बिल्लू

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बिल्लू (अंग्रेजी; Billoo) एक भारतीय काॅमिक्स पात्र है जिसकी रचना भारतीय कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा ने सन् १९७३ में किया था। इसकी प्रकाशन डायमण्ड पब्लिकेशन करती है।[१] इसकी कहानियों की पृष्ठभूमि में दिल्ली की बीते सत्तर व अस्सी के दशक की झलक देखने मिलती है।

बिल्लू एक आम स्कूली किशोर ही है। जिसकी आंशिक समानता अमेरिकी काॅमिक्स के पात्र आर्ची से की जाती है, बिल्लू को शरारती है, लड़कियाँ उसे पसंद करती है हालाँकि वह आर्ची के समान "दोस्ताना कैसानोवा" या रसिक मिजाज का कतई नहीं है, [२] अन्य भारतीय किशोरों की तरह उसे भी क्रिकेट खेलना पसंद है। बिल्लू की पहचान अक्सर उसकी आँखों तक फैले बालों से ढकी रहती या पूरे माथे को घेरती। अक्सर उसकी मसखरेपन और शरारतों से उसे मुसीबतें झेलनी पड़ती, मगर हर बार वह उन पड़ोसियों की आंटियों और बदमाशों से बच निकलता।[३] [४]

बिल्लू के पास "मोती" नाम का एक पालतू पिल्ला है। उसकी टोली में उसके बचपन के दोस्त जैसे गब्दू, जोज़ी, मोनू, बिशम्बर और ऐसे कई साथी हैं। उसका अक्सर बजरंगी नामक पहलवान और उसके चेले ढक्कन से नोक-झोंक चलती है। वहीं जोज़ी के पिता कर्नल थ्री नाॅट थ्री कभी भी बिल्लू को पसंद नहीं करते।

१९७३ में, कार्टूनिस्ट प्राण साहब किसी स्कूली किशोर पर अपने काॅमिक्स स्ट्रिप बनाना चाहते थे। इस तरह उन्होंने एक बच्चे को रचा जिसकि लंबे बालों उसकी आँखों को ढके रहे और उसका नाम रखा "बिल्लू"। पाठकों के बीच इस दुबले-पतले किरदार को बहुत सराहा गया जिससे संपादक ने प्राण साहब से एक पन्नों से लेकर दो पन्नों की कहानियाँ रचने को कहा।

बिल्लू को कई बार अपने पालतू पिल्ले - मोती साथ सड़कों पर घुमते देखा जा सकता है। जब वह घर पर हो, तो वह टीवी देखने बैठ जाता। बिल्लू और उसकी दोस्तों की टोली जिनमें गब्दू, जोज़ी, मोनू व बिशम्बर शामिल हैं; अक्सर पहलवान बजरंगी और उसके साथी ढक्कन को चकमा दे जाते हैं।[५] वे हमेशा इसी तरह एक-दूसरे को नीचा दिखाने की जुगत करते हैं। जोज़ी की बिल्लू से दोस्ती पर, जोज़ी के पिता कर्नल थ्री नाॅट थ्री हमेशा नापसंदगी जताते और हरपल उसपर अपनी राईफ़ल ताने रहते।

बिल्लू व उसके दोस्तों को हमेशा पड़ोसियों के अहाते पर क्रिकेट खेलते देखा जाता रहा है, और कभी-कभार वह गलती से उसके पड़ोसियों की ही खिड़कियाँ तोड़ देता है(विशेषकर बजरंगी की खिड़कियाँ।) हरेक काॅमिक्स पुस्तक में कहानियों की सेट हुआ करती थी। आरंभिक कहानियों में बिल्लू और जोज़ी बच्चे हुआ करते थे, बाद कहानियों में उनके किशोरवय रूप में दिखाया जाता है। बचपन में जोज़ी जहाँ उसकी दोस्त थी अब बड़े होने पर वह उसकी गर्लफ्रैंड बनती है।[६]

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ