फ्रांसिस जोजेफ प्रथम (आस्ट्रिया)

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फ्रैंज जोजेफ प्रथम (Franz Joseph I) या फ्रांसिस जोजेफ प्रथम (Francis Joseph I ; (साँचा:lang-de, साँचा:lang-hu, साँचा:lang-hr, साँचा:lang-cz, साँचा:lang-it; 18 अगस्त 1830 – 21 नवम्बर 1916), आस्ट्रिया का सम्राट तथा हंगरी, क्रोशिया और बोहेमिया का राजा था। [१] 1 मई 1850 से 24 अगस्त 1866 तक वह जर्मन कानफेडरेशन का अध्यक्ष भी रहा। आस्ट्रिया और हंगरी का सबसे लम्बी अवधि तक वह शासक था। इसके साथ ही यूरोपीय इतिहास का तृतीय सर्वाधिक लम्बी अवधि तक शासन करने वाला राजा था।

फ्रांसिस जोज़ेफ़ के पिता का ना फ्रांसिस चार्ल्स था। उसकी शिक्षा धार्मिक वातावरण में बड़ी कठोरता से हुई। १८४८ ई. की यूरोपीय क्रांति के समय उसने रेडेट्ज़्की के नेतृत्व में इटली में सैनिक सेवा की। जब इस क्रांति का दमन कर दिया गया ते श्वार्जनवर्ग के नेतृत्व में एक प्रतिक्रियावादी मंत्रिमंडल बना। उसने फर्डिनंड प्रथम को सिंहासन छोड़ने का परामर्श दिया और उसके भतीजे फ्रांसिस जोज़ेफ़ को सम्राट् बनाया (२ दिसंबर, १८४८ ई.)। इस मंत्रिमंडल ने जर्मनी, इटली और हंगरी में, जो साम्राज्य के भाग थे, दमन का चक्र चलाया और आस्ट्रिया की संसद के अधिकार भी छीन लिए। फ्रांसिस जोज़ेफ़ ने सारी राजसत्ता अपने हाथ में ले ली।

असंतोष को दूर करने के लिए उसने १८६० ई. में प्रांतीय विधानमंडलों को कुछ अधिकार दिए। १८६१ में उसने केंद्रीय संसद् की स्थापना की जिसको सभी प्रांतों से पारित कानूनों को स्वीकृत या अस्वीकृत करने का अधिकार दिया। इसके फलस्वरूप प्राय: सभी जर्मन प्रांत आस्ट्रिया के साम्राज्य से अलग हो गए और स्लाव जाति ने संघीय शासन की स्थापना की मांग की। ऐसी दशा में फ्रांसिस जोज़ेफ़ ने १८६७ में हंगरी से समझौता किया जिससे उसे आंतरिक मामलों में बहुत अधिकार मिल गए।

जब १८७८ ई. में रूस ने टर्की पर अपना आधिपत्य जमाना चाहा तो ब्रिटेन के साथ फ्रांसिस जोजेफ़ ने भी इसका विरोध किया क्योंकि उसे भय था कि यदि स्लाव जाति को इस प्रकार प्रोत्साहन मिला तो उसका साम्राज्य छिन्न भिन्न हो जाएगा। बर्लिन सम्मेलन में आस्ट्रिया को टर्कीं के तीन प्रदेश प्रबंध करने के लिए मिले। १९०८ ई. में आस्ट्रिया ने इनमें से दो बोलिविया और हस्त्रिगोविना को अपने साम्राज्य में मिला लिया।

१८८०-९० के बीच साम्राज्य के अनेक प्रांतों ने स्वायत्त शासन की माँग की किंतु फ्रांसिस जोज़ेफ़ ने उनकी इस मांग को स्वीकार न किया। संवैधानिक शासन में उसकी बिलकुल आस्था न थी। साम्राज्य की जातियों को संगठित रखना वह अपना प्रमुख कर्त्तव्य समझता था। उसी के भतीजे आर्क ड्यूक फ्रांसिस फर्डिनंड की १९१४ में हत्या के फलस्वरूप प्रथम विश्वयुद्ध प्रारंभ हुआ। वह जर्मन जाति से पूर्ण सहानुभूति रखता था, अत: उसने विश्वयुद्ध में जर्मनी की पूर्ण सहायता की।

सन्दर्भ

  1. Francis Joseph स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, in Encyclopædia Britannica. Retrieved 19 April 2009