बिट्टी मोहन्ती

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बिट्टी मोहन्ती
जन्म बिटिहोत्रा मोहन्ती
राष्ट्रीयता भारतीय
अन्य नाम बिट्टी, ऱाघव राजन
व्यवसाय कर्मचारी
कार्यकाल 2006 - अब तक
प्रसिद्धि कारण जरमन नागरिक का बलात्कार

बिट्टी मोहन्ती जिसे बिटिहोत्रा मोहन्ती भी कहा जाता है, एक बी टेक (कम्प्यूटर विज्ञान) की डिग्री-प्राप्त कम्प्यूटर इंजीनियर और एम बी ए होने के साथ-साथ एक कुख्यात अपराधी है।[१] उसे अलवर में एक जर्मन महिला पर्यटक के बलात्कार आरोप में सात साल की सज़ा हुई थी। 20 नवम्बर 2006 को उसे अपनी बीमार माँ से मिलने के लिए पेरोल मिला था और तब से वह एक भगोड़ा अपराधी बन गया था। बाद में उसे केरल के कन्नूर स्थान से मार्च 9, 2013 को गिरफ़्तार किया गया था।[२][३][४] बलात्कार का यह मुकदमा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एक तेज़-रफ़्तार अदालत ने पूरी कार्यवाही केवल गिरफ़्तारी के 15 दिनों में पूरी कर चुकी थी।[५] उसे पेरोल सज़ा के आठ महीनों के बाद मिला था। इसका बाप विद्या मोहन मोहन्ती ने निजी मुचलके देकर अपने बेटे को 15 दिनों के पेरोल पर छुडा लिया था। बाद में जब मोहन ने अपने बेटे को फ़रार होने में मदद की थी, तब उसे इस अपराध के कारण सेवा से निलम्बित किया गया और जेल भेज दिया गया था।[२][३][६] मोहन ने राजनीतिज्ञों का ज़ोर लगाकर 2009 में दोवारा सेवा में वापसी की और 2012 में वह सेवा निवृत्त हुआ। अपने बेटे के फ़रार होने के बाद उन्होंने हास्यास्पद दावा प्रस्तुत किया कि वे बेटे के बारे में कुछ जानते ही नहीं और उनके बेटे ने कोई बड़ा अपराध नहीं किया।[३]

ए० एस० गिल (राजस्थान के पुलिस निर्देशक) और विद्या मोहन मोहन्ती ने एक ही वर्ष में आई० ए० एस० परीक्षा में सफलता प्राप्त की और यह दावा किया गया कि जाँच धीमी गति से चलने लगी थी क्योंकि इसमें उच्च-स्तरीय अधिकारियों का हस्तक्षेप चल रहा था।[६] जाँच कर रहे पेरोल अधिकारी का अचानक तबादला 29 मई 2007 को कर दिया गया जिससे तेज़ी से चल रही जाँच में बाधा पड़ गई।[६]

पिता

बिट्टी मोहन्ती के पिता ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर की है कि उनके बेटे को तत्काल चिकित्सा उपचार की ज़रूरत है और उसे गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनको अपने बेटे के खराब-स्वास्थ्य के बारे में अन्य कैदियों के साथ संचार के माध्यम से पता चला। अपराधी के पिता ने यह दावा किया कि जर्मन महिला और उनके बेटे अंतरंग थे और एक साथ रह रहे थे।[७]

गायब होना

बिट्टी मोहन्ती पर आरोप है कि 21 मार्च 2006 को उसने एक जर्मन महिला के साथ बलात्कार किया था। यह महिला और बिट्टी राजस्थान में छुट्टी पर थे और इन दोनों ने 20 मार्च 2006 को अलवर में एक होटल में कमरा लिया था। अपराध के पश्चात एक फास्ट ट्रैक अदालत ने 12 अप्रैल 2006 बिट्टी को दोषी पाया और तब ही से वह फ़रार हो गया था।[६]

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि पुलिस विशेष टीमों का गठन करके बिट्टी मोहन्ती का पता लगाने की कोशिश कर रही है क्योंकि उसे एक प्रमुख अपराधी माना गया है।[१] इसके बावजूद अपराधी के लापता होने के सात साल बाद भी राजस्थान सरकार कहती रही है कि उसने बिट्टी मोहन्ती को पकड़ने के सारे प्रयास कर चुकी है पर वह हाथ नहीं लगा है।[८]

गिरफ्तारी

बिट्टी मोहन्ती को 9 मार्च 2013 को केरल के कन्नूर स्थान से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस को एक बैंक शाखा से एक गुप्त-पत्र के माध्यम से जानकारी मिली थी बिट्टी वहाँ पर आंध्र प्रदेश से राघव राजन के रूप में काम कर रहा था। बिट्टी की तस्वीर ने उसे पहचान में मदद की जिसे टेलीविजन और इंटरनेट पर चल रहे यौन अपराध-आरोपियों के चित्रों में दिखाया गया था। राघव राजन के रूप में पहचान के साथ बिट्टी एक बैंक में कुछ समय से काम कर रहा था।[९][१०]

इसे भी देखिए

सन्दर्भ

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  2. साँचा:cite news
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  12. साँचा:cite web