बद्र की लड़ाई
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बद्र की लड़ाई सन् 624 में नवोदित मुस्लिम सेना और मक्का के क़ुरैश क़बीले की सेना के बीच आधुनिक सउदी अरब के हिजाज़ क्षेत्र में 13 मार्च को लड़ा गया था। यह इस्लाम धर्म में पहली जंग थी। इसका उद्देश्य एक तिजारती काफिले के हमले का बदला लेना था। कुरैश कबीले के लोगों ने मोहम्मद सल्लल्लाहू ता. अन्हु जी के साथियों पर बहुत अत्याचार किया था इसके बदले में यह जंग हुई। इस जंग में इस्लाम धर्म के चारों ख़लीफ़ा भी मौजूद थे। इसमें मुस्लिम सेनाओं के नेतृत्व पैग़म्बर मुहम्मद साहब ने किया था और अंततः उनकी जीत हुई।[१][२]