बांसवाड़ा
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साँचा:if empty Banswara | |
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नगर | |
साँचा:location map | |
निर्देशांक: साँचा:coord | |
देश | साँचा:flag |
राज्य | राजस्थान |
ज़िला | बांसवाड़ा ज़िला |
ऊँचाई | साँचा:infobox settlement/lengthdisp |
जनसंख्या (2019) | |
• कुल | १,६०,००० |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
भाषाएँ | |
• आधिकारिक | हिन्दी |
समय मण्डल | IST (यूटीसी+5:30) |
पिन | 327001 |
टेलीफोन कोड | 02962 |
वाहन पंजीकरण | RJ-03 |
लिंगानुपात | 954 प्रति 1000 पुरुष ♂/♀ |
वेबसाइट | banswara |
बांसवाड़ा भारतीय राज्य राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित एक शहर है। यह गुजरात और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों की सीमा के निकट है। बांसवाड़ा की स्थापना राजा बासिया भील चरपोटा ने की थी इसे "सौ द्वीपों का नगर" भी कहते हैं क्योंकि यहाँ से होकर बहने वाली माही नदी में अनेकानेक से द्वीप हैं। बांसवाड़ा के आसपास का क्षेत्र अन्य क्षेत्रों की तुलना में समतल और उपजाऊ है, माही बांसवाड़ा की प्रमुख नदी है। मक्का, गेहूँ और चना बांसवाड़ा की प्रमुख फ़सलें हैं। बांसवाड़ा में लोह-अयस्क, सीसा, जस्ता, चांदी और मैंगनीज पाया जाता है। इस क्षेत्र का गठन 1530 में बांसवाड़ा रजवाड़े के रूप में किया गया था और बांसवाड़ा शहर इसकी राजधानी था। 1948 में राजस्थान राज्य में विलय होने से पहले यह मूल डूंगरपुर राज्य का एक भाग था।
परिचय
ऐतिहासिक तौर पर वागड़ राज्य की स्थापना के कई तथ्य पाए जाते हैं। एक मान्यता के अनुसार भीम सिंह ने बांसवाड़ा की नीव बचाई थी राजपूत ने वागड़ राज्य की स्थापना की थी। इस राज्य के वास्तिवक संस्थापक सामन्तसिंह थे। सामन्तसिंह के पुत्र सिंहडदेव के पौत्र वीरसिंह देव (विक्रम सम्वत 1343—1349) तक वागड़ के गुहिलवंशीय राजाओं की राजधानी बड़ौदा—डूंगरपुर थी। जब वीरसिंह के पोते डूंगरसिंह ने डूंगरपुर शहर बसाकर इसे अपनी राजधानी बनाया तब से वागड़ के राज्य का नाम उसकी नई राजधानी के नाम से डूंगरपुर प्रसिद्ध हुआ।
बांसवाड़ा के पूर्व में प्रतिवेशी पहाड़ियों द्वारा बने एक गर्त में बाई तालाब नाम से ज्ञात एक कृत्रिम तालाब है जो महारावल जगमाल की रानी द्वारा निर्मित है। लगभग 1 किलोमीटर दूर रियासत के शासकों की छतरियां हैं। कस्बे में कुछ हिन्दू व जैन मन्दिर व एक पुरानी मस्जिद भी है। अब्दुल्ला पीर दरगाह निकटस्थ ग्राम भवानपुरा में स्थित है। इस स्थान पर प्रतिवर्ष बोहरा जाति के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित होते हैं। माही परियोजना बांध की नहरों में पानी वितरण के लिए शहर के पास निर्मित कागदी पिक-अप-वियर है जो सैलानियों के लिए आकर्षण का मुख्य केन्द्र है।
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
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