बरेली की बर्फी

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बरेली की बर्फी
चित्र:Bareilly Ki Barfi Poster.jpg
निर्देशक अश्विनी अय्यर तिवारी
निर्माता विनीत जैन
रेणु रवि चोपड़ा
लेखक नितेश तिवारी
श्रेयस जैन
अभिनेता आयुष्मान खुराना
कृति सैनॉन
राजकुमार राव
संगीतकार तनिष्क बागची
अर्को
समीरा कोप्पिकर
वायु
समीर उद्दीन
छायाकार गेवमिक यू एरी
संपादक चंद्रशेखर प्रजापति
स्टूडियो जंगली पिक्चर्स
बीआर स्टूडियोज़
वितरक एए फिल्म्स
प्रदर्शन साँचा:nowrap [[Category:एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"। फ़िल्में]]
समय सीमा १२२ मिनट ४९ सेकंड
देश भारत
भाषा हिन्दी
लागत २० करोड़[३]
कुल कारोबार ५८.७५ करोड़[४]

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बरेली की बर्फी २०१७ की एक हिंदी रोमांटिक-कॉमेडी फ़िल्म है। अश्विनी अय्यर तिवारी द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में आयुष्मान खुराना, कृति सैनॉन और राजकुमार राव मुख्य भूमिकाओं में हैं। फ़िल्म की कहानी नितेश तिवारी और श्रेयस जैन ने लिखी है, और यह निकोलस बैरौ के फ्रेंच उपन्यास "द इंग्रेडिएंट्स ऑफ़ लव" पर आधारित है।[५] फ़िल्म की कहानी बरेली में रहने वाली बिट्टी (सैनॉन) के इर्द गिर्द घूमती है, जिसके जीवन में लेखक प्रीतम विद्रोही (राव) की एक किताब पढ़ने के बाद बड़ा बदलाव आता है, और फिर विद्रोही से मिलने की कोशिश में उसकी मुलाकात पुस्तक के प्रकाशक चिराग दुबे (खुराना) से होती है, जो उस पुस्तक का वास्तविक लेखक है।

बरेली की बर्फी १८ अगस्त २०१७ को दुनिया भर के सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी। फिल्म को समीक्षकों से सकारात्मक समीक्षाएं प्राप्त हुई, विशेष रूप से राजकुमार राव के अभिनय की काफी प्रशंसा की गई। फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर भी सफलता मिली;[६][७] लगभग २० करोड़ रुपये के बजट पर बनी इस फ़िल्म ने ५८.७५ करोड़ रुपये का व्यापार किया। फ़िल्म के संगीत को भी काफी पसन्द किया गया। इस फिल्म को ६३वें फिल्मफेयर पुरस्कारों में आठ नामांकन प्राप्त हुए, जिनमें से राव ने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का और सीमा भार्गव ने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार जीता भी था।

संक्षेप

बिट्टी उत्तर प्रदेश के बरेली नगर में रहने वाली एक लड़की है, जो स्थानीय विद्युत् निगम में काम करती है। बिट्टी के ना चाहते हुए भी उसकी माँ शीघ्र ही उसकी शादी करवाना चाहती है, हालाँकि उसके पिता उसकी बात समझते हैं, और उसका साथ देते हैं। एक दिन उसे देखने लड़के वाले आते हैं, और बिट्टी के एक झूठ की वजह से जब रिश्ता टूट जाता है, तो उसके माता-पिता इस पर चिंतित हो जाते हैं। इससे परेशान बिट्टी रात को घर से भाग जाती है, और रेलवे स्टेशन पर समय बिताने के लिए "बरेली की बर्फी" नामक एक उपन्यास खरीदकर पढ़ती है। बिट्टी उपन्यास की नायिका से अपनी तुलना करती है, और एक हृदय परिवर्तन के बाद उसी रात अपने घर लौट जाती है।

घर आने पर वह पुस्तक के लेखक प्रीतम विद्रोही के बारे में खोजबीन करने लगती है, और एक दिन उसी पुस्तक विक्रेता से जाकर पूछती है, जिससे उसने वह पुस्तक खरीदी थी। दुकानदार उसे चिराग दुबे नामक प्रकाशक के पास भेज देता है, जिसने यह पुस्तक छपवाने में प्रीतम की सहायता की थी। बिट्टी चिराग से मिलती है, जो इस पुस्तक का वास्तविक लेखक होता है; और उससे प्रीतम विद्रोही का पता पूछती है। चिराग ने ही ५ साल पहले अपनी प्रेमिका बबली के साथ अपने संबंधों पर यह पुस्तक लिखी थी, लेकिन फिर उसने पुस्तक के प्रकाशित होने पर बबली की बदनामी के डर से पुस्तक पर अपने मित्र प्रीतम विद्रोही का नाम छपवा दिया था।

बिट्टी को टालने के लिए चिराग उसे एक पता देता है, और फिर उससे पत्रों के माध्यम से प्रीतम बनकर बातचीत करने लगता है। धीरे धीरे वह बिट्टी के प्यार में पद जाता है, और एक दिन उसे अपनी सच्चाई बताने उसके घर जाता है, जहाँ उसे पता चलता है कि बिट्टी के घरवाले प्रीतम को बिलकुल भी पसंद नहीं करते हैं, जिसके बाद वह एक बार फिर असली प्रीतम की मदद लेने का निर्णय लेता है। वह प्रीतम की खोज में लखनऊ जाता है, और उसे परिवार के सामने एक बुरे और गुस्सैल व्यक्ति के तौर पर पेश करता है, ताकि बिट्टी भी उसे अस्वीकार कर दे। बदकिस्मती से, सब कुछ प्लान के अनुसार नहीं चलता, और प्रीतम बिट्टी को, और उसके परिवार वालों को पसंद आने लगता है। इसके बाद चिराग यह अफवाह फैला देता है की प्रीतम का तलाक हो चका है, जिस कारण रमा, जिससे प्रीतम सच में प्यार करता है, उससे नफरत करने लगती है।

इससे नाराज़ होकर प्रीतम चिराग से उसकी प्रेमिका को छीन लेने की चुनौती देता है। वह धीरे धीरे बिट्टी के परिवार वालों से घुलने-मिलने लगता है, और अपने इन इरादों में कामियाब भी हो जाता है। अंत में, प्रीतम चिराग की दुकान पर उसे अपनी और बिट्टी की सगाई का निमंत्रण देने आता है। यहाँ भी न दोनों में झगड़ा होता है, और चिराग बिट्टी के परिवार वालों को प्रीतम की और उस पुस्तक की सच्चाई बता देने की धमकी देता है। वह बिट्टी को सब बताने भी चला जाता है, लेकिन उसकी ख़ुशी देखकर कुछ कह नहीं पाता, और अपने सारे कारनामों के लिए प्रीतम से माफ़ी मांग लेता है। प्रीतम उसे दोबारा अपनी सगाई का निमंत्रण देता है।

सगाई वाले दिन प्रीतम गाला खराब होने की वजह से चिराग से बिट्टी के लिए एक पात्र पढ़ने को कहता है। चिराग वह पात्र पढ़ते पढ़ते भावुक होकर रोने लगता है, जिससे सब हैरान हो जाते हैं। तब बिट्टी से बताती है कि प्रीतम ने उसे साड़ी सच्चाई बहुत पहले ही बता दी थी, और ये सारा ड्रामा सिर्फ ये देखने के लिए था कि क्या वह बिट्टी से सच में प्यार करता भी है। इसके बाद चिराग की बिट्टी से और प्रीतम की रमा से सगाई हो जाती है, और कथावाचक दर्शकों से बरेली की प्रसिद्ध 'बर्फी' का स्वाद लेने के लिए कहता है, यदि वे कभी बरेली की यात्रा पर हों तो।

पात्र

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संगीत

बरेली की बर्फी
फ़िल्म एल्बम विभिन्न कलाकारों द्वारा
जारी ११ अगस्त २०१७
संगीत शैली बॉलीवुड संगीत
लंबाई २६:४०
लेबल ज़ी म्यूजिक कंपनी

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फ़िल्म में संगीत तनिष्क बागची, अर्को प्रभु मुख़र्जी, समीरा कोप्पिकर, वायु और समीर उद्दीन ने दिया है, जबकि गीत मुख़र्जी, बागची, शब्बीर अहमद, पुनीत शर्मा, अक्षय वर्मा और वायु ने लिखे हैं। फिल्म का पहला गीत "स्वीटी तेरा ड्रामा" २४ जुलाई २०१७ जो जारी हुआ था। इसके बाद दूसरा गीत "नज़्म नज़्म" १ जुलाई को, और तीसरा गीत "ट्विस्ट कमरिया" ८ अगस्त को जारी हुआ था। ८ गीतों वाली फिल्म की पूरी एल्बम ज़ी म्यूजिक के बैनर तले ११ ऑगस्ट २०१७ को जारी हुई।

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इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ