बरुवार(क्षत्रिय )
बरुवार[१] उत्तर भारत का क्षत्रिय राजपूत वंश है, जोकि प्राचीन त्रिलोकचंदी बैस क्षत्रिय वंश की एक शाखा है। अवध क्षेत्र के अयोध्या जनपद के अमसिन क्षेत्र में बरुवार[२] क्षत्रियों का शासन रहा था, 1857 की क्रांति तक इनका शासन यहां समाप्त हो गया। ये मूलतः उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद के भूतपूर्व डोडिया खेड़ा रियासत के मूल निवासी माने जाते हैं[३],|इनके दो पूर्वजों का नाम क्रमशः बरियार शाह और चाहू शाह [४]था यह दोनों ही डोडिया खेड़ा के शासक राय छत्तरसेन के पुत्र थे, 1570 में मुगलों के खिलाफ संघर्ष में इन दोनो को अकबर के द्वारा बंदी बना लिया गया, वहां से भागने में सफल होने पर सन् 1585 में इन्होंने अमसिन परगने पर आक्रमण किया और इस इलाके के 14 कोस की परिधि के भूभाग पर राज्य स्थापना की, बरूवार अवधी भाषा की एक उपाधि है जिसका तात्पर्य बलवान अथवा साहसी होता है,मूलतः अमसिन क्षेत्र पर भरों, चंदेलों तथा तुर्कों का शासन था जिन्हें बरुवारों ने पराजित करके इस क्षेत्र पर अपना अधिकार कर लिया| तोमर क्षत्रियों में भी बरवार नाम की एक शाखा है जो कि मुख्यता आजमगढ़ तथा बलिया जिले में मिलती है,यह स्वयं को दिल्ली के पास स्थित बड़नगर से आया हुआ बताते हैं|[५]