बिपिन रावत

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जनरल
बिपिन रावत
PVSM, UYSM, AVSM, YSM, SM, VSM, ADC

2020 में जनरल रावत
जन्म साँचा:br separated entries
देहांत साँचा:br separated entries
निष्ठा भारत
सेवा/शाखा भारतीय थल सेना
सेवा वर्ष 16 दिसम्बर 1978 – 8 दिसम्बर 2021 [१]
उपाधि General of the Indian Army.svg जनरल
दस्ता 5/11गोरखा राइफल्स [२]
नेतृत्व उप सेना प्रमुख,
IA Southern Command.jpg दक्षिणी कमान भारत
IIIकोर
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन
कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य
19 इन्फैंट्री डिवीजन
5 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स
इन्फैंट्री बटालियन, पूर्वी सेक्टर
सम्मान Param Vishisht Seva Medal ribbon.svgपरम विशिष्ट सेवा पदक
Uttam Yudh Seva Medal ribbon.svgउत्तम युद्ध सेवा पदक
Ati Vishisht Seva Medal ribbon.svgअति विशिष्ट सेवा पदक
Yudh Seva Medal ribbon.svgयुद्ध सेवा पदक
Sena Medal ribbon.svgसेना पदक
Vishisht Seva Medal ribbon.svgविशिष्ट सेवा पदक
ऐड-डि-कैम्‍प
बिपिन रावत

कार्यकाल
1 जनवरी 2020 - 8 - दिसंबर - 2021
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
पूर्वा धिकारी पद सृजन
उत्तरा धिकारी पद खाली

कार्यकाल
31 दिसम्बर 2016 - 31 दिसम्बर 2019
पूर्वा धिकारी दलबीर सिंह सुहाग
उत्तरा धिकारी मनोज मुकुंद नरवणे
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
रामनाथ कोविंद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण
अरुण जेटली
मनोहर पर्रीकर

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जनरल बिपिनसिंह रावत PVSM, UYSM, AVSM, YSM, SM, VSM, ADC (16 मार्च 1958 - 8 दिसंबर 2021) भारत के पहले रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) थे; उन्होंने ने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया। इससे पूर्व वो भारतीय थल सेनाध्यक्ष के पद पर 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक पर रह चुके थे।[३][४][५][६]

8 दिसम्बर 2021 को, एक हैलिकॉप्टर दुर्घटना में, 63 वर्ष की आयु में जनरल रावत का निधन हो गया।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तर प्रदेश के गढ़वाल जिले के पौड़ी (वर्तमान में पौड़ी गढ़वाल जिला, उत्तराखण्ड) में हुआ।[७] इनका परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवा दे रहा था। इनके पिता लक्ष्मण सिंह राजपूत पौड़ी गढ़वाल जिले के सैंजी गाँव से थे और लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए।[८][९] इनकी माता उत्तरकाशी जिले से थीं और उत्तरकाशी विधान सभा से विधायक रह चुके किशन सिंह परमार की पुत्री थीं।[१०]

जनरल रावत की शुरूआती शिक्षा देहरादून के कैंबरीन हॉल स्कूल और शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल में हुई।[११] इसके बाद इन्होने खडकवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में दाखिला लिया। इसके बाद रावत ने भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से प्रथम श्रेणी में स्नातक की उपाधि प्राप्त कि और यहाँ उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सोर्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया[१२]

रावत ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से भी स्नातक की शिक्षा ली और फ़ोर्ट लेवेनवर्थ, कन्सा, स्थित यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड एंड जनरल स्टाफ़ कॉलेज से 1997 में उपाधि ग्रहण की।[१३][१४][१५]बाद में, रावत ने मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन विषय में एम.फ़िल. की उपाधि एवं प्रबन्धन एवं कंप्यूटर अध्ययन में डिप्लोमा भी प्राप्त किया। वर्ष 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से इन्हें सैन्य मीडिया अध्ययन के क्षेत्र में शोध के लिए पीएचडी की मानद उपाधि दी गयी।[१६][१७]

सैन्य सेवायें

जनरल रावत ने ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी।[१८]

सम्मान एवं उपलब्धियाँ
पूर्वाधिकारी
कोई नहीं

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उत्तराधिकारी
अघोषित
पूर्वाधिकारी
दलबीर सिंह सुहाग

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उत्तराधिकारी
मनोज मुकुंद नरवणे
पूर्वाधिकारी
मन मोहन सिंह राय

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उत्तराधिकारी
सरथ चंद
पूर्वाधिकारी
अशोक सिंह[१९]

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उत्तराधिकारी
पी एम हेरीज़
पूर्वाधिकारी
एस एल नरसिम्हन

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उत्तराधिकारी
अभय कृष्ण

रक्षा प्रमुख के रूप में द्विपक्षीय यात्रायें

देश तारीख उद्देश्य संदर्भ
2017
नेपाल 28 - 31 मार्च
  • राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और रक्षा मंत्री के साथ द्विपक्षीय चर्चा।
  • पोखरा और मुक्तिनाथ में एक उच्च ऊंचाई वाले सैन्य युद्ध प्रशिक्षण केंद्र का दौरा किया।
बांग्लादेश 31 मार्च - 2 अप्रैल
  • राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और सेना प्रमुख के साथ द्विपक्षीय चर्चा।
  • बगरा में एक पैदल सेना प्रभाग और बख़्तरबंद कोर के मुख्यालय का दौरा किया।
भूटान 27 - 30 अप्रैल
  • भूटान के राजा के साथ दर्शक
  • सद्भावना यात्रा
देश
म्यांमार 28 - 31 मई
  • राज्य काउंसेलर, विदेश मामलों के केंद्रीय मंत्री, रक्षा सेवाओं के कमांडर-इन-चीफ, रक्षा सेवा के उप-कमांडर-इन-चीफ और सेना के कमांडर इन चीफ के साथ द्विपक्षीय चर्चा।
  • नेशनल डिफेन्स कॉलेज, न पई ताव और डिफेंस सर्विसेज अकादमी, पविन ओ लूइन का दौरा किया
देश
कजाखस्तान 1-3 अगस्त
  • रक्षा मंत्री के साथ द्विपक्षीय चर्चा, राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष, कजाखस्तान के रक्षा मंत्री और भू-सेना के कमांडर-इन-चीफ मंत्री।
  • एस्टा में एलिट एयर आक्रमण ब्रिगेड और नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी का दौरा किया
देश
तुर्कमेनिस्तान 4 - 5 अगस्त
  • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के रक्षा एवं सचिव मंत्री के साथ द्विपक्षीय चर्चा, प्रथम उप मंत्री और जनरल स्टाफ के चीफ, भूमि के कमांडरों, नौसेना, वायु और वायु रक्षा बलों
  • सैन्य संस्थान और सैन्य अकादमी का दौरा किया
देश
2018
नेपाल 12 - 14 फ़रवरी
  • राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठकें
  • नेपाल सेना के सेना दिवस के मुख्य अतिथि
 

निधन

स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 8 दिसम्बर 2021 को, जनरल रावत, उनकी पत्नी और उनके निजी स्टाफ़ के अन्य सदस्यों समेत कुल 10 यात्री और चालक दल के 4 सदस्य भारतीय वायुसेना के मिल एमआई-17 हैलिकॉप्टर पर सवार थे जो सुलुरु वायुसेना हवाई अड्डे से वेलिंगटन स्थित रक्षा सेवा स्टाफ़ कॉलेज जा रहा था जहाँ जनरल रावत को व्याख्यान देना था।[२०] स्थानीय समय अनुसार अपराह्न 12:10 बजे के आसपास, नीलगिरि जिले के कुन्नूर तालुके के बांदीशोला ग्राम पंचायत में स्थित एक निजी चाय बागान की आवासीय कॉलोनी के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया।[२१][२२][२३] दुर्घटना का स्थान उस जगह से लगभग 10किलोमीटर की दूरी पर था जहाँ हेलिकॉप्टर को उतरना था।[२४] जनरल रावत – और उनकी पत्नी समेत अन्य 11 – के निधन की पुष्टि बाद में भारतीय वायुसेना द्वारा की गयी। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इस दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचने वाले व्यक्ति थे।[२५] लेकिन कुछ दिनों बाद बेंगलुरू के सैन्य कमान अस्पताल में उनका भी निधन हो गया।[२६] निधन के समय रावत की उम्र 63 वर्ष थी।[२७]

शुक्रवार, 10 दिसम्बर को, जनरल रावत का अंतिम संस्कार हिन्दू रीतियों अनुसार एवं पूरे सैन्य सम्मान के साथ 17 तोपों की सलामी देते हुए, बरार चौक पर संपन्न हुआ।[२८] दाह संस्कार की रस्म उनकी दो बेटियों द्वारा पूर्ण की गयी।

पुरस्कार एवं सम्मान

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उत्तम युद्ध सेवा पदक अति विशिष्ट सेवा पदक
युद्ध सेवा पदक सेना पदक विशिष्ट सेवा पदक

यह भी देखे

सन्दर्भ

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