६] यह पद उन्होंने कृष्ण कांत पॉल से प्राप्त किया, जिनका कार्यकाल आधिकारिक तौर पर तो 8 जुलाई को समाप्त हो गया था, लेकिन 25 अगस्त तक मौर्य के शपथग्रहण में देरी के कारण वह कार्यालय में ही रहे।[६][१०][९][११]
सम्मान
- वर्ष 1996 में सामाजिक कार्यों के लिए समाज रत्न।[१२]
- 1997 में उत्तर प्रदेश रत्न।[१२]
- 1998 नारी रत्न।[१२]
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite news
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